डीपीसी की मेहरबानी से बरसों से एक ही छात्रावास में पदस्थ है वार्डन…
छिंदवाड़ा/ मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में सर्व शिक्षा अभियान के द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विधालय एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस बालिका छात्रावास संचालित हो रहे हैं। जिलें में संचालित आधे से ज्यादा छात्रावास ऐसे हैं, जिनमें वार्डन बनकर शिक्षिकाएं सालों से जमी हैं। जबकि एक छात्रावास में वार्डन के रूप में 3 साल से ज्यादा समय तक पदस्थ रहने का नियम नहीं है। ऐसे में जिलें में पदस्थ डीपीसी जगदीश इंडपाची के अपने नियम कायदे चल रहे हैं और डीपीसी शासन के नियम कायदों की धज्जियां उड रही है…

सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना अधिकारी अनजान बनकर खेल रहे बड़े खेल…?
छिंदवाड़ा जिले में संचालित होने वाले कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विधालय एवं छात्रावास में इन दोनों बड़े-बड़े खेल चल रहे हैं सालों से एक ही जगह पदस्थ वार्डन खुलकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रही हैं..जिसमें जिलें में बैठे परियोजना अधिकारी की इनको खुली छूट मिल रही है इन छात्रावास में प्रतिवर्ष शासन की ओर से लाखों की राशि मिलता है जिसमें वार्डन से लेकर जिले में बैठे जिला परियोजना अधिकारी सब गोलमाल कर देते हैं…
सर्व शिक्षा अभियान के छात्रावास एवं स्कूलों में सप्लाई का बड़ा खेल…?
जिले के सर्व शिक्षा अभियान में इन दिनों बडा खेल चल रहा है सूत्रों की जानकारी के अनुसार सर्व शिक्षा अभियान के डीपीसी इन दिनों स्कूलों में एवं छात्रावास में सामग्री सप्लाई करने वाले सप्लायर के साथ मिलकर डीपीसी बड़ा खेल खेल रहे हैं,पिछले दो साल पहले भी डीपीसी जगदीश इंडपाची का एक लेनदेन का वीडियो सामने आया था, जिसमें रात्रि के समय आपने कार्यालय के सामने गाड़ी में बैठकर लाखों का लेनदेन कर रहे थे, क्योंकि पिछले कुछ बरसों से स्कूल एंव सर्व शिक्षा अभियान द्वारा संचालित छात्रावास में कुछ ठेकेदार द्वारा करोड़ों की सप्लाई की जा रही है…
डीपीसी अपने रिश्तेदार की इलेक्ट्रॉनिक दुकान से ठेकेदार के नाम से स्कूल एंव छात्रावास में करा रहे इलेक्ट्रिक सामग्री की सप्लाई…
बरसों से एक ही छात्रावास में पदस्थ पर वार्डन फिर भी अनजान अधिकारी….
छिंदवाड़ा जिलें में सर्व शिक्षा अभियान द्वारा संचालित बालिका छात्रावासों में दस से पंद्रह साल से एक ही जगह पर वार्डन पदस्थ है इसके बाद जिले के जिम्मेदार अधिकारी इस दिशा में अनजान बने हुए हैं। कई अधीक्षिकाएं ऐसी हैं जिनको 10 से 15 साल हो गए हैं, इनकी कई बार शिकायतें भी हुई है, जिसकी जांच सालों से चल रही हैं, लेकिन जांच अभी तक पूरी नही। इस वजह से इनको छात्रावास से हटाया नहीं जा रहा है।
जिला मु्ख्यालय से लेकर जिले भर के कई छात्रावासों में स्कूलों के शिक्षक और शिक्षिकाएं लंबे समय से अवैध तरीके से अधीक्षकीय कार्य कर रहे हैं। इससे न सिर्फ उनकी मनमानी की शिकायतें बढ़ रही हैं बल्कि, स्कूलों का शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित हो रहा है। , कुछ छात्रावासों में लंबे समय से अधीक्षिकाएं जमी हुई हैं और उनकी मनमानी बढ़ रही है।
इन अधीक्षिकाओं की हुई थी जांच –
जुन्नारदेव के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विधालय खुमकाल में 12 सालों से पदस्थ वार्डन…
जिले के जुन्नारदेव विकासखंड के खुमकाल में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विधालय में पदस्थ वार्डन सेन मेडम पिछले 12 साल से अधीक समय से यंहा पदस्थ है, जबकि शासन के नियमानुसार छात्रावासों में 3 साल से ज्यादा किसी भी अधीक्षिका (वार्डन)की नियुक्ति नहीं रहनी चाहिए।
सर्व शिक्षा अभियान के आवासीय विद्यालय एवं छात्रावास में ऐसे उड़ाई जा रही है शासन के नियमों की धज्जियां…
सरकारी स्कूल की शिक्षिका सेन मेडम को तीन साल की प्रतिनियुक्ति पर कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विधालय खुमकाल की अधीक्षिका (वार्डन )बनाया गया था। तीन साल पूरे होने के बाद इनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल संस्था भेज देना था, लेकिन सेन मेडम को डीपीसी की मेहरबानी से 12साल से अधिक समय से कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विधालय में वार्डन का पद संभाल रही हैं और उन्हें अपनी मूल संस्था में वापस नही किया गया है जब इनकी कई शिकायत हो चूकि है उसके बाद भी डीपीसी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है..?
फर्जी बिल लगाकर किया जा रहा लाखों का गबन…!
सूत्रों का कहना है कि छिंदवाड़ा जिलें में कई कस्तूरबा गांधी आवासीय विधालय एंव छात्रावास 100 सीटर हैं।और कई 50सीटर है इस हिसाब से अलग-अलग मद से शासन से राशि भी आती है। लेकिन छात्रावास अधीक्षिका सामान खरीदी के नाम पर फर्जी बिल लगाकर राशि निकाली जा रही है। छात्रावास में रसोईया के नाम पर भी फर्जीवाड़ा किया जा रहा है…
सीसीटीवी कैमरे नहीं, घर पहुंच जाता है राशन…
बताया जाता है, कि अधिकांश छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। ऐसे में बच्चों के नाम पर आने वाला राशन का कुछ हिस्सा वार्डन रात के अंधेरे या अलसुबह बोरी में भरकर अपने घर ले जाती हैं। वहीं प्रशासन अधीक्षिकाओं की मनमानी रोकने के लिए छात्रावास के चारों ओर के अलावा अंदर भी सीसीटीवी कैमरे लगवाता है तो इसका खुलासा जल्द हो जाएगा…
वर्जन –
छात्रावासों में सालों जमी वार्डन को बदलने के लिए हमारे द्वारा विज्ञापन निकाला गया था लेकिन कोई भी शिक्षिका ने इसके लिए आवेदन नहीं किया इसलिए हमारे द्वारा इन वार्डन को नहीं बदल गया है लिस्ट तैयार कर रहे हैं। नए सत्र में सभी को बदला जाएगा।
जगदीश इंडपाची
डीपीसी छिंदवाड़ा