जिलें के लूट रहे किसान,महंगी दवाईयों का खरपतवार पर नहीं हो रहा असर…?
रिपोर्ट-ठा. रामकुमार राजपूत
पंचायत दिशा समाचार
छिदंवाडा / मध्यप्रदेश प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में इन दिनों किसानों को खुलेआम लूटा जा रहा है लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी दफ्तर में बैठकर मजे कर रहे हैं उन्हें तो खाद बीज एवं कीटनाशक बेचने वाले से सिर्फ अपनी कमीशन से मतलब है किसान लूटता है तो लूटने दो उन्हें कोई मतलब नहीं है, छिंदवाड़ा जिलें में कीटनाशक दवा का कारोबार बड़े स्तर पर होता है। केवल खरीफ सीजन में ही करोड़ों की कीटनाशक दवा की बिक्री होती है। वर्तमान में मौसम की बेरूखी से खरपतवार से किसान परेशान है। इसके लिए निंदानाशक दवा का प्रयोग कर रहे हैं।

सांकेतिक चित्र
महंगी दवाईयों का भी खरपतवार
पर नहीं हो रहा असर, लूट रहे किसान…
जिले में इन दोनों दर्जनों कंपनियां अपनी खरपतवार नाशक एवं कीटनाशक दवाई बेचने के लिए खाद बीज एवं कीटनाशक बेचने वालों दुकानदारों कई प्रकार के प्रलोभन देकर अपनी दवाई बेचने में लगे हुए हैं
जबकि इन दिनों किसान
खेतों में फसलों के बीच उग रही गाजरघास व खरपतवार किसानों के लिए परेशानी बन रही है। महंगी दवा खरीदकर छिडक़ाव किया, लेकिन कई खेतों में दवाओं का असर ही नहीं हुआ। किसानों का कहना है कि असली के नाम पर नकली दवाएं भी बेखौफ बिक रही हैं, लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिले के लाखों हेक्टेयर से अधिक जमीन पर इस बार खरीफ की फसल बोई गई है, जिसमें खरपतवार उग आने व इल्ली लगने से किसानों की भीड़ दवा दुकानों पर लग रही है। जहां से किसान महंगी दवाएं तो खरीद रहे हैं, लेकिन वे बेअसर साबित हो रही हैं। किसानों का कहना है कि दवाओं से पूरी तरह से खरपतवार नष्ट नहीं हुआ। किसानों का कहना कुछ दिन तो कचरा मुरझाता दिखा लेकिन बाद में फिर वैसा ही हो गया। इससे फिर से दवाओं पर हजारों रुपए खर्च करना पड़ रहे हैं। जिले में खेती की दवाओं का कारोबार करोड़ों का है। जहां पहले किसानों को खरपतवार के लिए एक दवा खरीदना पड़ती थी, लेकिन अब अलग-अलग तरह के घास के लिए अलग-अलग दवाएं बिक रही हैं। किसानों का कहना हर किसान को ये दवा खरीदना मजबूरी है। इसी मजबूरी का फायदा उठाकर जिले में असली के नाम पर नकली दवाओं का कारोबार कही बेखौफ चल रहा है।
कृषि विभाग के अधिकारी नहीं करते जांच….
जिलें में इन दिनों कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारी निष्क्री नजर आ रहे हैं , उनके द्वारा जिले में संचालित खाद बीज एवं कीटनाशक की दुकानों पर कभी जाकर जांच नहीं की जाती हालांकि आपनी कमीशन के लिए बीच-बीच में कृषि विभाग द्वारा जांच व सेंपल की कार्रवाई की जाती है। लेकिन आज तक एक भी खाद बीज एवं कीटनाशक की दुकान पर कोई कार्रवाई नही की गई है। लेकिन अभियान चलाकर पहले कार्रवाई करना चाहिए, ताकी किसानों को परेशानी न हो।
नकली पर गंभीर नहीं है प्रशासन…
जिले में नकली दवाओं के कई मामले सामने आते रहते हैं। कई बार तो दवा कंपनियां खुद ही नकली दवाओं को पकड़ चुकी हैं। इसके बाद नकली का कारोबार जोरों पर है। वहीं नकली दवाओं की किसान कृषि विभाग और प्रशासन से भी शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन नुकसान का मुआवजा दिलाना तो दूर की बात दुकानदारों पर कार्रवाई तक नहीं होती है। इससे लोगों का सवाल है कि आखिर ऐसा क्या कारण है, जो प्रशासन जिले में नकली दवाओं के कारोबार पर गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
किसान जस के तस, कंपनी हो रहे मालामाल….
इस संबंध में कुछ जागरूक किसानों का कहना है है कि अगर अमानक कीटनाशक दवा बिक रही है तो किसानों के शिकायत का इंतजार नहीं करना चाहिए। कृषि विभाग को टीम बनाकर लगातार कार्रवाई करनी चाहिए। जिसके पास परमिशन नहीं हैं, पंजीयन नहीं है, उसकी दवा को तत्काल जब्त कर किसानों को ठगी होने से बचाना चाहिए। दूरी व पेचीदा के कारण अधिकांश किसान शिकायत नहीं कर पाते है। इस कारण इधर कंपनी मालालमाल हो रहे हैं और किसान जस के तस है।

