उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कृषि उद्योग समागम 2025 कृषि प्रदर्शनी का किया शुभारंभ….
जैविक उत्पादों, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण नवाचारों की प्रशंसा की
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नरसिंहपुर में कृषि उद्योग समागम-2025 में कृषि प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।
कृषि प्रदर्शनी में आधुनिक कृषि तकनीकों, यंत्रों और नवाचारों का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी में ड्रोन आधारित कृषि तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त उपकरण, पॉवर स्प्रेयर, सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र, जैविक एवं नैनो फर्टिलाइज़र सहित विविध नवीनतम संसाधनों को प्रदर्शित किया गया। उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने सभी स्टॉलों का अवलोकन कर विकसित की गई तकनीकों की प्रशंसा की। उप राष्ट्रपति ने प्रदर्शनी में कृषकों से प्रत्यक्ष संवाद कर उत्पादों की गुणवत्ता, तकनीक एवं विपणन के विषय में जानकारी ली तथा उनके नवाचारों की सराहना की। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के प्रयासों की सराहना की एवं उन्हें आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए सशक्त कड़ी बताया।
पशुपालन विभाग द्वारा आचार्य गोवंश संवर्धन योजना के अंतर्गत प्रदर्शनी में भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गायों का प्रदर्शन किया गया। इसमें गिर नस्ल की उस गाय को विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया, हाल ही में आयोजित भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारु गाय प्रतियोगिता 2025 में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने स्वयं गाय को चारा खिलाकर गौसंवर्धन के प्रति अपनी संवेदनशीलता प्रदर्शित की।
कृषि विकास से ही आयेगी देश में समृद्धि, मप्र की तर्ज पर हर राज्य में हों कृषि उद्योग समागम : उप राष्ट्रपति श्री धनखड़
उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कृषि-उद्योग समागम आयोजन पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव को दी बधाई
कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ाने के लिए नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और मंडला में बन रहे फूड पार्क
राज्य स्तरीय कृषि उद्योग समागम 12 से 14 अक्टूबर तक सीहोर में होगा
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश की आध्यात्मिकता का केंद्र, यहां का मकर संक्रांति मेला सुप्रसिद्ध : राज्यपाल श्री पटेल
नई तकनीक और नवाचारों से किसानों का जीवन सुधारने के लिए सरकार चला रही किसान कल्याण मिशन : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
जैविक खेती के प्रोत्साहन और नवाचारी किसानों को प्रमाण-पत्र देकर किया सम्मानित
116 करोड़ रूपए से अधिक की लागत के 86 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन भी हुआ
उपराष्ट्रपति श्री धनखड़, राज्यपाल श्री पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नरसिंहपुर में किया कृषि-उद्योग समागम 2025 का शुभारंभ
राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कहा है कि खेती-किसानी देश की अर्थव्यवस्था की नींव है। यह हमारी प्रगति का मूल आधार है। कृषि के क्षेत्र में विकास और नित नए नवाचार जरूरी हैं, इससे कृषि के विकास से ही देश में समृद्धि आएगी। देश का उदर-पोषण करने वाले अन्नदाता की खुशहाली में ही हमारे देश की खुशहाली सन्निहित है। उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ सोमवार को नरसिंहपुर जिला मुख्यालय में कृषि उद्योग समागम-2025 के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीप प्रज्जवलन, कन्या पूजन एवं भगवान बलराम की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर 26 से 28 मई तक चलने वाले तीन दिवसीय ‘कृषि-उद्योग समागम 2025’ का विधिवत् शुभारंभ किया। इस अवसर पर डॉ. (श्रीमती) सुदेश जगदीप धनखड़ विशेष रूप से उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री की पहल अनुकरणीय– उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कृषि उद्योग समागम के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बधाई देते हुए कहा कि उनकी इस पहल का अन्य राज्यों को भी अनुसरण करना चाहिए। किसान हमारे अन्नदाता हैं। अन्नदाताओं का अभिनंदन करते हुए कहा कि किसान भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव बेहद कर्मठ और कार्यशील है। कोई ऐसा दिन नहीं रहता, जब वे गांव, गरीब और किसान की चिंता न करें। मध्यप्रदेश सरकार ने गांव-किसान और उद्योग को जोड़ने की अभिनव पहल शुरू की है। उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कृषि-उद्योग समागम के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि देश का हर राज्य मध्यप्रदेश की इस पहल का अनुकरण करेगा। उन्होंने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा भी 29 मई से 12 जून तक नई दिल्ली में कृषि आधारित एक वृहद आयोजन किया जा रहा है।
उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि विकसित भारत का रास्ता गांव और किसान के खेत से निकलता है। देश में विकसित भारत के लिए महायज्ञ चल रहा है इसमें सबसे बड़ी आहूति किसान भाइयों की ही है। किसान केवल फसल उत्पादन तक सीमित न रहें। उन्हें खाद्य प्र-संस्करण, व्यापार और मार्केटिंग भी सीखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के किसान भाइयों के परिश्रम से ही 'विकसित भारत@2047' का लक्ष्य पूरा होगा। किसान अधिक से अधिक कृषि आधारित उद्योग स्थापित करें। उन्होंने सुझाव दिया कि अन्नदाता को उद्यमी बनाने के लिए स्थानीय सांसद और विधायक गांवों को गोद लें, किसानों को समृद्ध बनाएं, जिससे खेती में नई तकनीक का इस्तेमाल हो और हर गांव में समृद्धि आए। उन्होंने कहा कि देश में 720 कृषि विज्ञान केंद्र हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के नेतृत्व में सभी संस्थान बेहद सजग होकर कार्य कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि भारत ने दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर एक नया इतिहास रच दिया है। हमने जापान को पीछे छोड़ा है और बहुत जल्द जर्मनी को पीछे छोड़कर हम तीसरे स्थान पर पहुंचेंगे।
देश के 10 करोड़ किसानों को मिला पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ- उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि देशभर में किसानों को हर तरह की सहूलियतें दी जा रही हैं। अब तक 10 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिला है। उनके खातों में 3 लाख 46 करोड़ रुपए अंतरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को दूध, फल और सब्जियों में देश का नेतृत्व करना चाहिए। कृषि सिर्फ खेती का क्षेत्र नहीं है, इसका उद्योग से बड़ा जुड़ाव है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की यह पहल सराहनीय है। प्रदेश में नारी शक्ति को जिला पंचायतों की कमान मिलना भी लोकतंत्र की शक्ति को दर्शाता है।

उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला ऑपरेशन सिंदूर से लिया है। यह ऐतिहासिक घटना है। पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना ने सटीक बमबारी की और उनके ठिकाने नष्ट कर दिए। देश की सुरक्षा के मामले में प्रधानमंत्री का संकल्प एक लौहपुरूष की तरह है। भारतीय सेना के पराक्रम ने हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। ये नया भारत है, जो 70 साल में नहीं हुआ, वो प्रधानमंत्री ने कर दिखाया।
कृषि मेलों से किसानों को मिल रहा भरपूर लाभ- राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि नरसिंहपुर जिला मध्यप्रदेश की आध्यात्मिक विरासत को संजोकर रखने वाला एक प्रमुख केंद्र है। यहां मां नर्मदा के तट पर बरमान में मकर संक्रांति का सुप्रसिद्ध मेला लगता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि मेलों और कृषि उद्योग समागमों के जरिए किसानों को भरपूर लाभ दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव किसानों के लिए हर समय उपलब्ध रहते हैं। देश के किसान कड़े परिश्रम से अन्न उगाते हैं, वहीं हमारे वैज्ञानिक भी तकनीक का उपयोग कर किसानों के लिए नए-नए संयंत्र तैयार करते हैं। दोनों की मेहनत और समन्वय से ही हमारे देश के भंडार अन्न से भरे पड़े हैं।
मध्यप्रदेश कृषि के मामले में शस्य श्यामला- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि के मामले में शस्य श्यामला है। नरसिंहपुर पर मां नर्मदा की विशेष कृपा है। नरसिंहपुर जिला दाल का कटोरा है, यहां की तुअर दाल को जीआई टैग मिला है। दाल उत्पादक किसान देशभर में पहचान बना चुके हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। मध्यप्रदेश तो नदियों का मायका है। मध्यप्रदेश 247 नदियों का उद्गम है, जो देश में सर्वाधिक है। यहां घने जंगल नदियों एवं जलराशि को समृद्ध करते हैं। मध्यप्रदेश को मां नर्मदा का आशीर्वाद मिला हुआ है। नर्मदा मध्यप्रदेश के साथ-साथ गुजरात और राजस्थान को भी जल प्रदान करती है। महाकौशल, मालवा और निमाड़ का कुछ हिस्सा मां नर्मदा से सिंचित है। मालवा की तरह बुंदेलखंड में केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना से समृद्धि आएगी। स्व. श्री अटलजी का सपना पूरा करते हुए प्रदेश सरकार ने तीन बड़ी नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया है। पार्वती-काली सिंध-चंबल और तापी मेगा रिचार्ज परियोजना के माध्यम से मध्यप्रदेश विश्वस्तर पर अपनी अलग पहचान बना रहा है।
