बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिये आवश्यक गाईडलाईन जारी
छिन्दवाड़ा/ बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिये आवश्यक गाईडलाईन जारी की गई है जिसके अनुसार- बाढ़ की स्थिति में – बिजली और गैस कनेक्शन बंद कर दें। अतिरिक्त पानी को बाहर निकाल दें और एक ऊंचे स्थान पर जाएँ। इस स्थिति में नल का पानी न पिएं। बाढ़ वाले क्षेत्रों में ड्राइव न करें और गहरे, अज्ञात जल में प्रवेश न करें।
बाढ़ से पहले – शांत रहे, घबराएं नहीं व अफवाहों पर ध्यान न दें। संपर्क क्षेत्र में बने रहने के लिए अपने मोबाइल फोन चार्ज रखें, एसएमएस का इस्तेमाल करें। मौसम की ताजा जानकारी के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें, समाचार पत्र पढ़ें। मवेशियों और पशुओं की सुरक्षा के लिए उन्हें बांधकर न रखें। एक आपदा किट अवश्य तैयार करें जिसमें सुरक्षित रहने का आवश्यक सामान हो। अपने दस्तावेज और कीमती सामान एक जलरोधक थैले में रखें। अपने नजदीक बने सुरक्षित आश्रयों के रास्तों की जानकारी रखें। स्थानीय अधिकारियों से निर्देश मिलने पर घर छोड़ने में समय न लगाएँ। कम से कम एक सप्ताह के लिए पर्याप्त तैयार भोजन और पानी स्टोर करें। नहरों, नालों, जल निकासी चैनलों जैसे फ्लैश फ्लड क्षेत्रों से अवगत रहें।

बाढ़ के दौरान – बाढ़ के पानी में प्रवेश करने से बचें। यदि प्रवेश करना आवश्यक है तो उपयुक्त जूते पहनें। सीवेज लाइनों, गटरों और नालियों आदि से दूर रहें। बिजली के गिरे हुए तारों और खम्भों से दूर रहें। दृश्य संकेतों (लाल झंडे या बैरिकेड्स) के द्वारा खुली नालियों या मैनहोल को चिन्हित करें। बाढ़ के पानी में न उतरें और न ही गाड़ी चलाएं। याद रखें, सिर्फ दो फीट ऊंचा
बाढ़ का पानी बड़े वाहन को बहा सकता है। ताजा पकाया हुआ या सूखा खाना खाएं । खाने को हमेशा ढक कर रखें। पानी उबालकर/क्लोरीन डालकर पिएं एवं अपने आस-पास सफाई रखने के लिए कीटाणुनाशक का प्रयोग करें।
यदि आपको घर खाली करना हो तब – फर्नीचर और बिजली के उपकरण इत्यादि पलंगों और मेज़ों पर रख दें। शौचालयों में रेत से भरा बोरा रख दें और अन्य नालियों को भी ढक दें जिससे मैला प्रतिवाहित न हो सके। घर छोड़ने से पहले बिजली और गैस के कनेक्शन बंद कर दें। एक ऊंचे ठिकाने/सुरक्षित आश्रय पर चले जाएँ। आपातकालीन किट, प्राथमिक उपचार पेटी, कीमती सामान और ज़रूरी कागज़ात अपने साथ ले जाएँ। गहरे और अनजान पानी में न उतरें। पानी की गहराई जानने के लिए एक छड़ी का उपयोग करें। स्थानीय अधिकारियों द्वारा स्थिति सामान्य होने की घोषणा किए जाने पर हीं घर लौटें। अपने परिवार के साथ एक ऐसी संचार योजना बनायें जिससे बिछड़ जाने की स्थिति में एक दूसरे से सम्पर्क हो सके। बाढ़ के पानी से गीले हुए सभी सामानों को साफ कर कीटाणुरहित बनाएं।






