Home CITY NEWS जनजाति कार्य विभाग में अपात्र शिक्षक/शिक्षिका दे रहे हैं सेवाएं…

जनजाति कार्य विभाग में अपात्र शिक्षक/शिक्षिका दे रहे हैं सेवाएं…

जनजाति कार्य विभाग में अपात्र शिक्षक/शिक्षिका दे रहे हैं सेवाएं…

पंचायत दिशा समाचार

छिंदवाड़ा/ जिलें के जनजातीय कार्य विभाग कार्यालय सहायक आयुक्त, में इन दिनों सेंकडो अपात्र शिक्षक /शिक्षिका सेवा दे रहे है, ऐसे शिक्षक जिनकी 2001 के बाद तीसरी संतान होने के बाद भी आज भी मजे से नौकरी कर रहे हैं जनजाति कार्य विभाग सिर्फ कागजी खानापूर्ति तक ही सीमित रह गया है। 26 जनवरी 2001 के बाद जिन शिक्षकों की तीन संतानें हैं, उन्हें चिन्हित कर जनजाति कार्य विभाग के द्वारा उन्हें नोटिस देने के बाद वर्ष 2025 तक ऐसे शिक्षक /शिक्षिकाओं पर कार्रवाई के बजाय सिर्फ जुबानी खर्च से विभाग काम चला रहा है । प्रदेश में सरकार ने विगत वर्ष पहले कर्मचारियों से तीसरी संतान की जानकारी देने के आदेश दिया था उसके बाद पूरे प्रदेश में तीन संतान शिक्षक शिक्षिकाओं में हड़कंप मचा गया था, सबसे ज्यादा खराब स्थिति जनजातीय विभाग एंव शिक्षा विभाग में बनीं हुई थी । सैकड़ों की संख्या में जनजातीय विभाग एंव शिक्षा विभाग में ऐसे शिक्षक हैं, जिनकी 26 जनवरी 2001 के बाद की तीसरी संतान हैं, विभाग के पास पूरी जानकारी मौजूद है। मजे की बात तो यह है कि कार्यालय जनजाति कार्य विभाग आयुक्त के द्वारा जून 2020 में नोटिस भी जारी हुए थे, जिसमें सहायक आयुक्त ने कर्मचारियों से जवाब मांगा था, जवाब न मिलने पर एक पक्षीय कार्यवाही करने का भी उल्लेख पत्र के माध्यम से किया गया था, लेकिन उसके बाद भी आज तक कार्यवाही न होना अधिकारियों की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करता है।

तीन संतान वाले शिक्षक /शिक्षिकाओं की विभाग के पास है लिस्ट…

कार्यालय सहायक आयुक्त, जनजाति कार्य विभाग के पास ऐसे शिक्षकों की लिस्ट मौजूद हैं, जिनके 26 जनवरी 2001 के बाद तीसरी संताने हैं, जिनमें हर्रई, तामिया जुन्नाारदेव , मोहखेड़, विकास खंड के दर्जनों ऐसे शिक्षिक/ शिक्षिका हैं, जिनकी 26 जनवरी 2001 के बाद तीसरे बच्चे का जन्म हुआ, लेकिन जानकारी होने के बावजूद विभाग चुप्पी साधे हुए हैं..!

यह कहती है मध्यप्रदेश सरकार की गाइड लाइन…

जनजाति कार्य विभाग (शिक्षा विभाग )में 26 जनवरी 2001 के बाद हुई तीसरी संतान वाले अधिकारी, शिक्षक और कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक हो सकती है। कारण विभाग में हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं। जनजाति कार्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक अब तक चारों ब्लाकों से कर्मचारी ऐसे सामने आए हैं, जिनकी 26 जनवरी 2001 के बाद तीसरी संतान का जन्म हुआ है। जिन्हें नोटिस जारी कर वस्तुस्थिति स्पष्ट करने को कहा गया था , लेकिन उसके बाद भी आज तक जिम्मेदार इसमें कुछ नहीं कर पाए।

सांकेतिक चित्र

दो से अधिक संतान के संबंध में मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन भोपाल ने किया था पत्र जारी

