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छिंदवाडा केले के नाम से जबलपुर मंडी में हाथो हाथ बिक रहा प्राकृतिक केला…

समन्वित कृषि प्रणाली अंतर्गत प्राकृतिक खेती देखने पहुंचे कलेक्टर
आदिवासी कृषक पूरनलाल इनवाती द्वारा समन्वित कृषि प्रणाली अतर्गत 6 एकड की प्राकृतिक खेती से 10 लाख का शुद्ध मुनाफा।
छिंदवाडा केले के नाम से जबलपुर मंडी में हाथो हाथ बिक रहा प्राकृतिक केला।

 आज दिनांक 10.09.2024 को कलेक्टर छिंदवाडा श्री शीलेेन्द्र सिंह, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अमरवाडा श्री हेमकरण धुर्वे, उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह, उद्यानिकी महाविद्यालय के डीन एवं सह संचालक ऑचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र चंदनगांव डॉ. आर.सी. शर्मा, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाए श्री एच.जी.एस. पक्षवार, उप संचालक उद्यानिकी श्री एम.एल. उइके, हर्रई विकासख्ंाड के ग्राम भुमका के प्राकृतिक खेती करने वाले कृषक श्री पूरनलाल इनवाती के खेत मे पहॅुच कर समन्वित कृषि प्रणाली अपनाते हुए प्राकृतिक पद्धति से एक एकड में की जा रही केले की खेती, शेष जमीन मे मक्का, टमाटर, बैगन एवं फलदार पौधे आम, कटहल, आंवला, सेव, एप्पल बेर, ड्रेगन फूं्रट, नींबू, संतरा, काजू के पौधे लगाये गये। उसके साथ ही पषुपालन, बकरी पालन एवं मछली पालन इकाई स्थापित कर समन्वित खेती का अवलोकन किया गया। साथ ही कलेक्टर महोदय द्वारा एक पेड मॉ के नाम अभियान अंतर्गत लौग के पौधे का रोपण किया गया एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित खेत तालाब में मछली पालन हेतु आत्मा परियोजना के माध्यम से मछली का बीज कलेक्टर महोदय के हस्ते तालाब मे छोडा गया एवं मुर्गी पालन (कडकनाथ) यूनिट का अवलोकन किया गया
कलेक्टर महोदय द्वारा श्री पूरनलाल इनवाती द्वारा की जा रही समन्वित खेती को अन्य किसानों को दिखाकर हर्रई क्षेत्र मे एक उत्कृष्ठ मॉडल के रूप मे बताते हुए क्षेत्र के अधिक से अधिक किसानों का क्लस्टर बनाते हुए समन्वित खेती करने हेतु प्रोत्साहित करने की बात कही एवं संबंधित विभागों को किसानों की सभी आवष्यकताओ को ध्यान मे रखते हुए विभागीय योजना से लाभ देने हेतु निर्देषित किया गया, जिससे क्षेत्र के अन्य किसान भी समन्वित खेती अपना कर अच्छा लाभ अर्जित कर सकेगे। वहॉ उपस्थित क्षेत्र के किसानों से चर्चा कर उन्हें भी समन्वित खेती कर अपनी आय बढाने हेतु कलेक्टर महोदय द्वारा समझाईष दी गई।
 किसान श्री पूरनलाल इनवाती द्वारा ड्रिप पद्धति एवं फसल अवषेष प्रबंधन कर पूर्णतः प्राकृतिक रूप से केले की टिष्यू कल्चर के द्वारा तैयार किस्म जी-9 लगाई गई हैं। साथ ही फसल अवषेष प्रबंधन करके मिटटी की गुणवत्ता को सुधारा जा रहा हैं। इनके द्वारा पिछले वर्ष आधा एकड में केले की प्राकृतिक खेती कर दो लाख सात हजार रूपये का शुद्ध मुनाफा किसान द्वारा प्राप्त  किया गया था। इस वर्ष एक एकड से चार से पांच लाख रूपये का शुद्ध मुनाफा प्राप्त होना बताया गया। एक एकड मे 800 पौधे लगाये है, प्रति पौधा औसतन 45 किग्रा. फल प्राप्त हो रहे है, जिसे किसान द्वारा जबलपुर मंडी में औसतन 25 रूपये प्रति किलो के भाव से विक्रय किया जा रहा हैं। 
किसान द्वारा बताया गया कि हमारा प्राकृतिक केला जबलपुर मंडी में छिंदवाडा के केले के नाम से प्रसिद्ध है एवं व्यापारियों / अढातियों द्वारा हाथो हाथ उचित दाम देकर खरीद लिया जाता हैं। सामान्यतः जहॉ केले के भाव 15 से 18 रूपये प्रति किलो की दर से मंडी मे खरीदी होती है, वही हमारा प्राकृतिक केला 25 रूपये प्रति किलो की दर से हाथो हाथ बिक रहा है। 
इस प्रकार श्री पूरनलाल इनवाती द्वारा कुल लगभग 6 एकड जमीन से वर्ष में लगभग 10 लाख रूपये का शुद्ध लाभ प्राप्त किया जा रहा हैं। इससे प्रेरणा लेकर जिले के अन्य किसान भाई भी प्राकृतिक खेती को अपनाकर एवं समन्वित खेती कर अपनी आय बढा सकते हैं। 
 भ्रमण के दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत हर्रई श्री राजेष नरेन्द्र सिंह, तहसीलदार हर्रई श्रीमति हेमार्ग प्रिया, मत्स्य विभाग के अधिकारी श्री अंबुलकर, श्री नीलकंठ पटवारी अनुविभागीय कृषि अधिकारी, श्री विनोद टांडेकर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी हर्रई, कृषि विस्तार अधिकारी श्री पवार, श्री पंकज पराडकर, श्रीमति रानी माडरे एटीएम हर्रई, एटीएम योगेष चोपडे, नितेष गजभिये, विभाग के अधिकारी / कर्मचारी एवं कृषक उपस्थित रहे।