किसानों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए लगाए जा रहे किसान मेले- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में सर्वाधिक गेहूं उत्पादन में मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर है। राज्य सरकार ने किसानों से 2600 रूपये प्रति क्विंटल गेहूं खरीदा है। नई कृषि तकनीकों और नवाचारों से किसानों का जीवन और बेहतर बनाने के लिए हमारी सरकार मिशन मोड पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के विजन ‘ज्ञान’ को क्रियान्वित करने के लिए हमारी सरकार ने गरीब, युवा, किसान (अन्नदाता), और नारी के सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में चार मिशन लॉन्च किए हैं। किसान कल्याण मिशन इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। हमने किसानों को 32 लाख सोलर पंप बांटने की योजना लागू की है। किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर सोलर पंप दिए जा रहे हैं। किसानों को सम्पन्न बनाने के लिए सरकार ने किसान मेले शुरू किए हैं इसमें अन्नदाताओं को अनुदान पर आधुनिक कृषि यंत्र दिए जाएंगे।
नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और मंडला में बन रहे कृषि आधारित उद्योगों के फूड पार्क- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि आधारित उद्योग बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। फूड प्रोसेसिंग में प्रगति के लिए नरसिंहपुर में 102 हेक्टेयर में कृषि आधारित उद्योगों का फूड पार्क बनाया जा रहा है। छिंदवाड़ा के बोरगांव और मंडला के मनेरी में 40 इकाइयों वाला फूड पार्क स्थापित होगा। प्रदेश में शीघ्र ही 1300 करोड़ के कृषि उद्योग आकार लेंगे। राज्य सरकार नई तकनीक और नवाचारों के माध्यम से किसानों का जीवन बेहतर कर रही है। जीआईएस: 2025 में हमें 30 लाख करोड़ रुपए से अधिक के औद्योगिक निवेश प्रस्ताव मिले हैं, इससे प्रदेश में 22 लाख से अधिक नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश तेज गति से विकास की ओर अग्रसर है। यहां अब प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 52 हजार रुपए हो गई है। सरकार ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना शुरू की है। इसमें कोई भी किसान 25 से लेकर 200 गाय या भैंस पाल सकता है और सरकार इसमें 25 प्रतिशत तक अनुदान देगी। सरकार का लक्ष्य प्रदेश का दुग्ध उत्पादन योगदान 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक पहुंचाने का है।
सीहोर में 12 से 14 अक्टूबर तक राज्य स्तरीय कृषि उद्योग समागम होगा- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पहला कृषि मेला सीतामऊ (मंदसौर) में हुआ था, इसके बाद महाकौशल क्षेत्र का कृषि उद्योग समागम आज नरसिंहपुर में हो रहा है। तीसरा कृषि मेला जुलाई महीने में सतना और चौथा कृषि मेला चंबल के मुरैना में आयोजित होगा। इसके बाद 12 से 14 अक्टूबर तक राज्यस्तरीय कृषि मेला भोपाल के पास सीहोर में आयोजित किया जाएगा।
28 मई तक चलेगा तीन दिवसीय कृषि उद्योग समागम- नरसिंहपुर में यह कृषि उद्योग समागम 28 मई तक चलेगा। इसका उद्देश्य प्रदेश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन से जोड़ते हुए निवेश, नवाचार और रोजगार के अवसरों के नए द्वार खोलना है। कृषि उद्योग समागम के शुभारंभ अवसर पर अतिथियों द्वारा नरसिंहपुर जिले में 116 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से 86 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन भी किया गया। उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जैविक खेती को बढ़ावा दे रहे किसानों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कृषि उद्योग समागम स्थल पर ही नई कृषि तकनीकों पर आधारित एक भव्य प्रदर्शनी का शुभारंभ किया एवं यहां विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल्स का अवलोकन भी किया।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रह्लाद पटेल ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि मां नर्मदा के आशीर्वाद से नरसिंहपुर का किसान हर तरह से सम्पन्न है। नरसिंहपुर जिले में मां नर्मदा 123 किलोमीटर तक प्रवाहित होती है। मां नर्मदा की असीम कृपा से यहां के किसान और नागरिक दोनों विकास की धारा की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री तथा नरसिंहपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, सामाजिक न्याय, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाहा, लोकसभा सांसद श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, लोकसभा सांसद श्री दर्शनसिंह चौधरी, राज्यसभा सांसद श्रीमती माया नारोलिया, क्षेत्रीय विधायक श्री विश्वनाथ सिंह सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में किसान बंधु और ग्रामीणजन उपस्थित थे।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के बाद राज्य में 1744 एकड़ भूमि 46 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटित : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मध्यप्रदेश में हो रहे निवेश की खुशबू देशभर में फैल रही
खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों के सम्मेलन में 4376.30 करोड़ रूपये का निवेश, सृजित होंगे 6164 रोजगार
नरसिंहपुर में 52 कृषि आधारित औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन और लोकार्पण
15 औद्योगिक इकाइयों को वितरित किये आवंटन आदेश एवं आशय पत्र
कृषकों की आय बढ़ाने और युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध

भोपाल/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हम वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मना रहे हैं। यह अद्भुत समय चल रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश की खुशबू देशभर में फैल रही है। प्रदेश में विकास का क्रम जारी है। इस विकास यात्रा में सभी राज्यों के उद्योगपतियों का स्वागत है। जहां जनप्रतिनिधि, उद्योगपति, अधिकारी साथ में मिलकर प्रदेश के औद्योगिक विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के फरवरी में आयोजन के बाद पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी मध्यप्रदेश को निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं। यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि जीआईएस में 65 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 15 औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों को आवंटन आदेश और आशय पत्र वितरित किये। उन्होंने कहा कि बदलती तकनीक के दौर में हमें टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मेड इन इंडिया का दौर चल रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को नरसिंहपुर जिले में कृषि उद्योग समागम में “खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों के सम्मेलन” को संबोधित कर रहे थे मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विकसित मध्यप्रदेश की संकल्पनाओं को साकार करने के लिए हमें सभी क्षेत्रों में समान प्रगति करनी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में माइनिंग, टेक्सटाइल, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योगों के विकास की अपार संभावनायें हैं। कृषि आधारित उद्योगों के लिए चार स्थानों पर कृषि उद्योग समागम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट वर्तमान में 12 प्रतिशत से अधिक होकर देश में अग्रणी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 (जीआईएस) के सफल आयोजन के बाद मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिए नए अवसर सृजित हुए हैं। राज्य सरकार द्वारा 1744 एकड़ भूमि 46 औद्योगिक इकाइयों को आवंटित की गई है। इन इकाइयों में लगभग 24,500 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है, जिससे लगभग 35,000 रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है। भूमि आवंटन प्राप्त प्रमुख औद्योगिक इकाइयों में मेसर्स पतंजलि ग्रुप, रीवा को सर्वाधिक 433 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इसके अलावा मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट, सीधी को 264 एकड़, मेसर्स बीईएमएल, रायसेन को 148 एकड़, मेसर्स गौतम सोलार को 55 एकड़ एवं मेसर्स ग्लेक्सो स्मीथ एशिया प्रा. को 40 एकड़ भूमि आवंटित की गई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज के कार्यक्रम में कुल 52 इकाईयों से रू. 4376 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे 6100 से अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इन निवेश प्रस्तावों के राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नरसिंहपुर जिला गन्ने की फसल के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि गन्ने की फसल के लिए स्प्रिंक्लर सिंचाई का लक्ष्य बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह हमारा संकल्प है कि कृषकों की आय को बढ़ाया जायेगा। हमारी सरकार का प्रयास है कि कृषकों को उनके उत्पादों के सही दाम मिले। खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योगों की अधिक से अधिक स्थापना होगी।