कृषि कार्यालय में समय पर नहीं आते अधिकारी लटका रहता है ताला…
सरकारी दफ्तरों की लापरवाही का आलम देखना हो तो जिला मुख्यालय स्थित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय एंव मिट्टी परीक्षण कार्यालय चले आइये. यहां सरकारी कामकाज नहीं, बल्कि लापरवाही, ढीलेपन और मनमर्जी का बोलबाला है….
छिदंवाडा/ सरकारी दफ्तरों की लापरवाही का आलम देखना हो तो छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय स्थित कृषि और मिट्टी परीक्षण कार्यालय चले आइये. यहां सरकारी कामकाज नहीं, बल्कि लापरवाही, ढीलेपन और मनमर्जी का बोलबाला है.

वरिष्ठ कृषि विकास कार्यालय छिंदवाड़ा में लटका हुआ है ताला..?
जिला मुख्यालय में संचालित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के कार्यालय की हालात इतने बदतर हैं कि किसान कहने लगे है कि 12 बजे लेट दो बजे भेंट नहीं. अधिकारी दफ्तरों से नदारद रहते हैं और कर्मचारी मनमर्जी से आते-जाते हैं. किसानो की यहां की कोई सुनवाई नहीं और जिम्मेदार बेखबर है…काम के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है. जिससे किसानों को रोज बेवजह परेशानी होती है. लेकिन किसी को इसकी परवाह नहीं. छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय के बरिष्ट कृषि विकास अधिकारी तो महिने में एक दो बार ही कार्यालय में मिलती है ये कार्यालय में रोज सुबह साढ़े 10 बजे से ही किसान अपनी समस्याएं लेकर पहुंच जाते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती. जिससे किसान भी अब आना जाना छोड़ रहे है. क्योंकि अधिकारी गायब रहते हैं और कर्मचारी अपने हिसाब से आते-जाते हैं.
अनुविभागीय अधिकारी
कृषि कल्याण तथा कृषि विकास
विभाग छिंदवाड़ा का भी ऐसा ही हाल..!
जिला मुख्यालय के अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय कृषि कल्याण तथा कृषि विकास विभाग का भी ऐसा ही हाल है जंहा एक भी कर्मचारी एवं अधिकारी कार्यालय में समय पर नहीं पहुँते है यंहा का भी हाल बुरा है. किसान इन दिनों आपनी फसल बुआई की समस्या, बीज, खाद की समस्या लेकर आते है लेकिन एक भी कर्मचारी अधिकारी यहां नहीं मिलते है,, लेकिन वहां कोई सुनने वाला नहीं. कर्मचारियों का रवैया बेहद लापरवाह है और अधिकारी आमतौर पर मौजूद ही नहीं रहते. यहां बताते चले कि गांवों से दूर- दराज से आने वाले किसानों में भारी आक्रोश है. छिंदवाड़ा मुख्यालय के आसपास के गांव के किसान , आते है तो कार्यालय में ताला लगा रहता है और कोई कर्मचारी नही रहते है अन्य कृषि कार्यालय के भी ऐसे ही हाल देखने को मिला जंहा चपरासी के अलावा कोई नहीं मिले, किसानों ने बताया की पिछले तीन दिनों से चक्कर काट रहा हूं, लेकिन अधिकारी मिल ही नहीं रहे है.

मिट्टी परीक्षण कार्यालय के भी यही हाल
जिला मुख्यालय में संचालित मिट्टी परीक्षण कार्यालय के भी यही हाल है यहां पर भी एक भी अधिकारी कर्मचारी नहीं मिले सिर्फ चपरासी ने 10:30 बजे ऑफिस खोल, उनका कहना है कि साहब 11:30 बजे ऑफिस आ जाएंगे लेकिन छिंदवाड़ा जिले में अधिकारी / कर्मचारी शासन के नियम की कैसी धज्जियां उड़ा रहे हैं यह यहां पर देखने को मिल सकता है


क्या कहते है छिदंवाडा मुख्यालय आने वाले किसान..
कृषि कार्यालय आये दिन 11 बजे के बाद ही खुलता है. अधिकारियों और कर्मचारी अपनी मन मर्जी से आते है. जब भी आते हैं, दफ्तर में या तो ताला लगा होता है या फिर कर्मचारी अपने मन से गायब रहते हैं.मिट्टी परीक्षण जिला मुख्यालय के चपरासी ने बताया के साहब 11 बजे के बाद आते है लेकिन यहां कोई नहीं था. एक घंटे खड़े रहने के बाद भी कोई नहीं आया. कार्यालय बंद रहने का मतलब कर्मचारी और अधिकारी दोनों मन मर्जी से चलते है. इतनी बड़ी लापरवाही के वजह से आम किसान परेशान है और अधिकारियों को कोई परवाह नहीं है.सरकारी दफ्तरों में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती. अधिकारी और कर्मचारी जनता के पैसों से वेतन लेते हैं, लेकिन जनता को कोई सुविधा नहीं देते. सबंधित विभाग के आला अधिकारी को जल्द से जल्द इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिये, वरना जनता को आंदोलन करना पड़ेगा.
ये पहली बार नहीं है जब कृषि कार्यालय में लापरवाही देखने को मिली है. यहां का हाल हमेशा ऐसा ही रहता है. अधिकारी और कर्मचारी सिर्फ वेतन उठाने के लिए आते हैं, जनता के लिए नहीं. अगर जनता के लिए आते तो समय से कार्यालय खुलता.
वरिष्ठ कृषि विकास कार्यालय छिंदवाड़ा में समय पर नही आते अधिकारी कर्मचारी ?

जिला मुख्यालय में संचालित वरिष्ठ कृषि विकास कार्यालय के . अधिकारी और कर्मचारी अपने हिसाब से आते-जाते हैं. आम किसानों को कोई सुविधा नहीं मिलती. अगर यह स्थिति जारी रही. तो किसानों का कहना है कि हम लोगों को प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करना पड़ेगा
कृषि उपसंचालक से जब इस बिषय में बात कियें तो उनका कहना है कल बात करते है, में अभी बाहर हुँ, आखिर ऐसी अनियमितता की जांच कौन करेगा, यदि ऐसे ही चलते रहा तो किसानो की समस्या कौन सुनने वाला है जब विभाग के उच्च अधिकारी का ऐसा ही संरक्षण मिलते रहेगा तो विभाग तो राम भरोसे ही चलेगा..! कृषि विभाग केअधिकारी कर्मचारी को इस समय जब किसान एक एक बोरी यूरिया खाद के लिए सुबह चार बजे से यूरिया खाद की दुकानों के सामने लाइन लगाकर बैठा है और अधिकारी इस समय मौज कर रहे हैं जब लगे तब वह अपने कार्यालय पर आ रहे हैं तो फिर इन किसानों के समस्याओं को कौन सुनेगा सोचने का विषय है कि किसान की समस्या सुनने के लिए ही कृषि विभाग बना है लेकिन यहां के लापरवाह अधिकारी के कारण आज जिले का किसान परेशान देख रहा है , आखिर इन लापरवाही करने वाले अधिकारी कर्मचारी पर कार्यवाही करेगा कौन…?