दोबारा दवा डालने के बाद भी कोई असर नहीं
जिलें के चौरई विकासखंड के ग्राम बींझावाडा के किसानो का कहना है कि दोबारा दवा डालने के बाद भी कोई असर नहीं हुआ बींझावाडा के किसान गोपाल ठाकुर का कहना है कि गांव में ही संचालित खाद बीज एवं कीटनाशक की दुकान से खरपतवार नाशक दो बार दवा ले चुके हैं। हजारों रुपए खर्च हो चुका है, लेकिन अभी कोई असर नहीं हुआ है। फिर से दवा लेकर डालना पड़ेगा, ज्यादा मात्रा में खरपतवार है, निंदाई तो नहीं सकते हैं। कई बार अलग-अलग तरह की घास के लिए दो-तीन तरह की दवा दे देते हैं, लेकिन असर न होने पर कह देते हैं दोनों दवाएं एक साथ नहीं मिलाना थीं। किसानों का हजारों रुपए दवाओं व छिड़काव पर खर्च हो जाने के बाद भी असर न होने से उन्हें दोबारा फिर से हजारों रुपए खर्च करना पड़ते हैं। जिले में खरपतवार नाशक कीटनाशक दवाइयों की कौन-कौन सी कंपनी को कृषि विभाग द्वारा बाजार में बेचने की परमिशन है। आज तक किसानों को पता नहीं और धड़ल्ले से नकली भी नकली दवाइयां बाजार में बिक रही है। कृषि विभाग कुंभकरण की नींद में सोया हुआ है। आज तक कितने सैंपल लिए दुकानों से और कितने अमानक पाएंगे। इसकी कोई जानकारी किसानों को नहीं है।

चौरई विकासखंड की खाद, बीज एंव कीटनाशक दुकानों में अलग-अलग रेट में बिक रही खरपतवार नाशक दवाई…
छिंदवाड़ा जिले के चौरई विकासखंड में इन दिनों किसानों को लूटा जा रहा है क्योंकि एक ही कंपनी का खरपतवार नाशक दवाई हर खाद बीज एवं कीटनाशक दुकानदार अलग अलग रेट में बेचकर किसानों को लूट रहे हैं कही दवाई 1800 में मिल रही है तो कहीं 2200 में तो कहीं 2900 में तो कहीं 3200 वही खरपतवार नाशक बेच रहे हैं लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी इन दोनों कुंभ करनी नींद में सोए हुए हैं कभी कभी इन दुकानदारों की कोई जांच नहीं करते है कि कौन सी दुकानदार के पास असली या नकली कीटनाशक है कभी इसकी जाँच नही होती, चौरई विकासखंड में कोई रेट नहीं है कीटनाशक एंव खरपतवार दवाई बेचने का… जिसके कारण इन दिनों चौरई विकासखंड के किस लूट रहे हैं…?






