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संभागीय आदेश की धज्जियां उड़ा रहे सहायक आयुक्त …

संभागीय आदेश की धज्जियां उड़ा रहे सहायक आयुक्त …

भ्रष्टाचार का गढ़ बना जनजाति कार्य विभाग छिंदवाड़ा..

जनजातीय कार्यविभाग द्वारा द्वारा संचालित छात्रावास में अधीक्षक बनने के लिए खुलकर लग रही है बोली..?

जबलपुर उपायुक्त का भी आदेश नहीं मान रहे हैं जिले जनजातीय कार्यविभाग में बैठे सहायक आयुक्त …?

By admin
9 August 2024
रिपोर्ट -ठा.रामकुमार राजपूत
पंचायत दिशा समाचार

छिदंवाडा (म.प्र)- जिलें में संचालित जनजातीय कार्यविभाग इन दिनों सहायक आयुक्त की कार्यप्रणाली के लिए खूब चर्चाओं में चल रहा है। विभाग में रातों-रात ऐसे आदेश निकल जातें है।कि यंहा पदस्थ कर्मचारियों को भी पता नहीं चल रहा है ।सहायक आयुक्त एंव एक क्षेत्र संयोजक की जोडी इन दिनों खूब चर्चाओं में है । जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावास / आश्रम शालाओं में कब किसकी नियुक्ति कर दी जाती है ।और कब हटा दिया जाता है । कर्मचारियों को भी समझ नहीं आ रहा है ।जिलें में जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में अधीक्षक की नियुक्ति में कोई नियम कानून नहीं चल रहे है । यहां तो जिस शिक्षक/ शिक्षिकाओं का जितना ज्यादा चढ़ावा उसकी ही छात्रावास आश्रम शालाओं में नियुक्ति हो रही है । और कुछ ऐसे अधीक्षक जिलें में मठाधीश बनकर 10 से 15 सालों से एक ही छात्रावास में जमा हुए हैं सूत्रों का कहना है। इन्हें हटाने की कभी किसी ने कोशिश भी नहीं किया है। इन्होंने छात्रावास/आश्रम शालाओं से आदिवासी बच्चों की योजना में हेराफेरी कर लाखों की कमाई कर चूके है। इन्हें सिर्फ जो भी जिले में अधिकारी आते हैं उन्हें थोड़ी चढ़ना चढ़ना पड़ता है उसके बाद के जो की तो छात्रावास आश्रम शाला में जमे रहते हैं। ऐसा ही एक मामला हर्रई के अग्रेंजी माध्यम बालक आश्रम का प्रकाश में आया है जहां सहायक आयुक्त ने आज दिनांक तक उच्च संभागीय कार्यालय से आयें आदेश का पालन नहीं किये है । जबकि उपायुक्त जबलपुर ने आदिवासी अंग्रेजी माध्यम हर्रई की अधीक्षिका को हटाने के आदेश के तीन महिनें बीत चुके है ।लेकिन आज दिनांक तक सहायक आयुक्त जनजातीय कार्यविभाग ने आदेश का पालन नहीं किया है ।यंहा पदस्थ अधिकारी आपनी मनमानी कर संभागीय अधिकारी के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे है। इतना ही नहीं अधीक्षिका को शैक्षणिक संस्था में ना भेंज कर उसी आश्रम में अटैचमेंट कर दिया गया है।दरसअल स्थानीय सूत्रों का कहना है कि अधीक्षिका शक्ति सूर्यवंशी माध्यमिक शिक्षिका के द्वारा अग्रेंजी माध्यम बालक आश्रम शाला में सौर्य पैनल की राशि में गबन के आरोप लगें थे। उनकी अनियमितताओं को लेकर संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास जबलपुर संभाग के द्वारा दिनांक 22अप्रैल 2024 को सहायक आयुक्त छिदंवाडा जनजातीय कार्यविभाग छिंदंवाडा को आदेशित किया था कि श्रीमती शक्ति सूर्यवंशी अधीक्षक की जनजाति कार्य विभाग सहायक आयुक्त के आदेश क्रमांक 7669/ संस्था संभागीय उपायुक्त स्थापना जनजातीय कार्यविभाग /2023 के 7 अक्टूबर 2023 का पालन तत्काल कराया जाएं। यह आदेश 22अप्रैल 2024 को संभागीय उपायुक्त ने सहायक आयुक्त को दिया था।इसके बाद भी उन्होंने अधिकारी को आदेश का पालन नहीं किया।बल्कि श्रीमती शक्ति सूर्यवंशी को बही अटैचमेंट कर दिया। जबकि अधीक्षक श्रीमती शक्ति सूर्यवंशी शासन के खर्च से एमएड की उपाधि ले चुकी है।इसके बाद भी उन्हें शैक्षणिक कार्य के लिए कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। वहीं दैनिक मजदूर कर्मचारी चुन्नीलाल धुर्वे एंव बसंत नागवंशी को संस्था के हित में एवं शासन एंव विभाग की छबि धूमिल न हो इस कारण तत्काल संस्था से प्रथक करने के लिए आदेशित किया गया है था। उक्त निर्देश का पालन प्रतिवेदन उच्च कार्यालय संभागीय उपयुक्त जनजाति कार्य विभाग जबलपुर को तीन दिवस मैं उपलब्ध करने के आदेश दिए गए थे ।आज तारीख तक शक्ति सूर्यवंशी अधीक्षिका को अधीक्षक पद से कार्य मुक्त नहीं किया गया है ।जबकि आदिवासी आश्रम बालकों के होने के कारण श्रीमती शक्ति सूर्यवंशी को उनके मूल संस्था एकलव्य आवासी विधालय हर्रई के लिए सहायक आयुक्त जनजातीय कार्यविभाग छिदंवाडा ने 7 अक्टूबर 2023 को अधीक्षिका को कार्य मुक्त कर दिया गया था। लेकिन श्रीमती शक्ति सूर्यवंशी को अधीक्षिका अग्रेंजी माध्यम बालक आश्रम हर्रई के अधीक्षक का प्रभार संबंधित अधीक्षक को नहीं सौपा गया है । ये पूरा खेल सहायक आयुक्त की सांठगांठ से चल रहा है। जबकि शासन के स्पष्ट स्पष्ट निर्देश है की अटैचमेंट समाप्त कर ऐसे शिक्षकों को उनकी मूल शाला में तत्काल वापस किया जाए।लेकिन आज दिनांक तक श्रीमती शक्ति सूर्यवंशी को यहां से नहीं हटाया गया है।