दो से अधिक संतान के संबंध में मप्र शासन सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के परिपत्र 10 मई 2000 द्वारा मप्र सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 6 के उपनियम-4 के उपनियम के तहत तीसरी संतान का जन्म 26 जनवरी 2001 या उसके बाद हुआ है। इस संबंध में स्पष्ट आदेश है कि कोई भी उम्मीदवार जिसकी दो से अधिक जीवित संतान हैं, जिनमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को या उसके बाद हो वह किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा।

हाईकोर्ट ने माना दो से ज्यादा संतान वाले अपात्र…

हाईकोर्ट की बैंच के 30 जून 2021 के एक मामले में पारित निर्णय की मानें तो 26 जनवरी 2001 के बाद जिन सरकारी शिक्षकों एवं कर्मचारियों की 2 से ज्यादा संतानें हुई हैं, उन्हें अपात्र कर दिया जाएगा। इस आदेश के बाद सरकारी सेवकों में हड़कंप मच गया था। एक मामले में अपीलार्थी ने मप्र शासन के खिलाफ रिट पिटिशन दायर की थी। जिसमें अपीलार्थी ने कहा था, कि नौकरी लगने के विज्ञापन में तीन बच्चों की जानकारी का नहीं लिखा है, इसके लिए उन्हें नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाए। हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में यह कहते हुए अपील को खारिज कर दिया कि सिविल सर्विसेज नियम 2001 पहले बने हैं।

सहायक अध्यापक वामनराव इन्दौरकर पर सहायक आयुक्त मेहरवान….

जिलें के जनजातीय विभाग में तीन संतान वाले शिक्षक/शिक्षिका आज मजे से नौकरी कर रहे हैं इसका मुख्य कारण है कि सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग छिंदवाड़ा में यंहा बैठे बाबू ऐसे शिक्षक की फाइल दबा कर बैठे हैं क्योंकि इस काम के लिए तीन संतान वाले शिक्षक इनको अच्छा खासा चढ़ावा देते चले आ रहे हैं इसलिए तो आज तक विभाग में ऐसे शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है
ऐसा ही मामला जुन्नारदेव विकासखंड में पदस्थ वामनराव इंदौरकर सहायक अध्यापक की विभाग के द्वारा पूर्ण जांच होने के बाद भी आज तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है जबकि जांच में स्पष्ट हो गया था कि वामनराव इन्दौरकर द्वारा वर्ष 2007-8 में शासकीय सेवा में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त के लिए शासन द्वारा निर्धारित शासकीय सेवा भर्ती नियमों का पालन नहीं कर गलत तत्व एवं अपने जीवित तीन से अधिक बच्चों की जानकारी निम्नानुसार प्रस्तुत न कर शासन को धोखा दिया गया है.. लेकिन जाँच पूरी होने के बाद भी सहायक आयुक्त सतेंद्र सिंह मरकाम ऐसे शिक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं…

हर्रई बीईओ प्रकाश कालंबे भी मेहरबानी दिखा रहे हैं मतभान शाह से मर्सकोले पर….

दुसरा मामला :-
हर्रई विकासखंड के परतापुर के आदिवासी बालक आश्रम में अधीक्षक के पद पर पदस्थ अधीक्षक मतभान शाह मसकोले जिनकी तीन जीवित संतान होने के बाद भी मजे से नौकरी कर रहे हैं जबकि इसकी जानकारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी हर्रई एंव जिला मुख्यालय के जनजाति कार्यालय के बाबू से लेकर सहायक अब तक इसकी जानकारी है, लेकिन इन दोनों शायद जनजाति कार्यालय के बाबू से लेकर अधिकारी तक तीन संतान वाले शिक्षक पर मेहरबानी देखा रहे है, शिकायत होने के बाद विभाग के अधिकारी जांच चल रही है, ऐसा कहते कहते आज 3 साल हो गए लेकिन एक भी शिक्षक पर कोई जांच एवं कार्रवाई नहीं की गई है

सहायक आयुक्त वर्जन

इस प्रकार के प्रकरणों पर लगातार प्रक्रिया चल रही है, संबंधितों का पक्ष भी लिया जा रहा है।

सतेंद्र सिंह मरकाम सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग विभाग छिदंवाडा