Home POLITICAL किसानों को वादे और झांसे नहीं, समय पर खाद दो सरकार-

किसानों को वादे और झांसे नहीं, समय पर खाद दो सरकार-

किसानों को वादे और झांसे नहीं, समय पर खाद दो सरकार-

जब आवश्यकता थी तब दर-दर भटका किसान फिर ना मिली डीएपी खाद

कृषि यंत्र व खाद के मूल्यों को कम करें, किसान के पास हो फसल के दाम तय करने का अधिकार

झूठी वाहवाही लूटने की बजाए किसान हित में काम करें भाजपा सरकार

छिन्दवाड़ा:- कृषि क्षेत्र में देश की लगभग आधी श्रमशक्ति कार्यरत है, इसके बाद भी पिछले पंद्रह वर्षों से देश की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र के योगदान में गिरावट आ रही। इसके एक नहीं अपितु अनेकों अनेक कारण है जिस पर वर्तमान सरकार का कोई ध्यान नहीं है। प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों ही तरह की समस्याओं का सामना करते अन्नदाता को केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकार वादे और झांसे देने की बजाए समय पर खाद व प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई फसल का मुआवजा देती तो किसान आर्थिक रूप से सम्पन्न और सशक्त होता। उक्त उदगार पूर्व सांसद श्री नकुलनाथ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से व्यक्त किए।

श्री नकुलनाथ ने सरकार के द्वारा डीएपी खाद को लेकर दिए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जिले में रबी सीजन की फसल गेहूं, चना व मटर सहित अन्य दाने व सब्जी वाली फसलों की बोवनी के उपरांत पाले पर आई फसलों से अच्छी पैदावार लेने के लिए डीएपी खाद डालना नितांत आवश्यक होता है किन्तु इस दौरान किसान खाद के लिए दर-दर भटक रहा था। खुले बाजार में खूब कालाबाजारी हुई तो वहीं सहकारी सोसाइटियों के सामने किसानों की कतार सुबह से शाम तक लगी रही फिर भी खाद नहीं मिली। जब आवश्यकता थी तो सरकार पर्याप्त खाद नहीं दे पाई और अब डीएपी खाद पर वाहवाही लूट रही। नववर्ष पर किसानों को सौगात देने की बात कर रही, जबकि हकीकत यह है कि खरीफ के सीजन में भी भाजपा की सरकार ने रबी सीजन के लिए पर्याप्त खाद के भण्डारण का हवाला दिया था किन्तु हकीकत किसानों और आम जनता के सामने है कि किस तरह किसान विगत 15-20 वर्षों से खाद के लिए भटक रहा फिर भी उसे समय पर खाद नहीं मिल रही।

श्री नाथ ने जारी बयान में आगे कहा कि पंद्रह माह की माननीय कमलनाथ जी की सरकार में छिन्दवाड़ा ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के प्रत्येक जिले को पर्याप्त खाद उपलब्ध कराई गई। किसी भी जिले में खाद का संकट उत्पन्न नहीं होने दिया गया, इसके विपरीत जब से भाजपा की सरकार है तब से किसान खाद, बीज और बिजली के संकट का सामना कर रहा। किसानों की मूल्य समस्याओं को जड़ से खत्म करने की बजाए सरकार उन्हें बढ़ा रही जिसके चलते किसानों की आए भाजपा सरकार के नेताओं के भाषणों में ही दोगुनी हो रही। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि किसान की आय नहीं बल्कि लागत दोगुनी हो चुकी है।

जारी प्रेस विज्ञप्ति के अंत में श्री नाथ ने कहा कि सरकार आगामी सीजन के लिए पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद का भण्डारण करें ताकि खरीफ के मौसम में किसानों को पुन: खाद के संकट का सामना ना करना पड़े। उन्होंने भाजपा सरकार से विनम्रतापूर्वक आग्रह किया कि किसानों को वादे और झांसे देने की बजाए समय पर खाद, बीज व बिजली उपलब्ध कराएं जिससे की हमारे जिले के किसान आर्थिक सम्पन्न हो सकें।