छिंदवाड़ा /आज की सुबह छिंदवाड़ा जिले के इतिहास में पहली बार विश्व प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक प्रवक्ता ब्रह्माकुमारी शिवानी बहन ने छिंदवाड़ा के दशहरा मैदान पोला ग्राउंड में सूरज की प्रथम रश्मियों के साथ शांति और प्रेम और ज्ञान की वर्षा से भरपूर करते हुए छिंदवाड़ा की हजारो जनता के बीच धर्म से बढ़कर आध्यात्मिकता का बीजारोपण का सूत्रपात किया। ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी के सुंदर विचारों को सुनने के लिए उनके हजारों फैंस लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। उन्होंने खुश रहने और रिश्ते बचाने की सफल मंत्र दिए। दशहरा मैदान में हजारों श्रद्धालुओं और जिज्ञासु लोगों को अपने प्रभावी विचारों से उन्होंने खुशियों का स्वर्णिम सवेरा कैसे उदित हो, हमारे जीवन में उसके सूत्र बताएं और उसके साथ-साथ दैनिक जीवन में मेडिटेशन को दिनचर्या के लिए विशेष बताते हुए कहा की कोई मेडिटेशन से जुड़ना कठिन प्रक्रिया नहीं है ,बल्कि बेहद आसान है, मन को शांति मिलती है ।उन्होंने कहा कि खुद को बदलना नहीं चाहते पर आज का इंसान संसार को बदलना चाहता है ।घर के लोगों को बदलना चाहता है, पड़ोसी को बदलना चाहता है ,पर खुद को नहीं बदलना चाहता। हमें बीज को पानी देना है, वृक्ष को नहीं ।बीज हमारा मन है, और वृक्ष हमारा शरीर”! शरीर के रिश्ते संसार है। हमें खुद अर्थात बीज को मेडिटेशन रूपी खाद पानी देना है। आत्मा की उन्नति के लिए संसार के मनुष्य के पास समय नहीं है ।स्वयं के लिए समय निकालें कोई भी कार्य करने के लिए सबसे पहले अपनी आत्मा की स्थिति मन की स्थिति का विशेष ध्यान रखना है। उन्होंने स्वास्तिक का आध्यात्मिक अर्थ बताते हुए चारों युगों का गहरा रहस्य बताया और उन्होंने कहा की ७ दिन का कोर्स जरूर करना चाहिए! जिससे आत्मा का कांसेप्ट क्लियर होता है। और यह ज्ञान किसी व्यक्ति का नहीं स्वयं ईश्वर का है ,जो आत्मा की उन्नति के लिए सर्वोपरि है, मनुष्य की आत्मा के गुण विलुप्त हो चुके हैं, शांति भौतिक वस्तुओं में नहीं है, हमारे अंतर्मन में निहित है,” मनुष्य जैसा होता है वैसा कर्मफल पता है”। आज संसार के जो रिश्ते और दुख है, वह हमारे कार्मिक अकाउंट है, जिन्हें हम मेडिटेशन से सेटल कर सकते हैं ।आज अच्छा धन अच्छा मन की विशेष बनाने के लिए मेडिटेशन और अध्यात्म को जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है। आज घरों की नेगेटिव हवा विचारों की दूषित हवा हर घर के इंसान के मन को बीमार बना रहे हैं। परिवार के तनावपूर्ण माहौल में शांति का जल शुक्रिया का पानी ,शांति की अगरबत्ती अच्छे विचारों की खुशबू को फैलाने से घर का वातावरण सतयुग बन जाएगा। सारा दिन जिनके साथ रहते हैं, उनके साथ काम करते हैं, उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए हमें लोगों का प्रकृति का जहां काम करते हैं। उसका शुक्रिया करना चाहिए जहां से हमें धन की प्राप्ति होती है ,उस स्थान का शुक्रिया करना चाहिए। परमात्मा का शुक्रिया मन और शरीर का शुक्रिया स्थूल वस्तुओं का शुक्रिया जड़ चीजों का शुक्रिया समय के साथ रिश्ता बनाते हैं। उसका भी शुक्रिया करना चाहिए। दुआ दीजिए समय को समय के साथ हमारा घनिष्ठ संबंध है। इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्पीकर राजयोगी शक्ति राज भाई जी माउंट आबू से डॉक्टर दामिनी इंदौर जोन की निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी भिलाई से आशा दीदी जबलपुर से भावना दीदी की गरिमामई उपस्थिति रही इस कार्यक्रम में छिंदवाड़ा के सांसद विवेक बंटी साहू जिले के विभिन्न विधानसभा के विधायक कुलपति कॉलेज, स्कूल के शिक्षाविद प्रिंसिपल आदि अन्य की उपस्थिति रही।
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