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शिक्षा में भी अब कमीशनखोर….प्राईवेट स्कूल की दुकान फिक्स, रेट फिक्स..मजबूरी में लूट रहे पालक

शिक्षा में भी अब कमीशनखोर….

प्राईवेट स्कूल की दुकान फिक्स, रेट फिक्स..मजबूरी में लूट रहे पालक

पंचायत दिशा समाचार
छिंदवाड़ा/मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिलें में शिक्षा में कमीशन का गोरख धंधा भी पूरे जिलें में पैर पसार चुका है, चुनिंदा स्कूलों और उनकी चुनिंदा बुक डिपो फिक्स है, एक और सरकार मुफ्त शिक्षा देने का हर संभव प्रयास कर रही है तो वही पुस्तक कॉपी व ड्रेस के अति से ज्यादा कीमत पालकों की हालत पतली कर रही है जिसमें पूरे जिलें में तो पुस्तक माफिया कुछ ज्यादा ही हावी हो चुके है, छिंदवाड़ा जिलें के हर विकासखंड कुछ चुनिंदा प्राइवेट स्कूल है जिनकी दुकानें फिक्स है क्यों की अन्य दुकानों में उनकी पुस्तके नहीं मिलती, अधिकारियों से साठ गांठ कर स्कूल संचालक एवं दुकानदार मालामाल हो रहे है तो वही देखने में आ रहा है कि पालक अपने घर का अनाज बेच कर बच्चों की पुस्तक कॉपी खरीदने को मजबूर है, जल्द ही जिला प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया गया तो पालक ऐसे ही लुटते रहेंगे।

दुकानदारों के महंगे दामों पर लगाना होगा लगाम…

पूरे जिलें के पालक द्वारा मांग उठ रही है कि प्राइवेट स्कूलों की बुक हर एक दुकानों में मिलना चाहिए एवं सरकार द्वारा पुस्तकों के दाम फिक्स होना चाहिए ताकि दुकानदार मनमाने ढंग से पुस्तक एवं अन्य शिक्षा सामग्री की विक्री न करे।

दुकानदार कच्चे बिल बिल में बेच्च रहे है पुस्तकें…

आलम यह है कि जिलें में संचालित हो रही दुकानों में कच्चे बिल में पुस्तक एवं अन्य शिक्षा सामग्री बेची जा रही है पालक पैसे कम करने या पक्के बिल की बात करते है तो दुकानदार अपनी नाराजगी व्यक्त करते हैं कार्रवाई के अभाव में पुस्तक माफियाओं के हौसले और भी बुलंद होते नजर आ रहे है।

बिल मांगने पर इस तरह का कागज थमाते है दुकान…

अधिकारी मौन, पुस्तक माफिया बनते जा रहे ..दुकानदार..?

जिला शिक्षा अधिकारी के किसी प्रकार का एक्शन न लेने से पुस्तक माफियाओं के हौसले बुलंद हो रहे है, हालांकि की प्राइवेट स्कूल संचालकों की साठगांठ के बिना ये संभव नहीं परंतु कमीशन देने के सबब दुकानदार गरीब पालकों को लूट रहे है।

इनका कहना है

एक बार पहले भी जांच हो चुकी है परंतु शिकायते आ रही है इस लिए एक बार पुनः जांच करवाई जा रही।

बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाड़ा

जिले में ये खेल बदस्तूर जारी है… इस खेल को देखकर साफ समझ आता है कि यह संचालक पहले जिला अधिकारी के इस तरह की खसीट करने के लिए अनुमति प्राप्त करते हैं उसके बाद खुलेआम पालकों को लूटते हैं।

अधिकारियों ने भी जांच के निर्देश दिए है जल्द ही जांच की जाएगी, कच्चे बिल में पुस्तके बिक्री हो रही है ये मामला हमारे संज्ञान में भी आया है। जांच की जा रही है।