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छिंदवाड़ा जिला फिर टूटेगा,जुन्नारदेव को अलग जिला बनाने की कवायद:राजस्व विभाग ने कलेक्टर से मांग प्रतिवेदन

छिंदवाड़ा जिला फिर टूटेगा,

जुन्नारदेव को अलग जिला बनाने की कवायद:राजस्व विभाग ने कलेक्टर से मांग प्रतिवेदन

कांग्रेस विधायक बोले- मुझे विधानसभा में गलत जानकारी दी

By-admin

25,2024

पंचायत दिशा समाचार

छिंदवाड़ा जिले से अलग कर एक और नया जिला बनाने की कवायद शुरू हुई है। राजस्व विभाग ने छिंदवाड़ा कलेक्टर से जुन्नारदेव को जिला बनाने का प्रतिवेदन मांगा है। पिछले साल विधानसभा चुनाव के पहले छिंदवाड़ा से अलग कर पांढुर्णा को जिला बनाया जा चुका है। छिंदवाड़ा लोकसभा में शामिल सात विधानसभा क्षेत्र पहले एक ही जिले में आतीं थीं अब पांढुर्णा के बाद यदि जुन्नारदेव जिला बना तो छिंदवाड़ा लोकसभा सीट तीन जिलों में विभाजित हो जाएगी।

छिंदवाड़ा भाजपा के व्यापारी प्रकोष्ठ के जिला सह संयोजक बंटी साहू ने लोकसभा चुनाव के रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव को जुन्नारदेव जिला बनाने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव में जुन्नारदेव जिले में शामिल तहसीलों, क्षेत्रफल, कृषि भूमि, राजस्व के स्रोतों सहित तमाम जानकारी दी गई थी। उनके पत्र पर राजस्व विभाग ने छिंदवाड़ा कलेक्टर से जुन्नारदेव जिला बनाने संबंधी प्रतिवेदन मांगा है।

कांग्रेस विधायक बोले- मुझे विधानसभा में गलत जवाब दिया
राजस्व विभाग द्वारा जिला बनाने का प्रतिवेदन मांगे जाने पर कांग्रेस विधायक सुनील उईके ने कहा – मैं स्वयं जुन्नारदेव को जिला बनाने की मांग लंबे समय से कर रहा हूं। मैंने विधानसभा के बजट सत्र में पांढुर्णा की तरह जुन्नारदेव को जिला बनाने को लेकर सवाल पूछा था तो राजस्व मंत्री ने यह जवाब दिया कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं हैं।

सुनील उईके ने बजट सत्र में पूछा- क्या बीते साल सौंसर और पांढुर्णा ब्लॉक को जोड़कर पांढुर्णा जिला बनाया गया है। पिछले पांच सालों से विधानसभा में ये सवाल पूछे जा रहे हैं कि जुन्नारदेव और तामिया ब्लॉकों को मिलाकर जुन्नारदेव को जिला बनाने का प्रस्ताव बजट में शामिल करेंगे? विधायक उईके के सवाल पर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने जवाब दिया- प्रशासकीय आधार पर पांढुर्णा को जिला बनाया गया है। जुन्नारदेव को जिला बनाने के संबंध में वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं हैं।

छिंदवाड़ा लोकसभा की 7 विधानसभाएं
छिंदवाड़ा, अमरवाड़ा, जुन्नारदेव, परासिया, पांढुर्णा, सौंसर, चौरई। 2023 के विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र की सभी सातों विधानसभाओं में कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। अमरवाड़ा के कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने लोकसभा चुनाव के दौरान विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर बीजेपी जॉइन कर ली थी। शाह उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर जीतकर विधायक चुने जा चुके हैं।

