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आदिवासी वर्ग के बेरोजगार युवक-युवतियों को मिलेगा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 50 लाख रूपये तक का ऋण..

आदिवासी वर्ग के बेरोजगार युवक-युवतियों को मिलेगा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 50 लाख रूपये तक का ऋण..

बैंकों को आवंटित किया गया 580 का भौतिक लक्ष्य
By admin
11 August 2024
पंचायत दिशा समाचार

छिन्दवाड़ा– कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह ने बताया कि म.प्र.आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवक-युवतियों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिये 02 योजनाएँ क्रमशः भगवान बिरसा मुण्डा एवं टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना लागू की गई है।
कलेक्टर श्री सिंह ने भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना एवं टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के अंतर्गत जिले की सभी बैंकों को दोनों योजनाओं के अंतर्गत लक्ष्यों का आवंटन किया है, जिसके तहत भगवान बिरसा मुण्डा योजना जिसकी इकाई लागत 01 लाख से 25 लाख रूपये तक सेवा ईकाईयों के लिये एवं 25 लाख रूपये से 50 लाख रूपये तक विनिर्माण ईकाईयों के लिये है, कुल 80 ईकाईयों का भौतिक लक्ष्य विभिन्न बैंकों को आवंटित किया गया है। इसी प्रकार टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना जिसकी ईकाई लागत 10 हजार से 01 लाख रूपये तक निर्धारित है, के लिये छोटे एवं लघु व्यवसायों हेतु जिले की विभिन्न बैंक शाखाओं को 500 ईकाईयों का भौतिक लक्ष्य आवंटित किया गया है।
योजना में पात्रता संबंधी शर्तें-
टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना- आवेदक अनूसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य और जिले का स्थायी निवासी होना चाहिये और जिसकी उम्र आवेदन दिनांक को 18 से 55 वर्ष के बीच हो।
भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना- इस योजना के अंतर्गत आवेदक अनूसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य और जिले का स्थायी निवासी होना चाहिये और जिसकी उम्र आवेदन दिनांक को 18 से 45 वर्ष के बीच होना चाहिये। आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता कक्षा 8वीं उत्तीर्ण निर्धारित की गई है।
योजना के अंतर्गत जिले में निवासरत अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) वर्ग के बेरोजगार यूवक-युवतियां अपना ऋण संबंधी आवेदन ऑनलाईन प्रक्रिया के द्वारा जिले के किसी भी एमपी ऑनलाईन सेंटर के माध्यम से कर सकते हैं । योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी कलेक्टर कार्यालय स्थित आदिवासी वित्त विकास निगम शाखा से संपर्क कर प्राप्त की जा सकती है। इस संबंध में कलेक्टर श्री सिंह द्वारा बैंकों के सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों, जिला अग्रणी प्रबंधक, समन्वयकों एवं समस्त बैंक प्रबंधकों को समय सीमा में ऋण प्रकरण स्वीकृत कर लक्ष्यों की पूर्ति करने के निर्देश दिये गये हैं