अटैचमेंट में कर रही शिक्षिका ड्यूटी..

जिलें में बैठे सहायक आयुक्त की मेहरबानी इन दिनों गबन एंव भ्रष्टाचारी पर बनी हुई है ।इसलिए तो अधीक्षिका श्रीमती शक्ति सूर्यवंशी पर गबन के आरोप होने के बाद भी उन्हें नहीं हटाया गया है न ही उनकी जाँच की गई है । जबकि शासन ने लाखों रुपये खर्च कर श्रीमती शक्ति सूर्यवंशी को एमएड की डिग्री दिलवाई है। इसके बाद भी उन्हें शैक्षणिक कार्य के लिए नहीं भेजा गया है। और उनका अटैचमेंट समाप्त नहीं किया गया है।?

सौर्य पैनल की राशि में गबन ,बिना स्वीकृति के निकल लिए गई राशि..?

गबन ,लेकिन आज तक कोई जाँच नहीं..?

सूत्रों की मानों तो हर्रई में संचालित अग्रेंजी माध्यम आदिवासी बालक आश्रम की तत्कालीन अधीक्षिका श्रीमती शक्ति सूर्यवंशी ने दिसंबर 2023 मै सौर्य पैनल मद की राशि 2 लाख 43 हजार बगैर स्वीकृति के निकाल ली। जबकि सौर्य आश्रम शाला में पैनल नहीं लगाया गया है ।इसी तरह अन्य मदों से भी राशि का गबन करने के आरोप है।जिसकी आज तक कोई जांच नहीं हुई है। इससें जिलें में पदस्थ सहायक आयुक्त की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग रहे है।