चपरासी के भरोसे चल रहा आदिवासी बालक छात्रावास चौरई…
अधीक्षक संजय डेहरिया रहते है,आदिवासी बालक छात्रावास चौरई से नदारत…जंहा भी अधीक्षक रहे विवादित ही रहे…?
पंचायत दिशा समाचार
छिंदवाड़ा/ जिले के चौरई विकासखंड में संचालित आदिवासी बालक छात्रावास में भरी लापरवाही चल रही है । यंहा पदस्थ अधीक्षक संजय डेहरिया छात्रावास से अक्सर नदारत रहते हैं और सप्ताह में एक-दो दिन ही चौरई छात्रावास जाते है, इनका रहना जिला मुख्यालय में है और पहले भी जिलें जिला मुख्यालय में संचालित पिछडा वर्ग के छात्रावास में लापरवाही के कारण इन्हें हटाया गया था, लेकिन पैसे और नेताओं की चापलूसी से इन्होने चौरई के आदिवासी बालक छात्रावास में फिर अधीक्षक बन बैठे, क्योकि स्कूलों में पढाने से बचाने के लिए अधिकांश शिक्षक जिले में बैठी अधिकारी को चढ़ावा चढ़ा के छात्रावास में अधीक्षक बन जाते है ताकि उन्हें स्कूल में पढ़ने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में न जाना पड़े, और इसी कारण ऐसे शिक्षक जो अधीक्षक के कर्तव्य को भी नहीं निभा पाते हैं । चौरई छात्रावास में रहने वाले बच्चों की बेबसी है की उन्हें आज तक लापरवाही करने वालें ही अधीक्षक मिलें है, और छात्रों की बेबसी है की ऐसे छात्रावास में रहने के लिए मजबूर हैं।जबकि इन बच्चों की अच्छी देखरेख के लिए छात्रावास में अधीक्षक कि नियुक्ति ही इसलिए की जाती है की सुरक्षा और अच्छे से देखरेख हो,लेकिन अधीक्षक ही गायब हो जाएं, तो इन बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित होगा। यह अपने आप में ही सवालिया निशान है।
जबकि जनजातीय कार्यविभाग के द्वारा जिले के आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए आश्रम /छात्रावास बनाकर उनकी भविष्य सुधारने की बुनियाद रखी गई है। पर वहां नियुक्त होने वाले अधीक्षक और कर्मचारी इस कदर लापरवाह हैं कि वे हॉस्टल में उन बच्चों के साथ न रहकर अपनी मनमानी कर रहे हैं। जिन्हें नियंत्रित करने वाला कोई दिखाई नहीं पड़ता
जनजाति कार्य विभाग आयुक्त ने निकाला था आदेश…. नहीं हो पा रहा है पालन…?

मध्यप्रदेश के जनजाति कार्य विभाग के आयुक्त ने एक आदेश निकला है कि मध्यप्रदेश के छात्रावास में जो अधीक्षक रात्रि में नही रहते है उनके हटाया जायेगा क्योंकि विभाग को अधीक्षक की लापरवाही की बार बार शिकायत मिल रही थी जिसके कारण एक आदेश निकला गया था जिसमें सभी
सहायक आयुक्त/जिला संयोजक (समस्त) जनजातीय कार्य एवं अनु. जाति कल्याण विभाग को आदेश दिया गया है कि अब अधीक्षक/अधीक्षिकाओं द्वारा छात्रावास एवं आश्रमों में रात्रि विश्राम करने के संबंध में निर्देश दिया गया है, जिसका आदेश कार्यालयीन पत्र क्रमांक/छात्रावास/1009/2025/3563 दिनांक 13.02.2025
उपरोक्त संदर्भित पत्र के द्वारा प्रत्येक छात्रावाम एवं आश्रम शाला में अधीक्षक के द्वारा अनिवार्य रूप में रात्रि विश्राम किये जाने के निर्देश प्रमारित किये गये है। आप समस्त छात्रावासों एवं आश्रम शालाओं का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करे कि सभी छात्रावास अधीक्षक अपनी संस्थाओं में ही रात्रि विश्राम कर रहे है । जिन अधीक्षको के द्वारा रात्रि विश्राम नहीं किया जा रहा है। उन्हें अधीक्षक को पद में मुक्त कर जानकारी ईमेल आईडी- hostel.ctd@mp.gov.in पर उपलब्ध कराये और
दिनांक 10.03.2025 तक समस्त जिला अधिकारी यह प्रमाण पत्र प्रेषित करे कि “जिले में संचालित समस्त छात्रावास एवं आश्रम शालाओं के अधीक्षक एवं अधीक्षिका अपनी संस्थाओं में ही रात्रि विश्राम करते है”।या नही इसके पश्चात यदि किसी छात्रावास एवं आश्रम शाला के अधीक्षक एवं अधीक्षिका अपनी संस्था में रात्रि विश्राम करते नहीं पाए गए तो संबंधित अधीक्षक के साथ-साथ जिला अधिकारियों के विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकेगी। लेकिन जिलें के सहायक आयुक्त एंव छात्रावास आश्रम शाला के अधीक्षक ने आज तक कोई पालन नहीं किया.!

चौरई मुख्यालय में स्थित आदिवासी बालक छात्रावास चपरासियों के भरोसे चल रहे हैं। क्योंकि छात्रावास में अधीक्षक संजय डेहरिया अक्सर नदारद रहते हे साथ ही पूरे छात्रावास का संचालन चपरासी के द्वारा किया जा रहा था। आदिवासी बालक छात्रावास मे पदस्थ चपरासी द्वारा बताया गया कि अधीक्षक महोदय अपने निवास स्थान छिंदवाड़ा से
आना जाना करते हैं। रात्रि के समय उनका रूकना नहीं हो पता है, लेकिन आ जाते हैं। इसके अलावा भी छात्रावास में कई प्रकार की विसंगतिया पायी गयी। हर ओर स्वच्छता का अभाव नजर आ रहा था। छात्रों से पूछा गया कि बिस्तर के चादर इतने गंदे क्यों है। तो उन्होंने बताया कि कभी सफाई नहीं होती, छात्रावास की स्थिति व ऐसी गतिविधियों के चलते कोई भी समझ सकता है कि छात्रावास की क्या हालत है। आदिवासी बालक छात्रावास में
खाना की व्यवस्थाएं सही नहीं थी । बच्चों ने बताया कि नास्ता कभी कभी मिलता ही नही है, और भोजन भी अच्छा नही मिल रहा है,अधीक्षक महोदय ज्यादातर छिंदवाड़ा कार्यालय में काम होना बताकर छात्रावास से चले जाते है..
 
            
