महाशिवरात्रि पर्व पर भूराभगत में 17 से 28 फरवरी तक आयोजित होगा महादेव मेला…
मेले की व्यवस्थाओं के संबंध में कलेक्टर श्री सिंह ने ली बैठक
छिन्दवाड़ा/ छिन्दवाड़ा जिले की जनपद पंचायत जुन्नारदेव की ग्राम पंचायत सांगाखेड़ा के ग्राम भूराभगत में महाशिवरात्रि पर्व पर आगामी 17 से 28 फरवरी तक आयोजित होने वाले महादेव मेले के आयोजन के संबंध में आज सोमवार को कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक संपन्न हुई। बैठक में मेले में की जाने वाली व्यवस्थाओं को लेकर विभागवार विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा और समीक्षा की गई तथा महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये । बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री अजय पांडे, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अग्रिम कुमार, एडीएम श्री के.सी.बोपचे सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वहीं, एसडीएम जुन्नारदेव सुश्री कामिनी ठाकुर सहित अन्य अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया।
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम– मेले में लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर श्री सिंह ने नागदेव, निमोठी, विशाला, सांगाखेड़ा (भूराभगत) और गोरख घाट जैसे प्रमुख स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, मेले के रूट पर तीन स्थानों पर विशेष चेकिंग पॉइंट बनाए जाएंगे, जहां शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सख्ती बरती जाएगी।
सड़क और परिवहन सुविधाएँ- मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एमपीआरडीसी और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को नागदेव, निमढाना, जामई और तामिया मार्गों की मरम्मत के निर्देश दिए गए हैं। खतरनाक स्थानों पर सुरक्षा दीवारों का निर्माण और रेडियम चिन्ह लगाए जाएंगे, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही पंचायतों द्वारा पेड़ों पर रेडियम पट्टियाँ लगाने के भी निर्देश दिए गए है, जिससे रात्रि में रास्ता स्पष्ट रूप से दिखाई दे। रेडियम की पट्टियाँ अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी द्वारा उपलब्ध करवाई जाएंगी।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएँ- श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए 16 प्रमुख पंचायतों द्वारा अस्थायी टेंट, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था की जाएगी। नगर पालिका को निर्देश दिए गए हैं कि चलित शौचालय, फायर ब्रिगेड और अन्य आवश्यक सुविधाओं की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
पेयजल और स्वच्छता प्रबंधन– लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और ग्राम पंचायतों को पूरे मेले क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, “वॉश ऑन व्हील” योजना का लाभ लेते हुए स्वच्छता साथियों के माध्यम से शौचालयों की सफाई नियमित रूप से की जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
संस्कृति और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा– मेले में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए इस बार नवाचार करते हुए विशेष टेंट सिटी विकसित की जाएगी, जहां वे ठहर सकेंगे और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा, लोक नृत्य, पारंपरिक जड़ी-बूटी स्टॉल और वनधन स्टॉल भी लगाए जाएंगे। स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा पारंपरिक व्यंजनों की व्यवस्था की जाएगी जिससे स्थानीय खानपान को बढ़ावा मिलेगा।
स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाएँ– मेले में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रमुख मार्गों पर दमुआ, जामई, गारादेही, नागदेव और भूराभगत रोड पर एंबुलेंस तैनात रहेंगी। वहीं, दो एंबुलेंस मेले के मुख्य स्थल पर और एक एंबुलेंस विशाला में मौजूद रहेगी, जिससे किसी भी चिकित्सा आपातकाल की स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान की जा सके।
समय से पूर्व तैयारियाँ पूर्ण करने के निर्देश– बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने सभी विभागों को निर्धारित समय से पूर्व सभी व्यवस्थाएँ दुरुस्त करने के निर्देश दिए। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने, सुरक्षा सुनिश्चित करने और सभी सुविधाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रशासन द्वारा लगातार निगरानी की जाएगी।