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कुसमेली अनाज मंडी में प्रशासन की मनमानी से जिले के किसान परेशान- सिंह

अनाज मंडी में प्रशासन की मनमानी से जिले के किसान परेशान- सिंह

नियमानुसार संचालित होनी चाहिए मंडी, सचिव के खिलाफ हो कार्रवाई

10 से 15 सालों से जमे मंडी निरीक्षक व्यापारियों से सांठगठ कर किसानों से कर रहे हैं खुली लूट

छिन्दवाड़ा:- जिले के प्रत्येक अनाज उत्पादक किसानों को अपनी उपज विक्रय हेतु सीधे कुसमैली अनाज मंडी ही पहुंचना पड़ता है। किन्तु मंडी में चल रही प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी के कारण किसान अपनी फसल बिचौलियों को बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं, क्योंकि मंडी कभी भी बंद हो जाती है। बंद रखने के पीछे कोई पुख्ता कारण भी नहीं होता इसका सीधा अर्थ है कि प्रशासन की मानमानी चल रही है। उक्त उदगार किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चौधरी पुष्पेन्द्र सिंह ने जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से व्यक्त किए।

चौधरी पुष्पेन्द्र सिंह ने जारी बयान में आगे कहा कि जिले की प्रमुख कृषि उपज मण्डी कुसमैली लगातार 6 दिन तक बंद होने से जिले के किसान अपनी उपज बेचने हेतु परेशान हो रहे। किसानों को अपनी उपज कम दामों पर बेचने हेतु मजबूर होना पड़ रहा है। मण्डी सचिव द्वारा कभी भी कृषि उपज मण्डी बंद करने और खोलने के आदेश जारी कर दिये जाते हैं, जो किसान हितों के विपरीत है। मण्डी सचिव की मनमानी से किसान लगातार परेशान हो रहे। इसलिये उनके विरूद्ध कार्यवाही की जानी चाहिये, मार्च महीने में किसानों को ऋण भुगतान करने, बिजली बिल जमा करने एवं बच्चों की स्कूली फीस जमा करने और शादी विवाह समारोह के लिये किसानों को रूपयों की आवश्यकता होती है।

शासन के नियमानुसार वार्षिक कैलेण्डर से संचालित किया जाना जरूरी है। मण्डी सचिव द्वारा मंडी में खरीदी व बंद रखने सहित अन्य अहम बिन्दुओं पर निर्णय लेने के पूर्व जनप्रतिनिधियों की आवश्यक बैठक बुलाकर उनकी सहमति व सुझाव भी लेना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में मंडी को नियमानुसार व कम से कम समय के लिए बंद किया जाना सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भाजपा सरकार है। किसान कांग्रेस के द्वारा मंडी में जारी मनमानी को रोकने हेतु मण्डी सचिव के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु मुख्यमंत्री, कलेक्टर, भार साधक अधिकारी व उप संचालक कृषि को ज्ञापन प्रेषित किया है।