कुछ महीने पहले आदिवासी युवकों से धोखाधड़ी कर नौकरी लगने के नाम पर 7 लाख लेने वाला अधीक्षक हुआ था निलंबित….
सहायक आयुक्त जनजाति विभाग की मेहरबानी से फलफूल रहे भ्रष्टाचारी…?
छिंदवाड़ा (चौथा स्तंभ) मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिलें में संचालित छात्रावास /आश्रम शालाओं में इन दिनों भ्रष्टाचार खुलकर किया जा रहा है, सूत्रों की जानकारी के विगत कुछ महिने पहले ही एक अधीक्षक जो पहले हर्रई विकासखंड के परतापुर आदिवासी बालक छात्रावास/आश्रम शाला में अधीक्षक के पद पर पदस्थ रहने के दौरान यंहा के भोले वाले आदिवासी समाज के युवकों से नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपए की लूट कर चुका था, जिसकी ग्रामीणों द्वारा शिकायत होने पर सहायक आयुक्त ने निलंबित कर दिया गया था,निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी जुन्नारदेव नियत किया गया था, लेकिन ये अधीक्षक महोदय कभी भी जुन्नारदेव नहीं गयें और मजे से जिला मुख्यालय में रहते रहे और सेटिंग कर पुनः बहाल हो गए.. जब तक भ्रष्टाचार को बढ़ाने वाले अधिकारी रहेंगे तब तक आदिवासी समाज के बच्चों को उत्थान नहीं हो सकता…!
जिलें में पदस्थ सहायक आयुक्त से है प्राथमिक शिक्षक जयपाल सरेआम के मधुर संबंध…?
सूत्रों की जानकारी के अनुसार जितने दिन जयपाल सरयाम प्राथमिक शिक्षक निलंबित रहे, सहायक आयुक्त कार्यालय में ही ज्यादा देखे जाते थे, इसलिए लगता है कि साहब की मेहरबानी इन पर बनी रही होगी…
क्षेत्रीय विधायक के दखल के बाद इन्हें हर्रई से हटाया गया…
जानकारों के अनुसार आदिवासी ग्रामीणों को नौकरी लगने के नाम पर पैसे लेने की शिकायत क्षेत्रीय विधायक अमरवाड़ा के पास भी ग्रामीणों ने परतापुर के अधीक्षक जयपाल सरयाम की शिकायत किया था, जिसके बाद ही जिलें में पदस्थ सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग ने जयपाल सरयाम को निलंबित किया था…
प्राथमिक शिक्षक ने जबलपुर उपायुक्त से सेटिंग कर हो गया बहल…
हर्रई विकासखंड में लगभग 15 सालों से विभिन्न छात्रावासों में अधीक्षक के पद पर पदस्थ प्राथमिक शिक्षक जयपाल सरयाम कई बार लापरवाही के चलते निलंबित हुआ लेकिन महोदय की इतनी अच्छी सेटिंग है कि कहीं ना कहीं से जुगाड़ कर वे पुनः अधीक्षक के पद पर पदस्थ हो जाते हैं…
जिले के सबसे बड़े छात्रावास का दिया सहायक आयुक्त ने प्रभार….
हर्रई क्षेत्र में आदिवासी ग्रामीणों को नौकरी लगने के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी करने वाले प्राथमिक शिक्षक जयपाल सरेआम को जिला मुख्यालय का सबसे आदिवासी संयुक्त बालक छात्रावास का अधीक्षक का प्रभार सहायक आयुक्त ने ऐसे धोखाधड़ी करने वाले प्राथमिक शिक्षक को कैसे दे दिया यह समझ के पार है। सूत्रों की जानकारी के अनुसार ये छात्रावास के प्रभार के लिए प्राथमिक शिक्षक ने ऊंची वाली मिठाई खिलाई होगी सहायक आयुक्त महोदय को..
सहायक आयुक्त महोदय का कहना ….
जब प्राथमिक शिक्षक जयपाल सरेआम को आदिवासी संयुक्त बालक छात्रावास के प्रभार के संबंध बात हुई थी तो उन्होंने बताया था कि तत्कालीन व्यवस्था के लिए दो तीन के लिए प्रभार दिया गया है, लेकिन एक महिने होने लगें उन्हें नहीं हटाया गया है, जबकि पहले अधीक्षक के छात्रों की शिकायत पर उन्हें संयुक्त बालक छात्रावास से हटाया गया था, लेकिन फिर ऐसे धोखाधड़ी करने वाले प्राथमिक शिक्षक को जिला मुख्यालय के इतने बड़े छात्रावास का चार्ज कैसे दे दिया गया..?





