दम तोड़ती शिक्षा व्यवस्था ! आदिवासी अंचलों के स्कूलों पर जड़ा रहेगा ताला तो कैसे पढ़ेंगे बच्चे…
छिदंवाडा(पंचायत दिशा)-ऐसा ही एक मामला छिदंवाडा जिला मुख्यालय के नवीन बालक आश्रम में सामने आया है. जहां पर छात्रों की संख्या 50 सीट है और शिक्षिका और 1 अधीक्षक मिलकर 9 तैनात हैं, लेकिन स्कूल का ताला कभी समय पर नहीं खुलता है। यंहा पर पदस्थ शिक्षिका आपने टाईम से आना जाना करती है। नवीन शिक्षण सत्र चालू हो गया है । पर यंहा की आश्रम शाला में दो शिक्षिका को छोड दे तो बाकी जो शिक्षिका यंहा अटैचमेंट पर पदस्थ है ।उनका आने जाने का कोई टाईम नहीं है। यंहा की आश्रम शाला भी समय पर नहीं खुलती है। जिला मुख्यालय की इस नवीन बालक आश्रम शाला में वर्षों से यंहा अतिरिक्त शिक्षिका पदस्थ हैं लेकिन जिले में बैठे सहायक आयुक्त को यह नहीं दिख रहा है कि आदिवासी ग्रामीण अंचल में अभी भी ऐसी कई शालाएं है जंहा इन आदिवासियों के बच्चों के पढने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है। जबकि जिला मुख्यालय की कई ऐसी शालाएं है जंहा शिक्षक/ शिक्षिका कई बर्षों से सिर्फ साइन करने ही शालाएं आ रही है।और उनकी पेंमेंट निकलती रही है। जबकि ये सब शालाएं जिला मुख्यालय में संचालित होती है। जंहा सहायक आयुक्त महोदय का आना जाना रहता है ।और इसकी जानकारी होने के बाद भी आज तक ऐसे शिक्षक/शिक्षिकाओं पर सहायक आयुक्त ने कोई कार्यवाही नहीं किया है । यंहा अटैचमेंट एंव अतिशेष शिक्षिकाओं का बडा खेल बर्षों से चल रहा है ।लेकिन आज तक इन्हें क्या नहीं हटाया गया ये एक बडा सवाल है । इनकी पेंमेंट आदिवासी ग्रामीण अंचल की मूलशालाओं से बर्षों से निकल रही है। जबकि ग्रामीण आदिवासी अंचलों में आज भी कई शाला शिक्षक विहीन है। लेकिन नेताओं एंव सहायक आयुक्त की मेहरबानी से बर्षों से जिला मुख्यालय में यंह खेल चल रहा है …?
प्रशासन के वादों की हकीकत ..
जनजातीय कार्यविभाग के सरकारी हिसाब से यंहा एक अधीक्षक एंव दो शिक्षकों की पोस्टिंग है. चूंकि सरकारी नियम यह कहता है कि प्राथमिक स्कूल में दो शिक्षक पदस्थ किए जा सकते हैं. ऐसे में औपचारिकता के लिए दोनों की पोस्टिंग है.
लेकिन बर्षों से यंहा अधीक्षक सहित 8/9 शिक्षिकाओं की पोस्टिंग कैसे कर दी गई या अटैचमेंट कैसे कर दिया गया ये बडा सवाल है। यंहा मॉनीटरिंग करने वाले मंडल संयोजक पर उठे सवाल आखिर कैसे हो रही थी मानीटरिंग…?
जनजातीय कार्यविभाग छिदंवाडा में अटैचमेंट बना बना कमाई का जरिया
जिले के जनजातीय कार्यविभाग में शासन का संलग्नीकरण समाप्त करने संबंधित आदेश विभाग के आला अधिकारियों की कमाई का जरिया बना हुआ है शिक्षकों के अटैचमेंट की निरस्ती और फिर वही मनमाफिक जगह पर अटैचमेंट कर देने का खेल बीते कई वर्षों से चल रहा है। विभाग लगभग हर वर्ष शासन के अटैचमेंट समाप्ति आदेश के संदर्भ में अपने अधीन शिक्षक /शिक्षिकाओं एंव कर्मचारियों का अटैचमेंट समाप्त कर देता है।और बाद में सेटिंग से उन्हें वही संलग्न कर देता है ।जहां संबंधित जाना चाहता है।बस इसके लिए उसे हर वर्ष बड़ी रकम देनी पड़ती है आखिर यह कब तक चलते रहेगा…?
ठा.रामकुमार राजूत
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