एमपी गजब है! यहां जमीन पर पेड़ कटते हैं और कागजों पर लगाए जाते
छिदंवाडा (पंचायत दिशा)-मध्य प्रदेश में वृक्षारोपण अभियान चलाया रहा है। एक पेड़ मां के नाम इसका स्लोग दिया गया है। इसके पूर्व भी ऐसे अभियान यहां चलाए गए हैं लेकिन उनकी हकीकत यह रही है कि जमीन पर पेड़ कटते गए हैं और कागजों पर लगाए जाते रहे हैं।
वीओ-वैसे तो यह हर साल की रिवायत बन गई है। जुलाई का महीना आते-आते सूबे की सरकार को हरियाली महोत्सव याद आने लगता है। आम आदमी को इस रिवायत की याद मीडिया में छपने वाले बड़े-बड़े विज्ञापन दिलाते हैं। वहीं, साल भर जंगल और पेड़ कटने की छिटपुट खबरें मीडिया में छपती है।हालांकि पिछले कुछ सालों से ऐसी खबरों की संख्या बहुत बढ़ी है। लेकिन फिर भी जंगल महकमे इसमें कोई ध्यान नहीं देता है । हां, तो मैं कह रहा था कि इन दिनों प्रदेश में हरियाली महोत्सव छाया हुआ है। वहीं दुसरी तरफ वन विभाग का रवैया के कारण हरे भरे सागौन के पेंड काटें जा रहा है । लेकिन छिदंवाडा वनवृत के पश्चिम सांवरी रेंज में रात्री गश्त नहीं होने के कारण यंहा वन माफिया सक्रिय हो गये है। सांवरी वनपरिक्षेञ के सलैया से महलारी बकुल मार्ग से बजरी माता मंदिर से 300 मीटर आगें हरे भरे सागौन के सेंकडों सागौन के पेड वन माफियाओं के द्वारा काटें जा रहे है। लेकिन यंहा पदस्थ वनविभाग के अधिकारी एंव कर्मचारी कहा है । लागत है वनविभाग कुंभकरणी नींद में सोया हुआ बेखबर है।
ठा.रामकुमार राजपूत
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