सांकेतिक चित्र
मनरेगा में मजदूरी देखकर खुद के नाम से सरपंच ने निकली राशि..।
मामला हर्रई ब्लाक की ग्राम पंचायत बैलपठार का,जाँच. में हो रही लेटलतीफी..
नियम विरुद्ध तरीकें से सरपंच को भी बना दिया मजदूर..
छिंदंवाडा– जिलें के आदिवासी अंचलों में शासकीय योजनाओं को भ्रष्टाचार का चारागाह बना दिया गया है। खासकर महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना में जमकर अनियमितता बरती जा रही है।जिससे शासन को जमकर चूना लग रहा है। तो वही भ्रष्टाचार के मामलें उजागर होने के बाद भी अफसरों द्वारा अनदेखी बरती जा रही है।जिससें उनकी भूमिका भी संदिग्ध बनी हुई है। दरअसल कुछ ऐसा ही मामला हर्रई ब्लॉक की ग्राम पंचायत बेलपठार का है जंहा रोजगार सहायक द्वारा मनरेगा योजना को पलीता लगाने का काम किया जा रहा है।यंहा पंचायत की ही सरपंच को मजदूर बना दिया गया ।और फर्जी तरीक़े से हजारों रुपये की राशि आहरण कर ली गई। सरपंच विनीता कुडोपा पंचायत में मजदूरी का काम कर रही थी। यंहा सरपंच पति चद्रंलाल कुडोपा मेट के रुप में कार्यरत है।ऐसे में सचिव भूरेलाल परतेती के साथ मिलकर सरपंच पति द्वारा शासन को चूना लगा रहा है। लेकिन जनपद के अधिकारियों के पास कई बार शिकायत होने पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
जबकि नियमों के मुताबिक पंचायत में हो रहे निर्माण कार्य में सरपंच सहित उसका परिवार कार्य नहीं कर सकता है।
इन मस्टर रोल में चढाई गई थी हाजरा…
बेलपठार पंचायत में मेट और सचिव द्वारा जमकर अनियमिताएं बढ़ती जा रही हैं यहां मस्टररोल क्रमांक 5251,3359,6404,279,13479,8737,66,2442 में सरपंच विनीता कुडोपा के नाम की हाजरी भरकर हजारों रुपयें की मजदूरी का आहरण कर लिया गया है।सूत्रों की जानकारी के अनुसार यह खेल लम्बें समय से चल रहा है ।जिसमें मनरेगा योजना सहित पंचायती राज अधिनियम की धज्जियां उड़ रही है।
इन कार्यों में देखाई गई मजदूरी…
सांकेतिक चित्र
बेलपठार पंचायत में मेड द्वारा अपनी सरपंच पत्नी को मजदूर बनाए गए हैं तो वहीं पंचायत में पोषण वाटिका, निर्माण कार्य ,नैनो आर्किड निर्माण कार्य,पीएम आवास निर्माण कार्य ,बोल्डर मेड बंधान,बोल्डर चैक डेम और पुलिया निर्माण में सरपंच विनीता कुडोपा को मजदूरी करना बताया गया है। साथ ही शासकीय राशि का दोहन किया गया है।
यह कारनामा सुनकर जिलें के एंव जनपद के अधिकारी भी हैरान है कि एक जनप्रतिनिधि किस तरह मजदूरी का कार्य कर सकता है। नियमों की बात करें तो सरपंच, उनके पति , पुत्र या पुत्री पंचायत के किसी भी निर्माण में कार्य करने के लिए पात्र नहीं है। साथ ही सवाल यह भी उठ रहा है कि कहीं बिना कार्य किए ही सरपंच का नाम को मस्टर रोल में दिखाकर राशि निकाली गई है।
क्या कहते है जनपद पंचायत हर्रई के अधिकारी ….
सरपंच जनप्रतिनिधि होता है, वह नियमों के तहत मनरेगा योजना में कार्य नहीं कर सकता है। ऐसा हुआ है तो मामले की जांच की जाएगी। क्योंकि
पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 7 के अनुसार कोई भी सरपंच या उसका परिवार हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ नहीं ले सकता है। हितग्राही मूलक योजना के तहत ही मनरेगा व अन्य कार्य शामिल होते हैं। ऐसे में सरपंच व उसके परिवार द्वारा नियमों का उल्लंघन कर मनरेगा में मजदूरी कर भुगतान प्राप्त किया है।
निशांत सिक्केवार
मनरेगा परियोजना अधिकारी हर्रई
रिपोर्ट- ठा.रामकुमार राजपूत
मोबाइल-8989115284