तामिया पंचायत सचिव ने शौचालय की स्वीकृत राशि में बना दिया पेशाबघर
पंचायत दिशा समाचार
छिदंवाडा /जिलें के तामिया विकासखंड की पंचायत तामिया में इन दिनों भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है जिसमें सचिव इस भ्रष्टाचार की गंगा के भागीरथ साबित हो रहे हैं और वह मनमाने तरीके से पंचायत के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों में शासकीय धन की जमकर लूटपाट मचाए हुए हैं। लेकिन सचिव के रसूख के आगे जनपद से लेकर जिला पंचायत तक के अधिकारी मौन रहने में ही शायद भला समझ रहे हैं क्योंकि इनके खिलाफ जांच की कोई करवाई तो दूर की बात सोचने की भी राजी नहीं है। इरूरी तरह उनका एक गंभीर मामला सामने आया है कि तामिया के साप्ताहिक बाजार में पंचायत द्वारा सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य के जगह पेशाब धर बना दिया गया है
जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति दो लाख पैतीस हजार पहली बार निर्माण की दीवार पर राशि पढ़ने मिली। इस सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य में सबसे बड़ी विसंगति यह है कि इस निर्माण कार्य को देखकर लगता है कि 5000 ईट एक ट्रॉली रेत 20 बोरी सीमेंट एवं चंद पेटी टाइल्स लगाकर इसे पूर्ण कर दिया गया। मगर इसमें सबसे हैरत करने वाली बात यह सामने आ रही है कि सामुदायिक शौचालय निर्माण के नाम पर सचिव ने पेशाब घर को शौचालय का दर्जा दे दिया और इसकी राशि पूरी निकाल डाली जबकि वर्तमान निर्माण कार्य में बगैर स्लेव के कोई छोटे-मोटे काम भी नहीं हो रहे है, लेकिन इन महोदय ने पारदशी 10 सीट लगाकर शौचालय का दर्जा दे दिया। जबकि शौचालय का मूल उद्देश्य है कि उसमें शौच करने के लिए लैट्रिन सीट एवं छत के ऊत्पर पानी की टंकी होनी चाहिए जिसमें शौच के बाद पानी डाल सके। लेकिन जब पारदर्शी सीट होगी तो टंकी रखना संभव नहीं है।

इस तरह तामिया सचिव का एक प्रमाणित भ्रष्टाचार शौचालय के नाम पर पेशाब घर बनाने का सामने आया है, उस पर सचिव को तुरां उन्होंने बकायदा दीवार पर शौचालय का नाम लिखकर लागत स्वीकृति वर्ष लिखने में भी संकोच नहीं किया क्योंकि उन्हें भली भांति ज्ञान है कि कोई भी अधिकारी उनके खिलाफ शायद कार्रवाई करने में अपने आप को सक्षम नहीं पा रहा है। इस बलबूते पर ब्लॉक कॉलोनी के शौचालय को पर्यटन की बिल्डिंग के सेप्टिक टैंक पर बना डाला। इस तरह तामिया सचिव शौचालय जैसे निर्माण में भ्रष्टाचार के माध्यम से पैसा कमाना जानते है। कम से कम शौचालय के नाम पर पेशाब घर बनाए जाने पर तो यही सिद्ध होता है।







