तामिया के प्राकृतिक सौन्दर्य पर मुग्ध हुए भारत के महान्यायवादी आर वेंकटरमी
मध्यप्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य के खजानों में से एक तामिया छिंदवाडा जिले का एक सुरम्य पर्यटन स्थल है यहां सतपुड़ा के घने जंगलों और पहाड़ों के सुंदर और लुभावने दृश्यो को देखकर प्रवास पर आए भारत के सर्वोच्च विधि अधिकारी महान्यायवादी (एटॉर्नी जनरल आफ इंडिया) आर वेंकटरमी मंत्रमुग्ध हो गए। सुबह 8 बजे पश्चिम वन मंडल सामान्य छिंदवाडा के तामिया वन विश्राम गृह में रूके उन्होंने तामिया का वल्चर पाइंट, छोटा महादेव की पहाड़ियों का आनंद लिया। छिंदवाडा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवमोहन सिंह, छिंदवाडा वरिष्ठ खंड व्यवहार न्यायाधीश मेहताब सिंह बघेल, तामिया कनिष्ठ व्यवहार न्यायाधीश प्रीति राठौर की मौजूदगी में सपरिवार आये श्री आर वेंकटरमी ने तामिया पातालकोट के बारे में चर्चा की। तामिया वन परिक्षेत्र अधिकारी हिमांशु विश्वकमां ने तामिया में गिद्धों के संरक्षित क्षेत्र तथा पातालकोट में जैवविविधता जड़ीबूटी संबंधी महत्वपूर्व जानकारी दी। तामिया के समाजसेवी नितिन दत्ता ने सौजन्य भेंट कर तामिया पातालकोट में निवासरत आदिम जनजाति समूह (पीवीटीजी) विशेष पिछड़ी जनजाति भारिया के जनजातीय जीवन शैली खानपान और अन्य चर्चा की। इस दौरान तामिया टीआई विजय सिंह ठाकुर तामिया नायब तहसीलदार प्रकाश परते सहित अन्य मौजूद रहे। तामिया अल्प प्रवास के बाद श्री वेंकटरमी पातालकोट के चिमटीपुर रवाना हुए वहां पेंच नेशनल पार्क भ्रमण के लिए रवाना हुए। भारत के वर्तमान महान्यायवादी आर. वेंकटरमणि हैं. उन्होंने 1 अक्टूबर, 2022 को के. के. वेणुगोपाल से पदभार संभाला था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें इस पद पर नियुक्त किया था. वर्तमान एजीआई वरिष्ठ वकील आर वेंकटरमणी ने खुद को भारत के सबसे विद्वान और वर्गीय वकीलों में से एक के रूप में स्थापित किया है, जो संवैधानिक कानून, पर्यावरण कानून, कराधान, ज्यूबियन अधिकार और बाल और महिला
अधिकार जैसे विभिन्न मामलों से संबंधित हैं। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में प्रमुख सहयोगियों में कई राज्यों, केंद्र सरकार, फर्मों और सार्वजनिक क्षेत्रों के निगमों का प्रतिनिधित्व किया है। वे 2004-2010 के बीच सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में भारत सरकार के विभिन्न विशिष्टताओं के लिए विशेष वरिष्ठ प्रधानाध्यापिका भी रहे हैं और न्यायालय के कर्मचारियों की सेवा से संबंधित मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख के रूप में भी कार्य कर रहे हैं। वह समान अवसर आयोग की संरचना और कार्य की जांच और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा परामर्श विशेषज्ञ समूह के सह-सदस्य थे।
श्री वेंकटरमणी एक वकील हैं, जिनमें सर्वोच्च न्यायालय में 42 वर्षों का अनुभव है। वे जुलाई 1977 में तमिल बार काउंसिल में नामांकित दल और 1979 में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान मंत्री श्री पाइपल राव के चैंबर में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1982 में सुप्रीम कोर्ट में एक एक स्वतंत्र अभ्यास शुरू किया। इन्हें 1997 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वयोवृद्ध वर्ष के रूप में नामित किया गया था। वर्ष 2010 में उन्हें फिर से भारत विधि आयोग के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया और वर्ष 2013 में एक और पद के लिए नियुक्त किया गया। उन्होंने कानून के विभिन्न सिद्धांतों में प्रमुख रूप से संवैधानिक कानून,
स्वामित्व कानून, स्वामित्व कानून, परिषद और प्रतिभूति कानून, पर्यावरण कानून, शिक्षा से संबंधित कानून, भूमि कानून, आपराधिक कानून, मानवाधिकार कानून, उपभोक्ता कानून, साथ ही संबंधित सेवाओं से संबंधित सेवाएं शामिल हैं। कानून में अभ्यास की है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में कई राज्यों, व्यापारियों और केंद्रीय और राज्य सार्वजनिक क्षेत्रों के निगमों का प्रतिनिधित्व किया है। 2004- 2010 के बीच सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में भारत सरकार के विभिन्न पदों के लिए विशेष वरिष्ठ वकील भी रहे हैं और न्यायालय के कर्मचारियों की सेवा से संबंधित मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के वकील के रूप में भी काम किया गया है। वे 1988 से ही नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बैंगलोर के साथ सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। भारत के वर्तमान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी एक संवैधानिक वकील हैं और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं. राष्ट्रपति ने 28 सितंबर, 2022 को उन्हें तीन साल के लिए भारत का नया अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया था. इससे पहले, के.के. वेणुगोपाल भारत के अटॉर्नी जनरल थे।
आर वेंकटरमणी पिछले 12 सालों से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष वरिष्ठ वकील रहे हैं. साल 2010 में उन्हें भारत के विधि आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया था।