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संकट मे नौनिहाल: बिना फायर एनओसी के चल रहे जिलें में स्कूल …

संकट मे नौनिहाल: बिना फायर एनओसी के चल रहे जिलें में स्कूल …

जिले में सरकारी व निजी स्कूलों में नहीं हैं आग सुरक्षा के इंतजाम…

शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पता तक नहीं फायर सिस्टम के बारे में..?

छिंदवाड़ा . गर्मी बढऩे के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं भी होती रहती हैं। इसके बावजूद स्कूलों में आग की घटनाओं से बचने के लिए कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं है। इसमें सरकारी सहित निजी स्कूल भी शामिल हैं। जिसमें सबसे ज्यादा सरकारी स्कूल शामिल हैं। जहां पर प्राथमिक व माध्यमिक, हाई स्कूल में आगजनी जैसी घटनाओं से बचने के लिए स्कूल भवन में कोई भी इंतजाम नहीं। वहीं कुछ प्राईवेट स्कूलों ने फर्जी सर्टिफिकेट ले रखी है

जिले में सरकारी से लेकर निजी विद्यालयों को खोलने को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से आग की सुरक्षा को लेकर बड़ी लापरवाहीं बरती जा रही है। विभाग के अधिकारी ने बिना फायर सेफ्टी के स्कूलों को संचालन की मान्यता दे दी है। केवल शपथ पत्र में उपकरण भराकर स्कूलों का संचालन शुरू करा दिया है। शिक्षा विभाग की ओर से लापरवाहीं बरती जा रही है। जिले में कक्षा एक से लेकर 12वीं तक हजारों सरकारी एंव प्राईवेट विद्यालय संचालित हो रहे है। इन में बिना अग्निशमन विभाग से फायर एनओसी लिए ही पढ़ाई हो रही है। काफी स्कूलों में शिक्षा विभाग की ओर से लिया गया शपथ पत्र के उपकरण भी विद्यालयों में नहीं लगें है।
वहीं निजी विद्यालय कक्षा एक से 12वीं तक संचालित हो रहे है। इन बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग को नहीं है। बिना फायर सेफ्टी विभाग की एनओसी के स्कूल चल रहे हैं। जिसमें स्कूल प्रबंधन की ओर से नियमों को ताक पर रखकर बच्चों की जान खतरे में डाल रहे हैं। वहीं इस मामले में प्रशासन भी चुप है। इसके अलावा कुछ स्कूल ऐसे हैं। जिन्होंने फायर सेफ्टी विभाग से एनओसी ली नहीं। उन्होंने जालसाजी से एनओसी तैयार कराकर मान्यता ले ली..

मॉक ड्रिल भी नही करते …

जिले में कभी भी फायर विभाग की ओर से स्कूल में आपदा से निपटने के गुर विद्यार्थियों को प्रदान नही किए जा रहे हैं। जिसमें विद्यार्थियों को आगजनी जैसी घटनाओं के दौरान अपनी और दूसरों की सुरक्षा को लेकर भी जानकारी प्रदान भी नही की जाती है। जिसमें कई सरकारी व निजी स्कूलों में आग से निपटने के उपकरण न होने के कारण कभी भी दमकल विभाग की ओर से भी अपने उपकरण ले जाकर वहां पर विद्यार्थियों को आग पर काबू पाने वाले उपकरणों को चलाना सिखाया भी नही जाता है। हैरानी की बात तो यह है कि स्कूल में इस तरह के उपकरण न होने के कारण विद्यार्थी आग लगने के दौरान किसका प्रयोग करेंगे। इसमें विद्यार्थियों को आग से निपटने के गुर भी नहीं सिखाया जा रहा है

फर्जी एनओसी, स्कूलों में नहीं है फायर सेफ्टी के इंतजाम..?

चौरई नगर पालिका के बाइपास के रोड पर एक निजी विद्यालय ने फर्जी जालसाजी कर फायर एनओसी जारी करा ली। इसकी जानकारी नगर परिषद को भी नहीं हुई है, जबकि जिला शिक्षा अधिकारी भी कभी प्राईवेट और सरकारी विद्यालय वाले से जानकारी जुटाई नही जाती है । कई एनओसी को फर्जी तरीके से पांच साल के लिए जारी किया गया है। जिसमें आयुक्त की मोहर व फर्जी हस्ताक्षक किए गए हे। इसकी जानकारी नगर एंव नगर पालिका, नगर निगम को भी नहीं हुई है,

जिलें में कई स्कूल संचालक के पास फायर एनओसी नहीं है। बिना सुरक्षा इंतजामों के स्कूलों का संचालन हो रहा है। केवल कुछ ही स्कूल के पास है। बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है शिक्षा विभाग..!

जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में भी नहीं है फायर सेफ्टी के इंतजाम..?

जिलें के जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावास एंव आश्रम शालाओं में भी नहीं है एक भी जगह फायर सेफ्टी के इंतजाम, आखिर क्यों बच्चों की जिदंगी से हो रहा खिलवाड़..?