छात्रावास मरम्मत के नाम पर घोटाला बिना मूल्यांकन खर्च किए Rs.18 लाख
पूर्व सोनपुर अधीक्षक ने छात्रावास मरम्मत के नाम पर किया बडा फर्जीवाड़ा…
छात्रावास भवन की छत मरम्मत के नाम पर अधीक्षक ने ठेकेदार से साठगांठ कर दिया 18 लाख का भुगतान…?
रिपोर्ट- ठा.रामकुमार राजपूत
दिनांक-19/07/2024
छिदंवाडा( पंचायत दिशा)-जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावासों के लिए सरकार ने बर्ष2022-23 में लाखों रुपए का बजट जारी किया था। भवनों की मरम्मत, पुताई, नए कक्ष सहित अन्य कामों कराने छात्रावास अधीक्षकों के खातों में किश्तों की राशि जारी कर दी गई। लेकिन धरातल पर काम निर्धारित लागत से कम में करा दिए। लेकिन बिलों के भुगतान में नियमों को ही दर किनारे कर दी। कार्यों का मूल्यांकन कराए बिना ही लाखों रुपए के बिलों का भुगतान कर दिया गया है। जिससे जनजातीय कार्यविभाग द्वारा कराए इन कामों में फर्जीबाड़ा सामने आ रहा है।
अमरवाडा ब्लॉक के सोनपुर छात्रावास के मरम्मत कार्य के नाम पर जनजातीय कार्यविभाग ने बर्ष 2022-23 मे छात्रावास भवन की मरम्मत कार्यों के लिए 18 लाख से अधिक की राशि खर्च कर दिया गया है। वहीं संबंधित कामों की जानकारी मांगने पर विभाग के अधिकारी टालने की कोशिश कर रहे हैं। जनजातीय कार्यविभाग कार्यालय में बाबूओं से जानकारी मांगी। किसी ने समय नहीं होने का बहाना बनाया । जबकि सहायक आयुक्त फोन तक नहीं उठा रहे। अधिकारियों की संदिग्धता नजर आ रही है। बर्ष 2022-23 में बिना मूल्यांकन के बिलों का भुगतान कर देने से छात्रावास अधीक्षक, विभाग के अधिकारी जांच की जद में आ गए हैं। आखिर आदिवासी बालक छात्रावास सोनपुर में इतनी राशि कैसे मरम्मत कार्य के लिए दे दिया गया। कही ना कही इस में विभाग के अधिकारी एंव ठेकेदार की मिलीभगत नजर आ रही है। जबकि छात्रावास में 18 लाख रुपये का कही कोई काम नहीं देख रहा है। यंहा छात्रावास अधीक्षक ठेकेदार एंव जिलें के अधिकारियों की साठगांठ से फर्जी बिलों के सहारे राशि निकली गई थी।
तत्कालीन अधीक्षक ने कहा- बिलों का भुगतान किया, सहायक आयुक्त ही बता सकेंगे…..
अधीक्षक से बात कियें तो उन्होंने कहा की आदिवासी बालक छात्रावास सोनपुर में साल 2022-23 में अधीक्षक सविता तिवारी पदस्थ थी। उन्होंने छात्रावास भवन की छत्र की मरम्मत कार्य किया या नहीं किया कितने का भुगतान हुआ मुझे नहीं मालूम है।में अभी आया हूँ । लेकिन सूत्रों कहते है कि18 लाख के काम नहीं कराया गया है छात्रावास भवन की मरम्मत के नाम पर अधीक्षक सविता तिवारी ने ठेकेदार को फर्जी बिलों के सहारें भुगतान किया है ।जबकि विभाग के इंजीनियर से मूल्यांकन नहीं कराया। समिति के हस्ताक्षर से बिल भुगतान कर दिया। जबकि मौके पर कुछ नहीं हुआ है। मरम्मत कुछ नजर नहीं आ रही।
आदिवासी बालक छात्रावास सोनपुर में 2024-25में फिर डाली गई मरम्मत के लिए 5 लाख रुपये की राशि
जिलें में इन दिनों जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावास भवनों के मरम्मत के नाम पर बडा खेल चल रहा है। विभागीय इंजीनियर एंव छात्रावास अधीक्षक के बिना मांग के छात्रावास मे मरम्मत के लिए जिला मुख्यालय से पैसे डाल दिये जाते है।जबकि छात्रावास आधीक्षक के द्वारा राशि की मांग ही नहीं की जाती है ।ऐसा ही मामला सोनपुर बालक छात्रावास का है जंहा पिछले साल 18 से 20 लाख रुपये छात्रावास भवन में मरम्मत के नाम पर खर्च किये गयें थे। तो फिर इस साल पाँच लाख क्यों डाल दिया गया.. लगता है विभाग में मरम्मत के नाम पर राशि डालने का बड़ा खेल चल रहा है..!
सहायक आयुक्त एंव बाबू की भूमिका संदिग्ध..
सोनपुर बालक छात्रावास में 2022-23 में मरम्मत कार्य किस मद से किया गया था। और इसकी लागत कितनी है। टेंडर कब हुआ इसकी जानकारी अब तक नही मिल पा रही है। लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि छात्रावासों का मरम्मत कार्य के लिए पिछले साल 18 से बीस लाख सिर्फ कागजों में कर दिया गया था । जब इस बिषय में सहायक यंत्री ट्राइबल विभाग दीपक सरयाम ने बात किया गया तो उन्होंने बताया कि छात्रावास की छत की मरम्मत कार्य किया गया था।लेकिन इसका भुगतान छात्रावास अधीक्षक सविता तिवारी ने किया है मुझे नहीं मालूम भुगतान कितने का हुआ है । लेकिन सवाल उठता है कि विभाग के इंजीनियर के मूल्यांकन बिना भुगतान कैसे कर दिया गया ठेकेदार को लेकिन सहायक आयुक्त का नाम सामने आने पर सहायक इंजीनियर सरयाम ने मौन धारण कर ली। अब सवाल उठाया जा रहा है कि टेंडर, एनआईटी एवं वर्कऑर्डर कहांं है इसका भी पता लगाया जाना चाहिए है। उक्त छात्रावास की मरम्मत कार्य की जाँच होने चाहिये ।
रिपोर्ट-ठा.रामकुमार राजपूत
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