जिले में उर्वरकों का पर्याप्त भंडारण
एनपीके उर्वरक जिले की मिट्टी के लिए ज्यादा उपयोगी- कलेक्टर श्री सिंह
संतुलित उर्वरकों का उपयोग करें किसान- आंचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र के सह संचालक डॉ. शर्मा
छिन्दवाड़ा/ कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह के निर्देशानुसार जिले में सभी उर्वरकों का पर्याप्त भंडारण, मार्कफेड के सभी डबल लॉक गोदामों में तथा सभी सहकारी समितियों तथा निजी क्षेत्रों में कराया गया हैं, जिसका वितरण लगातार किसानों को किया जा रहा है। जिले को खरीफ सीजन 2025 के लिये उर्वरक उपलब्धता एवं वितरण की जानकारी के अनुसार अभी तक जिले को प्राप्त यूरिया 59964 मेट्रिक टन, डीएपी 6602 मेट्रिक टन, एनपीके 28458 मेट्रिक टन, सिंगल सुपर फास्फेट 24863 मेट्रिक टन, पोटाश 7081 मेट्रिक टन एवं आज दिनांक तक वितरण यूरिया 36509 मेट्रिक टन, डीएपी 3554 मेट्रिक टन, एनपीके 10418 मेट्रिक टन, सिंगल सुपर फास्फेट 6608 मेट्रिक टन, पोटाश 2322 मेट्रिक टन और आज दिनांक तक मात्रा यूरिया 23455 मेट्रिक टन, डीएपी 3068 मेट्रिक टन, एनपीके 18040 मेट्रिक टन, सिंगल सुपर फास्फेट 18255 मेट्रिक टन, पोटाश 4759 मेट्रिक टन शेष उपलब्ध है।
इस प्रकार जिले में उर्वरकों का पर्याप्त भण्डारण है। कलेक्टर श्री सिंह द्वारा लगातार समीक्षा की जा रही है, शासन स्तर से जिले को यूरिया एवं अन्य उर्वरकों की रैक लगातार प्राप्त हो रही है। जिले के तीन वर्ष के मृदा नमूनों के विश्लेषण रिपोर्ट के आधार पर जिले के लिये एनपीके उर्वरक को प्रोत्साहित करने हेतु कलेक्टर श्री सिंह द्वारा निर्देशित किया गया है, जिससे जिले की मिट्टी में पोटाश तत्व की पूर्ति हो सके। जिले के किसान मुख्यतः यूरिया एवं डीएपी उर्वरक का ही उपयोग करते है, जिससे पोटाश तत्व की कमी होने से उत्पादन प्रभावित होता है एवं मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित होती हैं। इसलिये कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जिले के किसानों को एनपीके उर्वरकों के उपयोग की सलाह दी जा रही है। साथ ही आंचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र के सह संचालक डॉ.आर.सी.शर्मा कहा है कि जिले के किसान मक्का फसल में अधिक यूरिया का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें संतुलित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग करना चाहिए एवं मक्का फसल में जमीन के प्रकार के अनुसार प्रति एकड़ 02 से 03 बोरी यूरिया का ही उपयोग करें, उससे अधिक नहीं करें।
कलेक्टर श्री सिंह एवं उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह द्वारा जिले के किसानों से अपील की गई है कि आवश्यकतानुसार ही संतुलित मात्रा में ही उर्वरकों का उठाव उर्वरक वितरण केन्द्रों से करें ।