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आदिवासियों का करा रहे धर्मांतरण, वनपाल बना धर्म का ठेकेदार,ग्रामीणों को शिकायत पर वनपाल सस्पेंड…

बटकाखापा में पदस्थ वनपाल बना धर्म का ठेकेदार,ग्रामीणों ने लगाए थे संगीन आरोप

धर्मांतरण के आरोप के बाद की गई जांच में डीएफओ ने की कार्यवाही, चोरई किया अटैच..

छिंदवाड़ा – मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में इन दोनों आदिवासियों को धर्म परिवर्तित करा रहे है,ऐसे ही मामला छिंदवाड़ा जिले के हर्रई ब्लॉक के बटकाखापा देखने को मिला, जहां पूर्व मंडल के तहत आने वाले बटकाखापा रेंज में पदस्थ एक वनपाल पर ग्रामीणों ने धर्मांतरण सहित अन्य तरह के संगीन आरोप लगाए थे। इन आरोपों की शिकायत स्थानीय अधिकारियों के अलावा मुख्यमंत्री से की गई थी। इस मामले में जब डीएफओ के द्वारा तैयार की गई टीम ने जांच की तो कई चौंकाने वाले आरोपो की पुष्टि हुई। आरोप सही पाए जाने के बाद तत्काल ही डीएफओ ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए वनपाल को सस्पेंड कर दिया और उसे चोरई अटैच कर दिया।
बटका खापा रेंज के तहत आने वाले अतरिया बीट में पदस्थ कार्यवाहक वनपाल सत्यनारायण ठाकुर के खिलाफ ग्रामीण लामबद्ध हो गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वनपाल सत्यनारायण ठाकुर क्षेत्र के आदिवासी भोले भाले ग्रामीणों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित कर रहा है। इसके साथ ही वनपाल के द्वारा क्षेत्र में कई तरह की संदिग्ध गतिविधियां भी की जा रही है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि क्षेत्र में ग्रामीणों को मिलने वाली पीएम आवास योजना में भी ग्रामीणों से राशि की मांग की जा रही है। ग्रामीणों के द्वारा इन शिकायतों की एक लिस्ट तैयार करते हुए मुख्यमंत्री और स्थानीय वन अधिकारी को शिकायत पत्र सोपा। शिकायत के बाद इस मामले में विशेष रूचि लेते हुए पूर्व वन मंडल के डीएफओ बृजेंद्र श्रीवास्तव ने मामले की जांच के लिए अमरवाड़ा एसडीओ सिद्धार्थ दीपांकर के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। टीम के द्वारा की गई जांच में ग्रामीणों के आरोप सही पाए गए। जिस आधार पर डीएफओ श्री श्रीवास्तव ने 2 दिसंबर को वनपाल सत्यनारायण ठाकुर को निलंबित करते हुए चोरई अटैच कर दिया।

क्षेत्र में चल रहा था धर्मांतरण का खेल –
इस मामले में ग्रामीणों के द्वारा की गई शिकायत में यह बात सामने आई है कि वनपाल के द्वारा क्षेत्र में धर्मांतरण के लिए लोगों को उकसाया जा रहा था। जहां रोजाना किसी न किसी से चर्चा करने के बाद उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा था। आग की तरफ फैली इस खबर के बाद ग्रामीण एकजुट हुए और वनपाल की शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर वन विभाग के अधिकारियों तक से की गई। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि क्षेत्र में वनपाल हमेशा संदिग्ध गतिविधियों में बना रहता था।

इनका कहना है।
ग्रामीणों के द्वारा धर्मांतरण सहित अन्य तरह की शिकायतें वनपाल के खिलाफ की गई थी। जांच में दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया है।
ब्रजेंद्र श्रीवास्तव, डीएफओ, पूर्व वन मंडल छिंदवाड़ा
रिपोर्ट ठाकुर रामकुमार राजपूत
मोबाइल-8989115284