छिंदवाड़ा से प्रशासनिक सिस्टम का होगा विकेन्द्रीकरण
कांग्रेस का मजबूत गढ़ रही छिंदवाड़ा लोकसभा में आने वाली सातों विधानसभाएं एक ही जिले में आतीं थीं। छिंदवाड़ा से पांढुर्णा जिला बनने के बाद यदि जुन्नारदेव जिला अस्तित्व में आया तो छिंदवाड़ा लोकसभा की प्रशासनिक व्यवस्था का विकेन्द्रीकरण तीन जिलों में हो जाएगा।

छिंदवाड़ा जिले की कुल तहसीलें
छिंदवाड़ा, परासिया, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, चांद, चौरई, बिछुआ, तामिया,हर्रई।
उप तहसील- उमरेठ, दमुआ, बटकाखापा
विकासखंड – छिंदवाड़ा, जुन्नारदेव, हर्रई, परासिया, तामिया, अमरवाड़ा, चौरई, बिछुआ
पांढुर्णा जिले में शामिल तहसीलें- पांढुर्णा, सौसर, मोहखेड़, नंदनवाड़ी
विकासखंड- पांढुर्णा, सौसर, मोहखेड़, जुन्नारदेव
यदि जुन्नारदेव जिला बने तो ये विकासखंड होंगे शामिल- तामिया, जुन्नारदेव, परासिया,
जुन्नारदेव जिले के तहसील- तामिया, जुन्नारदेव, परासिया, उमरेठ
उप तहसील- दमुआ

सपा के पूर्व विधायक बोले कमलनाथ को ध्वस्त करने पांढुर्णा जिला बनाया गया

छिंदवाड़ा से जुन्नारदेव अलग जिला बनाए जाने की कवायद पर मुल्ताई के पूर्व सपा विधायक डॉ सुनीलम ने कहा छिंदवाड़ा मेरा पड़ोसी जिला है। देश दुनिया में छिंदवाड़ा की जो एक शान रही वो शान कमलनाथ के साथ जुड़ी हुई थी। कमलनाथ को ध्वस्त करने के लिए पहले पांढुर्णा जिला बनाया गया। जबकि मुलताई जिले का आंदोलन लगातार कई सालों से चल रहा है। लेकिन, उसे जिला नहीं बनाया गया। पांढुर्णा को जिला बनाया गया। अब जुन्नारदेव को जिला बनाने की कार्रवाई शुरू की गई है। पड़ोसी होने के बावजूद जहां पर आज तक मैंने कोई आंदोलन जिला बनाने के संबंध में बात आज तक नहीं सुनी। मेरी राजनीति में जब से सक्रियता शुरू हुई थी तब 25 जिले थे 55 जिले हो गए हैं। बीना में बीना जिला बनाओ आंदोलन चल रहा है अभी परसों मैं उसमें शामिल हुआ था। मतलब जहां पूरे प्रदेश में आंदोलन चल रहे हैं। वहां पर तो जिले बन नहीं रहे हैं। जिसका भौगोलिक और प्रशासनिक आर्थिक दृष्टि से उन्हें जिला बनाना आवश्यक है और जहां पर कोई जरूरत नहीं है। वहां कार्रवाई की जा रही है।

पत्रों का जवाब नहीं देती सरकार
सुनीलम ने कहा- मुझे आश्चर्य हुआ कि विधायक ने जब सवाल पूछा था उससे कहा जाता है कि इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही और भाजपा का कार्यकर्ता पत्र लिखता है तो उसके ऊपर कार्रवाई शुरू हो जाती है। यह संघ के इशारे पर चलने वाली सरकार है और मुझे लगता है कि इस तरीके से प्रशासन नहीं चलाया जा सकता। यह उनके फैलियर की एक निशानी है। मैंने मुलताई को जिला बुलाने के लिए कई पत्र लिखे कई ज्ञापन दिए आंदोलन किया लेकिन आज तक कोई जवाब शिवराज सिंह चौहान लगातार मुख्यमंत्री रहे उन्होंने भी कोई जवाब नहीं दिया और मोहन यादव में भी कोई जवाब नहीं दिया।

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