Home AGRICULTURE छिंदवाड़ा जिलें में हाइब्रिड बीज के मकड़जाल में फंस रहा किसान..?

छिंदवाड़ा जिलें में हाइब्रिड बीज के मकड़जाल में फंस रहा किसान..?

छिंदवाड़ा जिलें में हाइब्रिड बीज के मकड़जाल में फंस रहा किसान..?

खानापूर्ति करता देख रहा कृषि विभाग, धड़ल्ले से बिक रहा नकली बीज..

पंचायत दिशा समाचार

छिंदवाड़ा / जिले में नकली खाद/बीज बेचने के कई मामला सामने आने के बावजूद कृषि विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले में ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जबकि पिछले वर्ष भी जिले में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं लेकिन कृषि विभाग आज तक इन पर कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहा है, जिसका फायदा खाद /बीज का व्यवसाय करने वाले उठा रहे हैं

छिंदवाड़ा जिलें के हर ब्लॉक में हाइब्रिड बीज का मकड़जाल…

जिलें में वहीं कई ऐसे दुकान है जहां पर अमानक बीच बेचे जा रहे हैं, बिना स्रोत लाइसेंस के ही कई बीच कंपनियों का बीज दुकानदार धड़ल्ले से बेच रहे हैं. हद तो यह है कि कृषि विभाग के अफसर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति करते नजर आ रहे हैं, और दिखावा के लिए एक दो दुकानदार को नोटिस जारी करते है और फिर दुकान वालों से उगाही करते हैं.

नोटिस देकर खानापूर्ति कर रहा कृषि विभाग…

छिंदवाड़ा जिले में इस वित्तीय वर्ष एंव पिछले वर्ष में दर्जनों दुकानों में गड़बड़ी पायी गई, उन्हें नोटिस जारी किया गया लेकिन किसी भी खाद बीज दुकान के खिलाफ पुलिस में न केस दर्ज कराया गया और न ही उनका लाइसेंस रद्द किया गया.

मध्यप्रदेश के छिदंवाडा जिलें में सबसे अधिक हाइब्रिड बीज की बिक्री की जा रही है. यहां हर साल करोडों रुपए की धान और मक्के का हाइब्रिड बीज बेचा जा रहा है. कोई ऐसी बीज कंपनियां है जिन्होंने कृषि विभाग से बीज बिक्री की अनुमति ही नहीं ली है और इसके साथ ही जबलपुर संभाग के अलग-अलग इलाकों में बीज़ की बिक्री कर रहे हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी खुद ही नहीं है कि आखिर उनके जिले में कितने कंपनियों को हाइब्रिड बीज बेचने का लाइसेंस मिला हुआ है. इसका फायदा बीज माफिया उठा रहें हैं और कई बड़े ट्रेडर्स इस कारोबार में जुटे हुए हैं. इतना ही नहीं इनके द्वारा बीज खरीदने के बाद भी किसानों को निर्धारित फार्मेट में बिल नहीं दिया जा रहा है. वहीं किस किस कम्पनी का कितना बीज किन किन किसानों को बेचा गया इसकी जानकारी भी जानकारी नहीं है.

हाईब्रीड बीज की नहीं हो रही जांच….

छिंदवाड़ा जिलें के किसानों का कहना है कि बीज के रेट पर भी विभाग का कोई नियंत्रण नहीं है. कई ऐसी बीज कम्पनी हैं जिन्होंने अपनी कम्पनी का पंजीयन करा लिया है लेकिन उनके पास संसाधन तक नहीं हैं और वे अमानक बीज पैक करा रहें हैं छिंदवाड़ा जिलें में हाईब्रीड बीज जांच ने के लिए कोई लैब ही नहीं है. हद तो यह है कि इसका खामियाजा किसान उठा रहें हैं और बीज माफिया और कम्पनी मालामाल हो रहें हैं और बीज बेचने वाली दुकानदारों को जो उनका बीज खपाते है उन्हें विदेश टूर का पैकेज दिया जा रहा है. वहीं कई कम्पनी फाइव स्टार होटलों में पार्टी दे रहें हैं..

चौरई / जुन्नादेव /बिछुआ छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय में धड़ल्ले से बिक रहा नकली बीज….

जिलें के कृषि विभाग के अधिकारियों की बीज माफिया से मिलीभगत और लापरवाही देखी गई है. पिछले बरसों में चौरई/चांद/अमरवाड़ा /जुन्नादेव में मिले नकली खाद /बीज एंव तैमूल से अधिक दामों पर बेचने पर खाद बीज बेचने वाले दुकानदारों पर कार्यवाही हुई, जहां चौरई में बिना लाइसेंस के बीज पैक किया जा रहा था, बीज पैकिंग मशीन और कई संसाधन मिले थे, लेकिन मामले को दवा दिया गया था, और कई खाद /बीज माफिया का नाम भी सामने आया लेकिन क़ृषि विभाग के अफसरों ने उन पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की थी, और जांच रिपोर्ट आने तक मामलों में लीपापोती कर दिया गया था . जिलें में आखिर कौन कौन सी कंम्पनी की हाइब्रिड मक्का बिक रही है अभी तक विभाग के द्वारा जांच नहीं की गई है,आखिर जिलें से और कहां-कहां बीज गया था. सूत्रो की जानकारी के अनुसार जिलें में एसे कई बीज माफिया है जिन्होंने नकली बीज देने के नाम पर करोड़ रुपये पहले ही ऐसी कंपनी के दे देते है और ऐसी कंपनी उन्हें पहले ही माल जगह में पहुंच कर दे देती है इसके बाद माफिया छोटे-छोटे व्यापारियों को यह माल देकर माल सप्लाई कर देते हैं,लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी कई इनकी जांच नहीं करते है .और क़ृषि विभाग के अफसर जांच के नाम पर दुकानों से घूमकर वापस चले जा रहें

रिपोर्ट -ठा. रामकुमार राजपूत
मोबाइल -8989115284