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सभी सरकारी कर्मचारी बताएं अपनी प्रॉपर्टी, मोहन सरकार का फरमान, वरना होगी कर्रवाई…

सभी सरकारी कर्मचारी बताएं अपनी प्रॉपर्टी, मोहन सरकार का फरमान, वरना होगी कर्रवाई…

Mp सरकार ने फरमान जारी किया है. सरकार ने कर्मचारियों से संपत्ति का ब्यौरा मांगा है…

पंचायत दिशा समाचार

भोपाल/ मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने अब सभी राज्य सरकार के कर्मचारी की संपत्ति का ब्यौरा मांगा है क्योंकि परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक मामले में सरकार की खूब किरकिरी हुई है. अब राज्य सरकार ने सभी कर्मचारी-अधिकारियों को समय सीमा में संपत्ति का ब्यौरा सौंपने का आदेश जारी कर दिया है. कर्मचारियों को 31 जनवरी तक अपना संपत्ति का ब्यौरा सरकार को सौंपना होगा. सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर अचल संपत्ति का ब्यौरा पेश करने की डेडलाइन तय कर दी है. समय सीमा में संपत्ति की जानकारी न देने वाले कर्मचारी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.
बताना होता है अब तक कहां खरीदी जमीन
कर्मचारियों को निर्धारित फॉर्मेट में अचल संपत्ति की जानकारी देनी होगी है. इसमें बताना होता है कि वे किस पद पर हैं और उनकी कुल वेतनमान कितना है. किस जिले में पदस्थ हैं. सरकारी नौकरी में आने से लेकर अभी तक उनके और परिवार के सदस्यों के नाम से कितनी अचल संपत्ति उनके द्वारा क्रय की गई. अचल संपत्ति क्रय करते समय उसकी कीमत और वर्तमान की कितनी है. साथ ही संपत्ति से कितनी आय प्राप्त होती है.

राज्य शासन का आदेश पत्र..
वेबसाइट पर डालनी होती है जानकारी…
मध्य प्रदेश में सभी कर्मचारी अधिकारियों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य है. साल 2010 में सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को इस संबंध में आदेश जारी कर कहा था कि सभी कर्मचारी अधिकारियों को अपनी अचल संपत्ति का हर साल ब्यौरा देना अनिवार्य है. इसके लिए विभाग द्वारा अचल संपत्ति की जानकारी के लिए फॉर्मेट भी जारी किया था.
कर्मचारियों की सैलरी पर लटकी तलवार, संपत्ति छिपाने वालों पर हो सकती है कार्रवाई

इस फॉर्मेट में ही कर्मचारी अधिकारियों को हर साल अपनी अचल संपत्ति घोषित करनी होती है. विभाग ने यह तमाम जानकारी विभागीय वेबसाइट पर जारी करने के निर्देश भी दिए थे. हालांकि कई विभागों द्वारा कर्मचारी अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा विभाग की वेबसाइट पर प्रदर्शित करने के निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा…

कांग्रेस बोली- मंत्रियों से भी पूछे सरकार

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मोहन यादव सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि सरकारी कर्मचारी तो अपनी प्रॉपर्टी की जानकारी दे देंगे, मगर सरकार को पहले अपने मंत्रियों से भी जानकारी लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को कोसने से करप्शन कम नहीं होगा.

बीजेपी ने ही शुरू की यह परंपरा’

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी सचिन सक्सेना ने जीतू पटवारी के आरोप पर कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने ही यह परंपरा शुरू की है, जिसमें कर्मचारियों से लेकर मंत्री तक सभी को अपनी संपत्ति का विवरण देना है. जितनी पारदर्शिता भारतीय जनता पार्टी की सरकार में है, उतनी पारदर्शिता किसी राजनीतिक दल ने आज तक नहीं रखी है.

टीप -छिंदवाड़ा के जनजाति कार्य विभाग मैं पदस्थ (शिक्षक) बाबूजी अब अपनी संपत्ति का कैसे देंगे हिसाब, पुणे के 80 लाख के मकान का कैसे देंगे हिसाब…?