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किसान कतार में, युवा रोजगार की तलाश में और महिलाएं सुरक्षा के अभाव में- नकुलनाथ

किसान कतार में, युवा रोजगार की तलाश में और महिलाएं सुरक्षा के अभाव में- नकुलनाथ

भाजपा के शासन में समाज का हर वर्ग परेशान व त्रस्त

छिन्दवाड़ा:- भाजपा के शासन काल में समाज का हर वर्ग परेशान व त्रस्त है। आमजन की परेशानियों का समाधान केवल आश्वासनों में हो रहा है। जमीनी स्तर पर अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे फिर भी निदान नहीं होना सरकारी तंत्र की सबसे बड़ी खामी है। सुशासन व सबसे विकास की बात करना झूठ के सिवाए और कुछ भी नहीं है। क्योंकि देश के वर्तमान, भविष्य व मातृशक्ति को लेकर सरकार गम्भीर नहीं है। आज किसान कतार में, युवा रोजगार की तलाश में और मातृशक्ति सुरक्षा के अभाव में है। उक्त उदगार जिले के पूर्व सांसद माननीय नकुलनाथ जी ने भाजपा की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ व्यक्त किए।

माननीय नकुलनाथ जी ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। यह ना केवल देश की जीडीपी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि लाखों लोगों को रोजगार भी प्रदान करता है साथ ही औद्योगिक क्षेत्र के लिए कच्चा माल भी उपलब्ध कराता है। आज भी कृषि 70 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को आजीविका प्रदान करता है। इसीलिये कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ी है। बावजूद इसके भाजपा की सरकार कृषि व कृषकों की उपेक्षा कर रही है। सम्पूर्ण मप्र में छिन्दवाड़ा व पांढुर्ना जिला आधुनिक व तकनीकी खेती में अग्रणी है। पूर्व मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथ जी के प्रयासों से पहले छिन्दवाड़ा संसदीय क्षेत्र सहित सम्पूर्ण मप्र में सोयाबीन की क्रांति आई फिर मक्के की खेती में छिन्दवाड़ा ने इतिहास रचा और कॉर्न सिटी बना तो वहीं पांढुर्ना जिला संतरांचल के नाम से ही जाना जाता है, इसके पीछे की सबसे महत्वपूर्ण वजह यह है कि किसानों को समय पर अच्छी खाद व उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध होते रहे। माननीय कमलनाथ जी व मेरे कार्यकाल में किसानों को कभी भी खाद के लिए भटकना नहीं पड़ा। सबसे पहले खाद की रैक छिन्दवाड़ा के लिए लगती थी और किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद समय पूर्व उपलब्ध कराई जाती थीं। तब किसान आर्थिक रूप से सम्पन्न व खेती-किसानी लाभ का धंधा बना, किन्तु भाजपा की सरकार में जिस समय किसानों को अपने खेतों में रहना चाहिए, वे मजबूरीवश खाद के लिए जिले की सहकारी सोसाइटियों के सामने कतारबद्ध खड़े हैं, क्या भाजपा का यही किसान हितैषी चेहरा है ? अपनी उपज का सही दाम प्राप्त करने के लिए सड़क पर उतर आंदोलन करने के लिए बाध्य होते हैं, तब जाकर सरकार की नींद खुलती है।

श्री नाथ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति के अंत में मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. श्री मोहन यादव का ध्यानाकार्षण कराते हुए कहा कि छिन्दवाड़ा व पांढुर्ना जिले का प्रत्येक किसान विगत दो माह से खाद के लिए लगातार परेशान है। सुबह से शाम तक कतार में खड़े रहने के बाद भी किसान को खाद नहीं मिल रही और वह निराश होकर खाली हाथ लौट रहा है, इस ओर गम्भीरता पूर्वक व अविलम्ब ध्यान दिया जाएं ताकि सभी किसानों को बोवनी पूर्व पर्याप्त मात्रा में खाद मिल जाए।

देश का भविष्य रोजगार की तलाश में:-

माननीय नकुलनाथ जी ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा कि युवा देश का भविष्य है, किन्तु भाजपा की सरकार देश के भविष्य के भविष्य को ही बर्बाद कर रही। युवा लगातार रोजगार की तलाश में भटक रहा और शासन स्तर पर निकलने वाली शासकीय भतियों में जारी घोटाले नया रिकॉर्ड बना रहे। परीक्षा की तैयारी में जुटे युवाओं का मनोबल टूट रहा, योग्य उम्मीदवार अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहा है। भाजपा के शासन काल में जितनी भी शासकीय भर्तियां हुई है वे सभी घोटालों की भेंट चढ़ गई। हाल ही में पुलिस भर्ती व वन विभाग में आरक्षक भर्ती घोटाले ने एक बार फिर मप्र को देश में शासकीय भर्ती घोटाला प्रदेश बना दिया। भर्ती घोटालों में रोक लगाने हेतु उचित व ठोस कदम उठाए जाएं।

मातृशक्ति में सुरक्षा का अभाव:-

मातृशक्ति में सुरक्षा का आभाव है, क्योंकि बढ़ते अपराध व अपहरण के मामलों ने महिलाओं, बहन व बेटियों में असुरक्षा का भाव उत्पन्न कर दिया है। छिन्दवाड़ा व पांढुर्ना जिले के पुलिस थानों में आए दिन नाबालिग बेटियों के अपहरण व दुष्कर्म के अपराध पंजीबद्ध हो रहे हैं। अपहरण होने के उपरांत बेटियों की तलाश में पुलिस गम्भीर नहीं है साथ ही महिलाओं से सम्बंधित अपराध को रोकने भाजपा की सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं यह निंदनीय है। प्रदेश के किसी ना किसी हिस्से में सामूहिक दुराचार जैसे जघन्य अपराध घटित होना और फिर अपराधियों का भाग जाना पुलिस की अक्षमता है। श्री नाथ ने आगे कहा कि भाजपा सरकार का इन प्रमुख विषयों पर कोई ध्यान नहीं है, उनका चिंतन स्वयं के लिए है ना की जनता के लिए, इसीलिये किसान कतार में, युवा रोजगार की तलाश में और मातृशक्ति सुरक्षा के अभाव में है।