सीएम ने कहा कूनो के बाद अब गांधी सागर में बसेंगे चीते..
डिमांड पर राज्यों को भेजेंगे टाइगर, नई सेंचुरी और टाइगर रिजर्व के लिए भी होगा काम…
By admin
29 july 2024
पंचायत दिशा समाचार
भोपाल- मुख्यमंत्री डाँ मोहन यादव ने कहा कि अब गांधी सागर क्षेत्र में चीतों को बसाने के लिए गतिविधियां जारी- प्रदेश में चीता प्रोजेक्ट भी गतिशील है और गांधी सागर क्षेत्र में भी चीतों को बसाने के लिए गतिविधियां जारी हैं। उन्होंने कहा कि वन्य प्राणियों के संरक्षण और टाइगर रिजर्व के बेहतर प्रबंधन से पर्यटकों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। प्रदेश में 7 टाइगर रिजर्व विद्यमान हैं। वन से लगभग 60 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त होता है और 25 लाख से अधिक पर्यटकों का प्रदेश में आवागमन है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में वन और वन्य-प्राणियों के संरक्षण के लिए जारी प्रयासों से पारिस्थितिकी तंत्र और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में मदद मिलेगी। सीएम डॉ यादव ने कहा है कि गांधी सागर इलाके में जल्द ही चीते छोड़े जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार के निर्देश के आधार पर राज्य सरकार तेजी से काम कर रही है। टाइगर डे पर सीएम यादव ने यह भी कहा कि अगर दूसरे राज्यों की ओर से बाघों की डिमांड की जाएगी तो सरकार इसके लिए भी काम करेगी।
सीएम यादव ने टाइगर डे पर आयोजित कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि कूनो में चीतों का प्रोजेक्ट सफल होने के बाद अब एशिया में चीता प्रोजेक्ट में एमपी का नाम हो गया है। सरकार जल्दी ही गांधी सागर के आसपास के जंगलों में चीता प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी में है और सारे इंतजाम होने पर जल्दी ही चीते छोड़े जाएंगे। सीएम यादव ने कहा कि यहां जैसे ही फेंसिंग पूरी हो जाएगी और भोजन का प्रबंध हो जाएगा तो इस पर काम तेज होगा। इसके लेकर दक्षिण अफ्रीका से ट्राई पार्टी एग्रीमेंट हुआ है और केंद्र के निर्देशों के आधार पर एमपी सरकार काम कर रही है। सरकार धीरे-धीरे इस दिशा में आगे बढ़ रही है।
नई सेंचुरी और टाइगर रिजर्व के लिए भी होंगे काम
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नई सेंचुरी और टाइगर रिजर्व को लेकर कहा कि नए टाइगर रिजर्व के लिए काम जारी रहेंगे। साथ ही सेंचुरी के लिए भी वन विभाग के अफसर काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जिन टाइगर और सेंचुरी में टाइगर नहीं हैं वहां भी इन्हें पहुंचाया जाएगा। इसके साथ ही सीएम यादव ने यह भी कहा कि चूंकि हमारे यहां टाइगर भरपूर हैं। इसलिए देश के अन्य राज्यों में जहां टाइगर की जरूरत है, वहां भेजने का काम करेंगे।