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15 दिन बाद ही ससुर ने दमाद को मौत के घाट उतारक अपनी बेटी का उजाड़…

ससुर ने दमाद को मौत के घाट उतारक अपनी बेटी का उजाड़ दिया सुहाग

घारदार हथियार ने किया हमला, पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

छिंदवाड़ा जिलें के कोयला अंचल चांदामेटा थाना क्षेत्र के रहने वाले एक पिता ने अपने नाबालिग बेटे के साथ मिलकर दमाद को मौत के घाट उतारकर अपनी ही बेटी का सुहाग उजाड़ दिया। घटना की खबर आग की तरह फैलते ही घटना स्थल पर लोगों को जमावड़ा लग गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। आज सुबह पुलिस ने शव का मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया है। पुलिस दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। घटना का कारण प्रेम विवाह बताया जा रहा है।
जानकारी अनुसार योगेश पिता दयाराम मालवी उम्र 24 साल चांदामेटा के बढिया लाइन रहने वाला है। पिछले महीने उसे अपने ही रजक समाज की युवती से प्रेम विवाह किया था। इस विवाह से उसके पिता नाराज थे। रविवार की रात 9.30 बजे बिल्लु उर्फ ब्रजेश मालवी अपने नाबालिग बेटे के साथ दमाद योगेश के घर पहुंचा। दरवाजा खटखटाकर उसे बाहर बुलाया। जैसे ही योगेश बाहर आया। सुसर ने दमाद के साथ गाली-गलौज करते हुए चाकू से ताबड़तोड हमला करना शुरू कर दिया। घटना के वक्त योगेश की पत्नी घर पर ही मौजूद थी। शोर-शराबा सुनकर उसकी पत्नी और आसपास के पड़ोसी बाहर आ गए। पड़ोसियों ने आरोपी ससुर को पकड़ लिया, लेकिन नाबालिग साला मौके से भाग निकला। पडोसियों ने तत्काल डायल 100 को सूचना दी। घायल को परासिया के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में एसडीओपी जितेंद्र जाट ने बताया कि आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। इस मामले में पूछताछ की जा रही है। जांच के बाद आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया जाएगा।

एक महीने पहले किया था प्रेम विवाह

योगेश मालवीय ने आरोपी की बेटी से अगस्त में प्रेम-विवाह किया था। दोनों घर से चले गए थे। दोनों एक ही समाज के हैं। आरोपी पिता बेटी की शादी से नाराज था। उनका कहना था कि जिस बेटी को जीवनभर पाला-पोसा और पढ़ाया-लिखाया, उसने परिवार वालों की सहमति के बिना शादी कर ली।

युवती की दादा ने कराई थी कोर्ट मैरिज

बता दें मृतक और युवती एक ही समाज के थे। दोनों में काफी लंबे समय से प्रेम था। दोनों शादी करना चाहते थे। इसके बाद भी युवती के पिता शादी के लिए राजी नहीं थे। वह नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी की योगेश से शादी हो। हालांकि युवती के दादाजी ने इस शादी को अंजाम तक पहुंचाया। दोनों की कोर्ट मैरिज करवाई। इसके बाद से पिता युवती और दमाद से नाराज रहने लगे।