पंचायत दिशा
(पंचायत दिशा समाचार ) मध्यप्रदेश के रीवा में ऐतिहासिक लक्ष्मण बाग मंदिर में भगवान बीमार हो गए है। यहां पर स्थापित भगवान जगन्नाथ स्वामी, बलभद्र और सुभद्रा ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के साथ ही गर्भगृह से बाहर आ गए है। जहां अब वे 15 दिनों तक विश्राम करेंगे इन्हें औषधि एवं सादा भोजन दिया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान बुखार आने के साथ ही बीमार हो जाते हैं, और भगवान का परहेज भी शुरू हो जाता है। अब भगवान को दलिया खिचड़ी व मूंग की दाल सहित हल्के खाद्य पदार्थों का भोग लगाया जाएगा। अस्वस्थ होने के कारण भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा शयनकक्ष में आराम कर रहे हैं। भक्तों के लिए दर्शन बंद कर दिए जाते है, भगवान का बीमार होना यह सब परंपरा का हिस्सा है जिसका निर्वाहन करीब 350 सौ सालों से आज भी किया जा रहा है।

….रीवा के ऐतिहासिक लक्ष्मण बाग मंदिर में भगवान जगन्नाथ लू लगने से बीमार हो गए है। भगवान के बीमार होते ही मंदिर के पट पुजारी ने बंद कर दिए है। हर बार भगवान ज्येष्ठ माह की पूर्णिंमा को लू की चपेट में आकर बीमार होते है,0बीमार होने की यह परंपरा बहुत पुरानी है जो आज भी कायम है। ऐसी मान्यता है की ज्येष्ठ माह की पूर्णिंमा को हर साल भगवान लू की चपेट में आते है, जिन्हे तेज बुखार आता है और राज्य वैध द्वारा दी गई दवाइयों से लू का उपचार किया जाता है।

लक्ष्मण बाग का यह मंदिर कई वर्ष पुराना है जंहा पर पुरानी परम्परा के अनुसार ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को भगवान जगन्नाथ लू लगने से बीमार पड़ जाते है। इसके बाद मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं, इस दौरान 15 दिनों तक भोग में उन्हें खिचड़ी एवं ठंडई दी जाती है। और राज्य वैध आकर भगवान को दवा देकर इलाज करते है। मंदिर के पुजारियों द्वारा 108 कलश औषधीय जल से भगवान को स्नान कराया जाता है

, ऐसी मान्यता है की ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को भगवान लू की चपेट में आ जाते है और तेज बुखार आता है। जिसके बाद भगवान को आराम करने के लिए अलग स्थान दिया जाता है भक्तों के लिए मंदिर के पट बंद कर दिए जाते है। 15 दिनों बाद भगवान् ठीक होंगे और रथ यात्रा के दिन लोगों को दर्शन देंगे, यंहा पर रथ यात्रा की परंपरा रही है जिसमे निकलकर भगवान लोगों को दर्शन देते है।

रीवा रियासत में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की सदियों पुरानी परंपरा है, जिसका निर्वाहन रीवा रियासत के सभी राजाओं ने किया। आज भी राजपरिवार के मुखिया और जनता के द्वारा रथयात्रा निकाली जाती है। लक्ष्मणबाग मंदिर से भगवान सज धज कर निकलते हैं और शहर भ्रमण कर लोगों को दर्शन देते हैं।
रिपोर्ट -रामकुमार राजपूत