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सत्ताधारी नेताओं के संरक्षण में चल रहा सौसर में रेत चोरी का कारोबार..?

पंचायत दिशा समाचार (पांढुरना)- पांढुरना जिले में रेत की प्रमुख खदानें मुख्य रूप से सौंसर और उसके आस-पास के क्षेत्र में है। अधिकृत ठेकेदार के अलावा इस क्षेत्र में कुछ लोग गुंडागर्दी कर रेत का अवैध खनन और परिवहन प्रशासन की आड़ लेकर करते हैं। जरूरत के हिसाब से प्रशासनिक अधिकारियों का भी सहयोग लिया जा रहा है। सौंसर की खदानों से रेत निकालकर लोधीखेड़ा और पांढुर्ना होते हुए वाहन नागपुर पहुंच रहे हैं। अधिकृत ठेकेदार और रायल्टी चुकाने वाले वाहन छिंदवाड़ा नागपुर नेशनल हाइवे से होकर निकलते थे, लेकिन वर्तमान में रेमंड चौक के पीछे वाली नवनिर्मित सड़क का उपयोग किया जा रहा है, इसी सड़क से होकर बड़ी संख्या में रेत से भरे ट्रक गुजर रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि इनमें अधिकांश वाहन ऐसे होते हैं जिनके पास रायल्टी नहीं होती यानि चोरी की रेत का परिवहन करते हैं। रेत को लेकर सौंसर और लोधीखेड़ा क्षेत्र में विवाद होना भी आम बात है, क्योंकि यहां अधिकृत ठेकेदार से अधिक सत्तापक्ष के एक सफेद पोश का दखल है और वह अवैध तरीके से रेत निकाल रहा है जिसके चलते पिछले महीने विवाद की स्थिति निर्मित हुई थी। वाहनों पर पत्थराव किया गया था। इस पूरे घटनाक्रम के बाद विवाद की स्थिति तो नहीं बनी, लेकिन रेत की चोरी करने का तरीका बदल लिया गया है। अब ट्रकों पर त्रिपाल बांधकर रेत का परिवहन किया जा रहा है। क्षमता से अधिक रेत लेकर दौड़ रहे ट्रकों को रोकने और टोकने वाला कोई नहीं है। क्योंकि खनिज विभाग कभी इस क्षेत्र में झांकता नहीं और परिवहन विभाग की जांच चौकियों पर वाहन रोके नहीं जाते। इससे साफ है कि सत्ता और प्रशासन की मौन स्वीकृति के साथ ही रेत का अवैध खनन से लेकर परिवहन तक सबकुछ बेेरोक टोक जारी है।

खनिज और परिवहन विभाग की लापरवाही
रेत की चोरी के लिए अब डम्पर की जगह ट्रकों का अधिक इस्तेमाल हो रहा है। ट्रकों के उपर त्रिपाल डालकर रेत ले जाई जा रही है। इससे दो फायदें हो रहे हैं एक तो यह कि रेत है या फिर अन्य कोई सामग्री इसका पता नहीं चलता और दूसरा फायदा यह कि क्षमता से अधिक रेत भरकर परिवहन किया जा रहा है। लगभग सभी ट्रक रेमंड के पीछे वाले नवनिर्मित रास्ते से होते हुए महाराष्ट्र की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं। क्षमता से अधिक वजन लेकर चल रहे वाहनों के कारण सड़क भी बर्बाद हो रही है इतना ही बहुत कम समय में सड़क बर्बाद हो जाएगी, क्योंकि सड़क निर्माण के वक्त यह तय किया जाता है कि उससे कितने वजनी वाहन गुजर सकते हैं। रेत के अवैध परिवहन के लिए खनिज विभाग की लापरवाही खुलकर सामने आ रही तो वहीं परिवहन विभाग रेत की ओवर लोडिंग रोकने में नाकामयाब साबित हो रहा है।

इस रास्ते से निकल रहे ट्रक
रेत से भरे ट्रक नवनिर्मित सड़क से निकल रहे हैं। वाहन रेमंड के पीछे वाली सड़क से तिनखेड़ा, साईंखेड़ा होते हुए हाइवे पर निकलते हैं। जिले के सौंसर कन्हान नदी रेत खदान से पांढुर्ना के रास्ते महाराष्ट्र में ट्रक से रेत का परिवहन किया जा रहा है। रेत की चोरी के लिए 12 चक्का व 14 चक्का ट्रकों में लगभग 900 से 1200 वर्ग फीट रेत जिसका वजन लगभग 45 से 50 टन होता है जो रेत भरकर तिरपाल से ढ़ककर रस्सा लगाकर परिवहन करते है । वहीं एक 10 चक्का डम्पर ट्रक में अंडरलोड़ 300 से 400 वर्ग फीट रेत परिवहन किया जाता है जिसका वजन लगभग 25 से 30 टन होता है। सड़क से गुजर रहे ट्रकों में क्षमता से अधिक रेत भरी होती है।

कार्रवाई के लिए निर्देशित करेंगे
क्षेत्रीय अधिकारी को जांच कर उचित कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा। ओवर लोड चलने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जावेगी।

अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी,

ओवर लोडिंग से खराब होती है सड़क
किसी भी सड़क की वजन सहन करने की एक क्षमता होती है। ओवर लोडिंग से हर सड़क खराब होगी, लेकिन ओवर लोडिंग को रोकने के लिए सम्बंधित विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए।
डिविजन मैनेजर, एमपीआरडीसी

कार्रवाई की जाती है
खनिज विभाग के द्वारा जिले में लगातार निरीक्षण किया जाता है, और जो भी वाहन मिली हुई रायल्टी की तुलना में आयतन में ओवरलोड पाए जाते हैं उन पर खनिज विभाग के नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाती है।
रविंद्र परमार जिला खनिज अधिकारी