केंसरी नंदन हनुमानजी का ये मंदिर, यहां अर्जी लिखकर देने से पूरी होती है हर मनोकामना
ये तो हम सभी जानते हैं कि प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारी पीड़ित जनता की समस्या सुलझाने हर मंगलवार जनसुनवाई करते हैं पर क्या आपने कभी सुना है कि भगवान भी जनसुनवाई करते हैं।
कागज की पर्ची में अपनी समस्या या मनोकामना लिखकर हनुमानजी के चरणों में रखने से एक तरफ समस्या दूर हो जाती है, तो दूसरी तरफ उनकी मनोकामना भी पूरी होती है.
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25,2024
(पंचायत दिशा समाचार)
छिंदवाड़ा. मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में हनुमानजी का ऐसा मंदिर है, जो दीवारों से नहीं बल्कि नारियलों से बना है, श्रद्धालुओं की हनुमानजी में अटूट आस्था है, कहा जाता है कि यहां आनेवाले भक्तों द्वारा कागज की पर्ची में अपनी समस्या या मनोकामना लिखकर हनुमानजी के चरणों में रखने से एक तरफ समस्या दूर हो जाती है, तो दूसरी तरफ उनकी मनोकामना भी पूरी होती है, यही कारण है कि यहां आने वाले लोग न सिर्फ शादी ब्याह बल्कि हर प्रकार की समस्या और मनोकामना हनुमानजी के समक्ष रखते हैं, कहा जाता है कि केसरीनंदन हुनमान यहां जनसुनवाई करते हैं।

नारियल से बना है हनुमानजी का ये मंदिर, यहां अर्जी लिखकर देने से पूरी होती है हर मनोकामना
मनोकामना पूरी होने पर बांधते हैं नारियल
केसरीनंदन हनुमान अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैंं। मंदिर में अपनी इच्छा को एक कागज में लिखकर भक्त मंगलवार के दिन उनके चरणों में रख देते हैं। मानना है कि केसरीनंदन उस इच्छा को पूरी करते हैं। मंदिर में लोगों की लिखी लाखों अर्जियां अभी भी सहेजकर रखी जाती है उन्हें फाड़ा या नष्ट नहीं किया जाता। लाखों अर्जियां मंदिर परिसर में सुरक्षित रखी जाती है।

दीवारों से नहीं नारियल से बना है मंदिर
यहां आनेवाले श्रद्धालु नारियल को फोड़ते नहीं है, बल्कि मंदिर परिसर में ही बांध देते हैं, यहां सालों साल से श्रद्धालुओं द्वारा बांधे जा रहे नारियल से ही मंदिर की दीवारें बन गई है, यानी यहां ईंट पत्थर या सीमेंट की दीवारें नहीं है, बल्कि नारियल बंध-बंधकर ही दीवारें बन गई हैं। इस मंदिर को श्रद्धालु नारियल वाले हनुमान मंदिर के नाम से भी जानते हैं।

खंभे और दीवार भी नारियल की
मंदिर की बाहरी और अंदरूनी दीवारों और खंबो में नारियल ही बधें हुए है। ऐसा लगता है जैसे ये दीवारे और खंबे नारियल के ही बने हैं। मंदिर में ऐसी कोई जगह नहीं जहां नारियल न बंधे हो। सूखे और काले पड़ चुके नारियलों को देखकर ही समझा जा सकता है ये सालों पहले यहां लगे होंगे। मंदिर के मुख्य पुजारी अनिल मालवी कहते हैं कि मंदिर के अंदर अब जगह नहीं बची इसलिए बाहर परिसर में नारियलों को बांध दिया जाता है।

नारियल से बना है हनुमानजी का ये मंदिर, यहां अर्जी लिखकर देने से पूरी होती है हर मनोकामना
देश में सिर्फ दो मंदिर, एक छिंदवाड़ा में
बताया जाता है कि पूरे देश में हनुमानजी का पूर्व में मुख किए हुए दो ही मंदिर है। एक उत्तरप्रदेश के अयोध्या शहर में है और दूसरा छिंदवाड़ा में केसरीनंदन के रूप में यह मंदिर। इस मंदिर की और भी खासियतें हैं। मंदिर परिसर में पीपल और बड़ दोनों वृक्ष एक साथ ही जमीन से उगे हैं। जड़ों से निकले दोनों वृक्षों के तने भी एकदूसरे से लगे दिखते हैं। हनुमानजी की प्रतिमा यहां कुंड में विराजमान है। कहा जाता है कि हनुमानजी के लिए अग्निकुंड भी शीतल जल के समान रहता है। ऐसा दृश्य हनुमानजी के किसी अन्य मंदिर में नहीं दिखता है।
रिपोर्ट- ठा.रामकुमार राजपूत
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