Home STATE बीएमओ के गांव आने की खबर सुन झोलाछाप में मचा हड़कंप

बीएमओ के गांव आने की खबर सुन झोलाछाप में मचा हड़कंप

बीएमओ के गांव आने की खबर सुन झोलाछाप में मचा हड़कंप

पांढुर्ना /सौसर। नगर एवं आस पास के गांव मे झोलाछाप का बोल बाला है, तथा आये दिन झोलाछाप को लेकर शासन के नियम सख्त होते जा रहे है. आये दिन अखबार की सुर्खियों मे रहने वाला झोलाछाप का मुद्दा भी शासन प्रशासन को कार्यवाही के लिए प्रेरित करता है.

मंगलवार को विकास खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर योगेश शुक्ला का रामाकोना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दौरा हुआ इसकी खबर झोलाछाप को पहुंचते ही झोलाछाप मे अपरा तपरी देखने को मिली तो वही झोलाछाप एवं उनके समर्थक ईधर से उधर होते हुए दिखाई दिए. डॉक्टर योगेश शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया की ग्राम रामाकोना मे समस्त क्लिनिक संचालको को क्लिनिक के दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे.

प्राप्त जानकारी के अनुसार केवल 2 से 3 क्लिनिक के वैध पंजीयन पाए गए जबकि अन्य क्लिनिक का पंजीयन अवैध बताये गए. अवैध पंजीयन क्लिनिको पर जल्दी कार्यवाही की जाएंगी ऐसी जानकारी डॉक्टर शुक्ला ने दी गयी.

जैसे ही विकास खंड चिकित्सा

अधिकारी ग्राम के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने की खबर सोशल मिडिया पर वायरल होने लगी तो क्षेत्र के झोलाछाप मे क्या करू क्या नहीं इसका प्रश्न चिन्ह था. बार बार अपने समर्थको को भेज कर ये देख रहे थे की कई हमारे क्लिनिक मे तो धावा नहीं होंगा. यही सोच सोच कर उनका पूरा दिन बित गया.

हमारा कुछ नहीं हो सकता

कुछ झोलाछाप की जानकारी तो सामने निकल कर ये आयी की उनका अपना एक एटीट्यूड है. उनके हौसले इतने बुलंद होते जा रहे है की उनको कौन बीएमओ है कौन मेडिकल ऑफिसर है कोई

फर्क नहीं पढता. चुंकि उनको कोई जाँच अधिकारी आने की भनक पहले ही लग जाती है इसीलिए उस दिन वो भाग तो जाते है लेकिन पुनः धड़ल्ले से ईलाज करना जारी रहता है. और कुछ छूट भैये नेताओ का संरक्षण के कारण इनके हौसले बुलंद होते जा रहे है.

सौसर नगर एवं आस पास के क्षेत्र के बिना डिग्रि धारी या बिना सीएमएचओ पंजीयन के क्लिनिक संचालको ने अपने व्यवसाय को इतना बढ़ाया की यदि आज कुछ कुछ झोलाछाप की आय की जाँच की जाए तो करोडो की सम्पति निकल जायेगी. इसमें सबसे बड़ी चूक शासन की है की शासन द्वारा शासन के संचालित

हॉस्पिटल मे स्थायी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं करने से आम लोगो को इन झोलाछाप के शरण में जाना मजबूरी हो जाती है. झोलाछाप के हौसले इतने बुलंद हो गए की सौसर तहसील के कुछ गांव जैसे बोरगांव, लोधीखेड़ा, बेरडी, पिपला नारायणवार, रामाकोना, सौसर एवं अन्य गांव मे झोलाछाप अपनी झोलाछाप प्रेक्टिस के साथ साथ अपने साथ रहने वाले साथी को भी झोलाछाप बनने की सलाह के साथ साथ इंजेक्शन, सलाईन, ट्रीटमेट करने की ट्रेनिंग दे रहे है. फिर इनके नजर मे एक एमबीबीएस, और डिग्रि धारी डॉक्टर भी कुछ नहीं लगते है इनका इतना ज्ञान होजाता है और ज्ञान का बखान करने लगते है.