स्कूल शिक्षा विभाग में ऑनलाइन और जनजाति कार्यविभाग में निकलेंगे ऑफलाइन आदेश..
By admin
10 August 2024
पंचायत दिशा समाचार
भोपाल– स्कूल शिक्षा विभाग उच्च पद के प्रभार की काउंसलिंग करने के बाद पारदर्शिता रखने के लिए ऑनलाइन आदेश जारी कर रहा है ।लेकिन जनजाति कार्य विभाग अपने शिक्षकों को ऑफलाइन आदेश जारी करेगा। वही एजुकेशन पोर्टल पर लाखों खर्च करने के बाद राज्य शिक्षा केंद्र ने भी उससे दूरी बनाना शुरू कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने आरोप लगने के बाद एजूकेशन पोर्टल के माध्यम से ट्रांसफर पोस्टिंग का काम ऑनलाइन कर दिया है। हालांकि कई प्रशासनिक आदेश ऑफलाइन जारी किए जाते हैं। लेकिन पोस्टिंग वह जॉइनिंग ऑनलाइन ही होती है जबकि जनजाति कार्य विभाग अपने स्कूलों के शिक्षकों के उच्च पद के प्रभार की प्रक्रिया कर रहा है। उच्च पद के प्रभार की कार्यवाही दो अगस्त को पूरी हो चुकी है ।लेकिन अभी तक आदेश जारी नहीं हुए है। जनजाति कार्य विभाग द्वारा ऑफलाइन ही आदेश जारी किए जाएंगे शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं शिक्षकों का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग जैसे जनजाति कार्य विभाग में भी पारदर्शिता लाई जाए। और ऑनलाइन ही आदेश जारी किए जाएं।
सरकार के एक जैसा काम करने वाले दो विभागों में अलग अलग नियम..

केंद्र दे चुका है दोनों विभागों को मर्ज करने के आदेश..
केंद्र सरकार मध्य प्रदेश के जनजाति कार्य विभाग व स्कूल शिक्षा विभाग को मर्ज करने के निर्देश दे चुका है केंद्र से मिले निर्देश के बाद पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मर्ज करने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए अफसरों को निर्देश दिए थे। लेकिन अधिकारियों ने आपना हित देखते हुए मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।अधिकारियों का मानना था कि मर्ज होने के बाद आदिवासी इलाके में पढ़ाने वालें शिक्षक शहरी क्षेत्र में चलें जाएंगे।इससें आदिवासी इलाकों में पढाने के लिए शिक्षक ही नहीं मिलेंगे ।जबकि इसके पीछे अधिकारियों को हित बताएं जा रहें है ।
राज्य शिक्षा केंद्र ने एजुकेशन पोर्टल से बनाई दूरी..

प्रदेश की 64 लाख विद्यार्थियों को मॉनिटरिंग करने वाले राज्य शिक्षा केंद्र ने अब एजुकेशन पोर्टल से दूरी बना ली है। राज्य शिक्षा केंद्र ने एजुकेशन पोर्टल पर विभागीय आदेश अपलोड करना बंद कर दिए है । राज्य शिक्षा केंद्र एक अगस्त के बाद से पोर्टल पर कोई भी आदेश अपलोड नहीं किया है ।बताया जा रहा है कि आदेश अपलोड नहीं करने का फरमान एक अपर संचालक स्तर के अधिकारी ने दिया है।