मिर्च की खेती से लखपति हुआ किसान…
किसान ने ड्रिप सिंचाई अपना कर उत्पादन 4 टन से बढ़कर 16 टन किया..
छिन्दवाड़ा/ मध्यप्रदेश के किसान इन दोनों खेती को लाभ का धंधा बना रहे हैं, छिंदवाड़ा जिले के कृषि उपसंचालक जितेंद्र सिंह के कुशल मार्गदर्शन से इस समय छिंदवाड़ा जिले के कृषक खेती को लाभ का धंधा बना रहे हैं इसका जीता जागता उदाहरण छिंदवाड़ा जिले के परासिया विकासखंड के एक छोटे से गांव छाबड़ी कला में रहने वाले कृषक श्री राजकुमार पवार है, जिले में और भी ऐसे कई किसान है जिन्होंने खेती से लाखों/ करोड़ों रुपए खेती से हर साल कम रहे हैं, ऐसे ही किसान है राजकुमार पवार है, जिसने परंपरागत खेती के तरीकों को छोड़कर आधुनिक तकनीक को अपनाकर अपनी और अपने परिवार की ज़िन्दगी बदल दी। कृषक श्री राजकुमार पवार के पास 1.650 हेक्टेयर भूमि है। पहले वे मुख्य रूप से मिर्च की खेती करते थे और औसतन 4 टन उत्पादन लेते थे, जिससे उन्हें 2,25,000 रुपये की आय होती थी।
राजकुमार के परिवार ने कई पीढ़ियों से साग-सब्जी और अन्य फसलें उगाई हैं। परंपरागत तरीकों से खेती करने के कारण उन्हें बहुत कम उपज मिलती थी और फसलों की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं होती थी। इससे परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी और वे बुनियादी जरूरतें जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च करने में असमर्थ थे,सिंचाई योजना के तहत कृषक श्री राजकुमार को ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगाने का मौका मिला। इस आधुनिक सिंचाई तकनीक ने उनकी खेती में क्रांति ला दी। कम पानी में अधिक क्षेत्र में बेहतर गुणवत्ता वाली फसलें पैदा होने लगीं। पहले जहां वे एक एकड़ जमीन से केवल 4-5 टन फसल ले पाते थे, वहीं ड्रिप सिंचाई के बाद यह उत्पादन बढ़कर 16 टन हो गया है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- (2013-14) के तहत उन्हें 70 प्रतिशत अनुदान मिलने के बाद उनके जीवन में एक नया मोड़ आया। इस योजना के अंतर्गत उन्हें मिली सुविधाओं के कारण उनका उत्पादन बढ़ा और आय में वृध्दि हुई। योजना का लाभ लेने के बाद उन्होंने बैंक ऋण लिया, अपना घर पक्का किया, परिवार के सदस्यों की पढ़ाई और शादी के खर्च पूरे किए, जमीन खरीदी और एक चार पहिया वाहन भी खरीद लिया। इसके अलावा, उन्होंने पोटैटो सीड ड्रिल जैसा आधुनिक कृषि उपकरण भी खरीदकर अपनी खेती को और अधिक आधुनिक बनाया है। इससे न केवल उनकी आय कई गुना बढ़ गई, बल्कि उन्हें फसलों के बेहतर प्रबंधन के लिए भी समय मिलने लगा। उन्होंने उन्नत बीजों का उपयोग करना शुरू किया और खादों का सही इस्तेमाल करने लगे। इससे उनकी फसलों की गुणवत्ता में और सुधार हुआ और उन्हें बाजार में अच्छा दाम मिलने लगा।
बढ़ती आय के कारण राजकुमार ने अपने परिवार के जीवन स्तर में सुधार लाना शुरू किया। उन्होंने अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए खर्च किया और घर में आज कई सुविधाएं जुटाईं।
रिपोर्ट- ठा.रामकुमार
राजपूत
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