आदिवासी बालक आश्रम अंबाडा़ का निर्माण ठेकेदार ने अधूरा छोड़ा…
आदिवासी बालक आश्रम अंबाडा़ में अधूरा काम फिर भी ठेकेदार को कर दिया गया भुगतान..
जंहा जरूरत है वंहा नहीं हो रहा काम ,कई छात्रावास में काम नहीं उसके बाद भी बजट दे दिया गया छात्रावास अधीक्षक कर रहे मौज..
रिपोर्ट- रामकुमार राजपूत
स्थान- छिदंवाडा म.प्र
दिनांक-15/07/2024
छिदंवाडा( पंचायत दिशा)- जनजातीय कार्यविभाग द्वारा संचालित छात्रावास एंव आश्रम शाला में मरम्मत निर्माण का कार्य विभाग द्वारा कराया गया है ।लेकिन कई ठेकेदारों ने अभी भी काम अधूरा छोड दिया गया एंव जो काम हुआ है वो भी गुणवत्ताहीन काम हुआ है। ऐसा ही मामला अंबाड़ा के आदिवासी बालक आश्रम में 50 सीटर छात्रावास भवन की मरम्मत बाउंड्रीवॉल निर्माण का कार्य लाखों रुपए खर्च करके किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा इस निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया था। निर्माण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। शासन आदिवासियों के लिए बेहतर और अच्छी शिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराने प्रयासरत है। इसके लिए समय-समय पर करोड़ों रुपए के फंड भी आवंटित किए जाते हैं लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते शासन की राशि में किसी न किसी तरह से पलीता लगाया जा रहा है।
परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत अंबाड़ा के आदिवासी बालक आश्रम में 50 सीटर छात्रावास भवन की मरम्मत बाउंड्रीवॉल निर्माण का कार्य लाखों रुपए खर्च करके किया जा रहा है। छात्रावास भवन की छत पर बेरिंगकोट, दीवारों में प्लास्टर बाउंड्रीवॉल सहित अन्य कार्य को ठेकेदार के माध्यम कराया जा रहा है। ठेकेदार इस कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग कराया गया है। निर्माण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं।छात्रावास के लिए बाउंड्रीवाल का निर्माण किया जा रहा है। ठेकेदार ने बाउंड्रीवाल, बाथरूम सहित अन्य निर्माण कार्य को अधूरा छोड़ दिया है। कारण है ठेकेदार को विभाग द्वारा पैसे नहीं दिया गया है जिसके कारण परासिया ब्लॉक के कई छात्रावास के अधूरे काम पडें है अब आदिवासी छात्रावास के निर्माण की गुणवत्ता की जांच किए जाने की मांग विभाग के उच्च अधिकारी एंव कलेक्टर से की है। छात्रावास अधीक्षक एलएस मरकाम ने कहा कि बाउंड्रीवॉल का निर्माण भी पूरा नहीं हुआ है एवं छात्रावास के अंदर शौचालय निर्माण भी अधूरा है। कई जगह पर मरम्मत का काम अधूरा किया गया है। जिसके कारण परेशानी जा रही है। बच्चों जर्जर भवन में रहने को मजबूर है
रामकुमार राजपूत
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