By admin
28 july 2024
पंचायत दिशा समाचार-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को हटाने के फैसले का स्वागत किया है।
RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को हटाने कै फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आरएसएस पिछले 99 वर्षों से सतत राष्ट्र के पुनर्निर्माण एवं समाज की सेवा में संलग्न है और सरकार का वर्तमान निर्णय भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुष्ट करने वाला है। वहीं, विपक्ष केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
आरएसएस ने किया स्वागत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने सरकार के फैसले को लेकर बयान जारी कर कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत 99 वर्षों से सतत राष्ट्र के पुनर्निर्माण एवं समाज की सेवा में संलग्न है। राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता-अखंडता एवं प्राकृतिक आपदा के समय में समाज को साथ लेकर संघ के योगदान के चलते समय-समय पर देश के विभिन्न प्रकार के नेतृत्व ने संघ की भूमिका की प्रशंसा भी की है।
आंबेकर ने आगे कहा, अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते तत्कालीन सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों को संघ जैसे रचनात्मक संगठन की गतिविधियों में भाग लेने के लिए निराधार ही प्रतिबंधित किया गया था। शासन का वर्तमान निर्णय समुचित है और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुष्ट करने वाला है।
आपको बता दें कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी करते हुए सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है। केंद्र सरकार ने 1966, 1970 और 1980 में तत्कालीन सरकारों द्वारा जारी उन आदेशों में संशोधन किया है, जिनमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की शाखाओं और उसकी अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगाई गई थी।
प्रतिबंध हटाने का निर्णय
संघ के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों पर क्यों लगा था बैन?
इंदिरा गांधी के वक्त केंद्र सरकार ने इस संबंध में आदेश पास किया था. केंद्र सरकार का कहना था कि सरकारी कर्मचारी अगर किसी राजनीतिक संगठन में जाएंगे, तो वो अपनी तटस्था खो सकते हैं. संघ पर यह बैन सिविल सेवा (आचरण) नियम 1964 के तहत किया गया था.
हालांकि, संघ लगातार कहता रहा है कि वो राजनीतिक संगठन नहीं है. संघ खुद को सांस्कृतिक और समाजिक संगठन बताता रहा है. संघ की स्थापना साल 1925 में नागपुर में हुई थी. यह वर्तमान में देश और दुनिया के 900 से ज्यादा जिलों में फैल चुकी है.