सांकेतिक चित्र
तीन बच्चे वाले हो जाएं सतर्क, खतरे में है आपकी नौकरी…?
शिक्षक मतभान शाह मसकोले पर जनजातीय विभाग कब करेगा करवाई…?
छिदंवाडा के जनजातीय विभाग में पदस्थ तीन संतान वाले शिक्षकों पर कब होगी कार्यवाही..?
पंचायत दिशा समाचार
छिंदवाड़ा/ मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में इन दिनों जनजाति कर विभाग में दर्जनों ऐसे शिक्षक हैं जिनकी तीन संतान होने के बाद भी आज भी नौकरी कर रहे हैं लेकिन विभाग में बैठे सहायक आयुक्त उनकी जानकारी आज तक भोपाल आयुक्त तक नहीं पहुंचा रहे हैं..
हर्रई विकासखंड में पदस्थ शिक्षक मतभान शाह मर्सकोले की तीन संतान होने के बाद कोई कार्यवाही नहीं.. आखिर क्यों..?
जनजाति कार्यविभाग छिंदवाड़ा के हर्रई विकासखंड में पदस्थ शिक्षक मतभान शाह मसकोले की तीन संतान होने के बाद भी आज दिनांक तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है और वो आज भी शासन को गुमराह करके नौकरी कर रहे है..
अगर आपके तीन बच्चे हैं और आप सरकारी नौकरी ले रहे हैं, तो आपको इससे हाथ धोना पड़ सकता है। जी हां, एक और ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से सामने आया है। मध्य प्रदेश सरकार के नियम होने के बाद भी छिंदवाड़ा जिले में ऐसे दर्जनों शिक्षा के जिनकी तीन संतान है उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और सहायक आयुक्त कार्यालय छिंदवाड़ा में ऐसे दर्जनों शिक्षक जिनकी तीन संतान है उनकी जानकारी सहायक आयुक्त कार्यालय के बाबुओं ने छुपा के रखी है जबकि ऐ शिक्षक अपात्र है

शिक्षक मतभान शाह मसकोले पर कब गिरेगी गाज..?
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के हर्रई में पदस्थ एक सरकारी शिक्षक मतभान शाह मसकोले के तीन बच्चे होने पर भी उन पर आज तक कोई करवाई सहायक आयुक्त जनजातीय विभाग के कार्यालय से नहीं हो रही है,इनकी  मूल पदस्थ संस्था जीलहरी प्राथमिक शाला माई टोला संकुल केंद्र भूमका एवं वर्तमान में बालक आश्रम परतापुर में कार्यरत है अधीक्षक के पद पर और जुन्नारदेव प्रशासनिक ट्रांसफर हो गया है लेकिन पाँच बार निलंबित होने के बाद भी इन्हें फिर बालक आश्रम परतापुर का अधीक्षक बना दिया गया, ऐसे दर्जनों शिक्षक है जिनकी तीन संतान है लेकिन बाबू से मेल मिला कर ऐसे शिक्षक वर्षों से अपनी जानकारी छुपा कर रखे हुए हैं जबकि मध्य प्रदेश शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि जिन शिक्षक की 2001 के बाद तीन संतान है उन्हें तत्काल नौकरी से बर्खास्त किया जाए….
तीन संतान की जानकारी छुपाने वाले शिक्षक को अब नौकरी से हाथ धोना पड़ गया। साथ ही उसके ऊपर गलत जानकारी देने पर एफआईआर किए जाने के लिए भी निर्देश है।
मतभान शाह मसकोले की कई बार शिकायत होने के बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है जबकि मतभान शाह मसकोले के तीन बच्चे हैं और उसने गलत जानकारी देकर नौकरी हासिल की है, जबकि मध्य प्रदेश सरकार की ओर से कानून बनाकर दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य करार दिया गया था।
अब कानूनी कार्रवाई का सामना
नौकरी के समय भी इसके लिए शपथ पत्र लिया जाता है। शिकायत मिलने के बाद जांच कर कार्रवाई नहीं कर रहे है
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार के नियम के अनुसार, कोई भी सरकारी सेवक के अगर 26 जनवरी 2001 के बाद दो से ज्यादा बच्चे हैं, तो वह सरकारी नौकरी के लिए योग्य नहीं होगा। वहीं, मध्य प्रदेश में ये ऐसा पहला मामला नहीं है। इससे पहले जून में इंदौर की एक महिला टीचर को तीसरा बच्चा होने की वजह से नौकरी से निकाल दिया गया था।
दुसरा मामला…
एमपी में तीसरी संतान होने पर गई सरकारी महिला टीचर की नौकरी, मचा हड़कंप
महिला शिक्षक के खिलाफ हुई थी तीसरी संतान की जानकारी छिपाकर नौकरी का लाभ देने की शिकायत, संयुक्त संचालक भोपाल ने की गई थी, जिसके बाद नौकरी से बर्खास्त कर दिया
मध्यप्रदेश के छतरपुर में एक सरकारी महिला टीचर पर हुए एक्शन के बाद पूरे मध्यप्रदेश के सरकारी शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। दरअसल छतरपुर जिले में एक सरकारी लेडी टीचर को तीसरा बच्चा होने के बाद नौकरी से निकाल दिया गया है। संयुक्त संचालक भोपाल की ओर से लेडी टीचर की सेवाएं समाप्त किए जाने का आदेश जारी हुआ है। महिला टीचर पर आरोप है उन्होंने तीसरी संतान होने के बावजूद सरकारी नौकरी का लाभ लिया है।
2022 में हुई थी लेडी टीचर की शिकायत
छतरपुर जिले के धमौरा स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ महिला शिक्षक रंजीता साहू की सेवाएं संयुक्त संचालक भोपाल ने समाप्त कर दी हैं। यह कार्रवाई 2022 में हुई एक शिकायत के आधार पर की गई, जिसमें यह आरोप था कि रंजीता साहू ने तीन संतान होने के बावजूद सरकारी नौकरी का लाभ लिया। शिकायत में ये भी कहा गया था कि तीसरी संतान होने के बावजूद रंजीता साहू ने इस बात को छिपाया और नौकरी का लाभ लेती रहीं।
तीसरी संतान होने पर गई लेडी टीचर की नौकरी
टीचर रंजीता साहू के खिलाफ मिली इस शिकायत के बाद विभाग ने जांच शुरू की और जुलाई 2023 में उन्हें आरोप पत्र जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का समय दिया। जब रंजीता साहू का प्रतिवाद समाधानकारक नहीं पाया गया, तो विभागीय जांच की गई और निष्कर्ष में यह पुष्टि हुई कि उन्होंने 2001 के बाद तृतीय संतान के जन्म का तथ्य छिपाया था। इस गंभीर उल्लंघन के बाद संयुक्त संचालक सागर ने महिला शिक्षक रंजीता साहू की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।
आखिर छिंदवाड़ा के जनजातीय विभाग में क्यों नहीं हो रही कार्रवाई , सहायक आयुक्त एंव विभाग के बाबू क्यों नही भेंज रहे ऐसे शिक्षकों की जानकारी विभाग को..?
रिपोर्ट -ठा. रामकुमार राजपूत
मोबाइल -8989115284
 
            
