अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर एक अधीक्षक को बना दिये थें प्रभारी मंडल संयोजन…
प्रभारी मंडल संयोजक रमेश कुमरे (अधीक्षक )छात्रावासों के अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कर रहे थे निरीक्षण…
सीएम होल्पलाइन के बाद सहायक आयुक्त ने वापस लिया आदेश…
अधीक्षकों को किया मंडल सयोजक के पद से कार्य मुक्त आदेश जारी…
छिंदवाड़ा /पांढुर्णा- शिक्षक की अफसरगिरी से विकासखंड पांढुरना जिला पांढुरना में जनजाति कार्य विभाग में देखी जा रही है। मूलत: अधीक्षक (शिक्षक ) रमेश कुमरे ने जोड़ और जुगाड़ के दम पर सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग से मिली भगत से पांढुर्ना और सौसर के प्रभारी मंडल संयोजक के पद पर नियुक्त हो गए थे और पांढुरना और सौसर में प्रभारी मंडल संयोजक का पद ले लिया है। और प्रभारी मंडल संयोजन रमेश कुमरे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर छात्रावास निरीक्षण करने लगे थे, जबकि इस विभाग में मंडल संयोजक बनने का अधिकार सहायक आयुक्त को नहीं होता है!
प्रभारी मंडल संयोजक रमेश कुमरे के नाम से जुलाई में एक आदेश जारी किया गया था जिसमें उन्हें पांढुर्णा और सौसर का प्रभारी मंडल संयोजक बनाया गया था,तब से एक एक अधीक्षक मंडल संयोजक का कारभार संभालते रहा जबकि इनके पास अभी भी अधीक्षक का प्रभार भी है गुम्हारकोना अधीक्षक विहीन है। इसके कारण सुरेश राम भगत सहायक शिक्षक, पंचायत एलबी प्राथमिक शाला टांगरपानी को अजजा बालक आश्रम के लिए कलेक्टर आदिम जाति कल्याण शाखा जिला जशपुर को भेजा है। पत्र में उन्होंने आगे लिखा है कि आदेश के प्रत्याशा में बालकों के हित को ध्यान में रखते हुए छात्रावास में काम करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। मतलब जिला कार्यालय के आदेश मैं अधीक्षक को हटाए बिना मंडल सहयोग का प्रभार दे दिया गया,प्रभारी मंडल संयोजक ने पत्र के माध्यम से हॉस्टल की जिम्मेदार मामले में यह बात सामने आई है कि जिस शिक्षक को प्रभारी मंडल संयोजक ने छात्रावास की जिम्मेदारी दी है उसे संकुल समन्वयक स्कूल से रिलीव भी नहीं किया गया था, प्रभारी मंडल संयोजक ने मिली भगत कर अधीक्षक का प्रभारी भी नहीं छोड़ा और उन्हें अधीक्षक के पद से भी रिलीव भी नहीं किया गया,
वसूली का आरोप, सीएम हेल्पलाइन में मुख्यमंत्री से की गई शिकायत….?
प्रभारी मंडल संयोजक रमेश कमरे के खिलाफ एक पत्रकार ने शिकायत किया था । मंडल संयोजक पर आरोप लगाया था कि उनके द्वारा छात्रावासों से रुपए की मांग की जाती है। यही नहीं राजनैतिक पार्टियों में नेताओं के कार्यक्रम के लिए पैसा का चंदा छात्रावासाें से किया जाता है।
सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग के अधिकार नहीं ऐसा आदेश जारी करना…
वहीं सहायक आयुक्त ने बिना नियम कायदे के पांढुर्ना के अधीक्षक को मंडल संयोजक का प्रभार दे दिया गया जबकि नियम के मुताबिक किसी भी मंडल संयोजक की नियुक्ति सहायक आयुक्त नहीं कर सकते उसके बाद भी नियम कायदे को दरकिनार रखते हुए सहायक आयुक्त ने नियुक्ति की,
जिले के जनजाति जनजाति कार्य विभाग में चल रहा बड़ा खेल,
किसी शिक्षक की कहीं भी पदस्थापना करना या फिर उसका तबादला करना… फिर उसको मनचाही जगह में नियुक्त करना…?
इन दोनों छिंदवाड़ा जिले के जनजाति का विभाग में अधीक्षक शिक्षक की पदस्थापना में बड़ा खेल चल रहा है जिसके लिए शिक्षकों एवं अधीक्षकों से मोटी रकम वसूली जा रही है, जबकि नियम के मुताबिक यदि किसी शिक्षक का प्रमोशन हुआ है तो उसे दूसरी जगह पर स्थापना किया जाना चाहिए लेकिन छिंदवाड़ा जिले के सहायक आयुक्त नियम कायदे को दरकिनार करते हुए मोटी रकम लेकर ऐसे शिक्षकों को मनचाही जगह में पदस्थ किया जा रहा है, अधिकारी क्षेत्र से बाहर जाकर हो रही है पदस्थापना ।
अधीक्षक एवं शिक्षकों की हो रही है मनचाही जगह में पोस्टिंग…?
छिंदवाड़ा जिले के जनजाति कार्य विभाग में इन दोनों अधीक्षक एवं शिक्षकों की मनचाही जगह पाने के लिए लग रही है बोली, शिक्षकों को आदिवासी क्षेत्रों में न जाने पड़े इसलिए शिक्षक मन चाही जगह में पोस्टिंग के लिए खुलकर चढ़ावा दे रहे हैं.. ऐसा ही मामला जिला मुख्यालय में संचालित कान्या छात्रावास में कई वर्षों से कन्या छात्रावास में अधीक्षिका के पद पर रजनी उईके पदस्थ है और उनका प्राथमिक से माध्यमिक शिक्षा प्रमोशन होने के बाद भी सहायक आयुक्त की मेहरबानी से उन्हें उसी जगह पर प्रमोशन दे दिया गया है, जबकि रजनी उईके पहले प्राथमिक शिक्षिका थी और उनके प्राथमिक से माध्यमिक शिक्षिका में प्रमोशन होने के बाद उन्हें इसी जगह पर अधीक्षक बना दिया गया जो नियम के विपरीत है, जिले में ऐसे कई टीचर हैं जिन्हें मोटी रकम लेकर उसी जगह पर प्रमोशन दे दिया गया..?
चौरई के आदिवासी बालक छात्रावास में अधीक्षक की पोस्टिंग की देखें अगली खबर की आखिर बिछुआ ब्लॉक के एक शिक्षक को कैसे बनाया गया अधीक्षक…?
रिपोर्ट – ठा रामकुमार राजपूत मोबाइल नंबर -8989115284
टीप -कल अगली खबर देखें कि जनजाति कार्य विभाग छिंदवाड़ा के आखिर कौन सा बाबू ने पुणे में खरीद 80 लाख का फ्लैट, आखिर बाबू ने 80 लाख रुपए कैसे कमाए जनजाति कार्य विभाग में बाबू रहते हुए देखें पूरी खबर