
सरकारी स्कूलों में पुस्तकों के परिवहन के नाम पर ठेकेदार व अधिकारियों के बीच बंदरबांट..
सरकारी स्कूल के हेड मास्टर एवं जन शिक्षक बने हमाल…
By admin
28 july2024
पंचायत दिशा समाचार
छिदंवाडा- जिले भर के स्कूलों में पुस्तकों के परिवहन के लिए लोडिंग अनलोडिंग का ठेका हुआ है। इसके लिए राज्य शिक्षा केन्द्र से राशि भी मिली है लेकिन उसके बाद भी शिक्षक अपने खर्चे पर पुस्तकों का परिवहन कर रहे हैं।
राज्य शिक्षा केन्द्र से पुस्तक जिला मुख्यालय पर भेजी जाती हैं। नियम यह है कि जिला मुख्यालय से प्रत्येक विकासखंड मुख्यालय और फिर वहां से प्रत्येक स्कूल तक किताबों को पहुंचाने की जिम्मेदारी ठेकेदार की होती है, उसकी मॉनीटरिंग जिले भर के खंड स्रोत समन्वयकों को करनी थी ।

लेकिन छिदंवाडा जिले में प्रत्येक स्कूल तक पुस्तकें भिजवाने का करीब लाखों रुपए का ठेका हुआ है।लेकिन उसके बाद भी जिलों भर के हेडमास्टर शिक्षक हमाल बनकर किताबों का बोझा ढो रहे है । स्कूलों में बच्चों की पढाई लिखाई छोड इस समय संकुल केन्द्रों से हेडमास्टर किताब लाने में लगे हुए हैं। जिला शिक्षा केंद्र के जिम्मेदार अधिकारियों की भी इस मामले में परिवहन ठेकेदार से मिली भगत दिखाई दे रही है जब तो ठेकेदार ब्लॉक में एक जगह किताबें छोड़कर चले जाते हैं। नियम के हिसाब जिस ठेकेदार को जिलें में किताबें के स्कूल तक पहुंचने का टेंडर दिया जाता है । उसे ठेकेदार की जिम्मेदारी होती है कि प्रत्येक स्कूल में जाकर हेड मास्टर को किताबें देकर उसकी रिसीविंग ले।लेकिन जिला शिक्षा केंद्र के अधिकारी एंव ठेकेदार मिलीभगत से अधिक मुनाफा कमाने में लगें हुए है । प्रत्येक स्कूल तक किताबें पहुंचने की जगह सिर्फ संकुल केंद्र तक किताबें पहुंचाई जा रही हैं।
संकुल केन्द्र से हेडमास्टर अपने पैसे खर्च कर वाहनों में किताबें लेकर जा रहे हैं।
बारिश में किताब लेकर जाने मजबूर हेडमास्टर…
जिलें में इन दिनों हर विभाग में कमीशन का खेल जोरों पर चल रहा है । ऐसा ही मामला जिला शिक्षा केन्द्रों में भी देखा गया है । हर साल नयें नयें कारनामों के कारण जिला शिक्षा केंद्र सुर्खियों में बना रहता है।जैसे स्कूलों में फर्नीचर खरीदने के मामले हो या फिर बच्चों के लिए खेल सामग्री खरीदने के मामले में भी खूब कमीशन का चर्चा हुई थी ऐसा ही मामला देखने को मिला है ।जंहा जिला शिक्षा केंद्र अधिकारी एंव ठेकेदार की मिलीभगत से ठेकेदार किताबें के संकुल केन्द्रों तक ही पंहुचा रहे है ।जिससे उनको अधिक मुनाफा कमा सके।
जिला शिक्षा केंद्र में कमीशन का खेल..
स्कूल तक किताबें पहुंचने की जगह सिर्फ संकुल तक किताबें पहुंच कर ठेकेदार को मोटा मुनाफा दिया जा रहा है इस मामले में कमीशन का बड़ा खेल चल रहा है सूत्रों की माने तो जिला शिक्षा केंद्र के एक बाबू वाहन ठेकेदार के साथ मिलीभगतकर चांदी काटने में लगे हुए हैं। जिसके चलते मजबूरी में हेड मास्टर और शिक्षकों को संकुल केंद्र जाकर हमालों की तरह किताब लाने को मजबूत है

आखिर क्यों नहीं पहुंचाई ठेकेदार ने स्कूल तक किताबें..
नियम के मुताबिक जिस ठेकेदार को पुस्तक परिवहन का ठेका दिया गया है उसे स्कूलों में जाकर पुस्तकें प्रदान करना चाहिए।लेकिन जिलें भर में किसी भी स्कूलों तक ले जाकर ठेकेदार ने किताबें नहीं दिया। इससे पहले भी जो किताबें आई थी उसे भी संकुलों केन्द्र तक ही पहुंचाई गई थी। और सारी जिम्मेदारी जनशिक्षक एंव हेडमास्टरों को सौंप दी गई थी।आखिर जिलें में ये कमीशन का खेल कब तक ये ही चलते रहेगा.!
लेख -ठा.रामकुमार राजपूत
मोबाइल-8839760279