Home CITY NEWS जनजातीय कार्य विभाग में मरम्मत के नाम पर फिर हुई लूट…..

जनजातीय कार्य विभाग में मरम्मत के नाम पर फिर हुई लूट…..

जनजातीय कार्य विभाग में मरम्मत के नाम पर फिर हुई लूट…..

जनजातीय विभाग के छात्रावास परासिया में लाखों की मरम्मत ?

एक ही साल में तीन बार प्लास्टर, पुट्टी और छत की मरम्मत, विभाग पर उठे सवाल….

छात्रावास अधीक्षक बनने के लिए लग रही लाखों की बोली…?

छिंदवाड़ा/ मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिलें के जनजातीय कार्य विभाग एक बार फिर से सवालों के घेरे में है। इस बार मामला परासिया स्थित आदिवासी बालक छात्रावास का है, जहां एक ही वर्ष में तीन बार मरम्मत कार्य कराए जाने की बात सामने आई है। दस्तावेजों के अनुसार छात्रावास में प्लास्टर, पुट्टी, छत मरम्मत और शौचालय सुधार जैसे कार्यों के नाम पर करीब 28 लाख रुपए खर्च किए गए हैं..

1 वर्ष में तीन बार हुआ बजट स्वीकृत….
सूत्रों की जानकारी के अनुसार वर्ष 2024-25 में तीन अलग-अलग बार मरम्मत कार्यों के लिए बजट स्वीकृत किया गया। हैरानी की बात यह है कि हर बार एक जैसे कार्य – जैसे प्लास्टर, छत की मरम्मत और पुट्टी – को दोहराया गया। यहां तक कि एक ही शौचालय की मरम्मत को भी तीन बार दर्शाया गया है।

दस्तावेज़ों में गड़बड़ी के संकेत….

जानकारी के अनुसार जनजातीय कार्य विभाग में एक मामला फिर सामने आया है कि मरम्मत कार्यों की न तो फोटो संलग्न हैं, न ही वर्क कम्प्लीशन रिपोर्ट की स्थिति स्पष्ट है। कई जगहों पर केवल बिलों के आधार पर भुगतान कर दिया गया है। इससे यह संदेह गहराता जा रहा है कि कहीं न कहीं कागजों पर ही लाखों का घोटाला विभाग के एक एंव विभाग के इंजीनियर की मिलीभगत से पूरा खेल खेला गया है। इतना ही नहीं बगैर एस डी ओ के हस्ताक्षर के बिल पास कर दिए जा रहे है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया –

छात्रावास में रहने वाले छात्रों और स्थानीय लोगों का कहना है कि इमारत की स्थिति अब भी खराब है। कई कमरों की छत टपकती है, शौचालय की स्थिति बदतर है। जबकि कार्य न होने पर तीन बार मरम्मत कार्य होने का दावा आंखों में धूल झोंकने जैसा प्रतीत होता है।

क्या कहता है प्रशासन?

जब इस मामले में विभागीय लोगों से चर्चा की गई तो वे टालमटोल करते नजर आए। कुछ अधिकारियों ने मामले की जानकारी से इनकार किया, तो कुछ ने जांच के बाद जवाब देने की बात कही।

जनजाति कार्य विभाग में भारी भ्रष्टाचार ?

सवाल उठता है कि आखिर एक ही भवन की एक ही साल में बार-बार मरम्मत क्यों? क्या यह योजना के बजट का बंदरबांट है? क्या जिम्मेदारों की मिलीभगत से जनता के पैसे की बंदरबांट हो रही है?

अब देखना यह है कि प्रशासन इस घोटाले पर कार्रवाई करता है या इसे भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा..

सालों से चल रहा खेल….
जनजातीय विभाग में इन दिनों मरम्मत एंव निर्माण कार्य में भरी गोलमाल किया जा रहा है, हर काम के एवज में कमीशन सेट है, काम कोई भी करें पहले विभाग के बाबू एंव विभागीय इंजीनियर को कमीशन देना पडता है, विभाग के काम का टेंडर भाले ही ऑनलाइन किया जाता है लेकिन सेंटिग ऐसी है कि सिर्फ काम दो ठेकेदारों को मिलता है, क्योंकि विभाग के बाबू और इंजीनियर की मिलीभगत से यंहा पूरा काम चल रहा है, सहायक आयुक्त भी इनके कहने में ही उन लोगो को काम देते है जो लोगों से कमीशन की बात हो गई है..?

करोडो की सप्लाई फिर होने वाली है छात्रावास…

जानकारों के अनुसार जनजातीय विभाग के छात्रावास में रोटी बनाने की मशीन की सप्लाई होना है, जिसकें लिए सप्लाई करने वालें इन दिनों जनजातीय विभाग के चक्कर काट के देखे जा सकते हैं

रिपोर्ट -ठा. रामकुमार राजपूत

मोबाइल -8989115284