Home CITY NEWS ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूल अतिथि शिक्षक के भरोसे… आखिर कब तक..?

ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूल अतिथि शिक्षक के भरोसे… आखिर कब तक..?

शहर के स्कूलों में जरूरत से ज्यादा शिक्षक, कई गांवों में सिर्फ एक भी शिक्षक नही,अतिथि शिक्षक के भरोसे…
शहरी क्षेत्र में तय संख्या के मुकाबले शिक्षक ज्यादा..

ग्रामीण क्षेत्रों में इससे उलट स्थिति है

छिंदवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूल अतिथि शिक्षक के भरोसे

जिलें के शहरों के स्कूल शिक्षकों से ओवरलोड हैं। अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत तय हुआ अनुपात इनमें बिगड़ गया है…

छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव विकासखंड में ऐसे ही कई स्कूल जहां पर अतिथि शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं स्कूल ऐसा ही मामला देखने को मिला आलमोद का प्राथमिक स्कूल धवासी, जंहा प्रधान पाठक महीने में जाते हे 4 दिन स्कूल
ऐसा ही मामला देखने को मिला जुन्नारदेव विकास खंड के धवासी ओर गंगवानी के ग्राम वासियों ने बताया कि हमारे यहां प्राथमिक स्कूल में पदस्थ प्रधान पाठक सुमरलाल ठकरिया सर के पास तीन स्कूलों का प्रभार हे लेकिन वो महीने में 4 से 5 दिन ही स्कूल आ रहे हे जिस कारण हमारे बच्चों का भविष्य खराब हो रहा हे जब इस बारे में प्राथमिक स्कूल धवासी के बच्चों से पूछा गया तो बच्चों ने भी बताया कि ठकरिया सर हफ्ते में एक बार स्कूल आते हे और वो भी समय पर नहीं आते हे पढ़ाते भी नहीं हे और वापस चले जाते हे बच्चों को प्राथमिक शिक्षा तक तरीके से नही मिल पा रही है। वही गंगवानी ग्राम वासियों ने बताया कि गंगवानी माध्यमिक स्कूल के शिक्षक डेहरिया चांदामेटा से आना जाना करते हे वो भी महीने में 4 से 5 दिन ही गंगवानी माध्यमिक स्कूल आते हे यहां भी अतिथि शिक्षक ही पढ़ा रहे हे,प्राथमिक ओर माध्यमिक शाला में पढ़ने वाले बच्चे कागजों पर तो शिक्षा से जुड़े हुए हैं, लेकिन हकीकत में उनकी स्थिति अनपढ़ों की तरह ही है। वही प्राथमिक स्कूल धवासी के अतिथि शिक्षक ने बताया कि ठकरिया सर कभी कभी ही स्कूल आते हे कभी 12 बजे तो कभी 1 बजे स्कूल आते हे बच्चों को पढ़ाते भी नहीं हे जिससे बच्चों का भविष्य खराब हो रहा हे, अब देखना ये होगा कि इसे लापरवाही करने वाले शिक्षक पर उच्च अधिकारि क्या कार्यवाही करते हे

रिपोर्ट -ठा. रामकुमार राजपूत

मोबाइल -8989115284