Home CITY NEWS छात्रावास शिकवे, शिकायत और षड्यंत्र में उलझकर विवादित हो रहा है आखिर...

छात्रावास शिकवे, शिकायत और षड्यंत्र में उलझकर विवादित हो रहा है आखिर क्यों…..

छात्रावास शिकवे, शिकायत और षड्यंत्र में उलझकर विवादित हो रहा है आखिर क्यों…..

छिंदवाड़ा/ मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिलें में इन दिनों जनजातीय विभागय द्वारा संचालित में छात्रावास/आश्रम शाला में इन दिनों शिकवे शिकायत एंव षंडयंत्र में उलझकर एंव विवादित हो रहे है और जनजातीय विभाग के अधिकारी की लापरवाही से एक ही छात्रावास में दो अधीक्षिकाओं की तैनाती से छात्रावास इन दिनों राजनीति का अखाडा बनते जा रहा है, इसकी मुख्य वजह है जिस अधीक्षिका को छात्रावास से हटाकर उसे पढाने के लिए मूलशाला जाना होता है लेकिन वहां पहले से पदस्थ अधीक्षिका जिसे वहां से हटा दिया गया है वो दूसरी जगह जॉइनिंग ना करके कोर्ट से स्टे लाकर वो पुनः उसी जगह में पदस्थ रहती है और विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बने सब देखते रहते हैं उनका कहना है कि कोर्ट से स्टे मिलने के बाद हम कुछ नहीं करते लेकिन क्या ऐसे अधीक्षकों को कोर्ट से स्टे कैसे लाएं यह विभाग कोर्ट में अपने वकीलों के द्वारा नही बता सकता क्योंकि यदि ऐसे ही होते रहा तो एक भी छात्रावास अधीक्षक छात्रावास नही छोडेंग


सूत्रों की जानकारी के अनुसार ऐसा ही एक मामला छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय के कान्या शिक्षा परिसर में संचालित आदिवासी कन्या आश्रम में देखने को मिल रहा है यंहा पदस्थ शिक्षिका का ट्रांसफर दूसरी जगह कर दिया गया और उनकी जगह दुसरी शिक्षिका को अधीक्षिका बना दिया गया है लेकिन अब पुरानी अधीक्षिका जो शिक्षिका यंहा अधीक्षिका के प्रभार में आई है उसे अभी तक चार्ज नहीं दे रही है इसका क्या कारण हो सकता है… सूत्रो की जानकारी के अनुसार हो सकता है कि पुरानी अधीक्षिका सहायक आयुक्त के आदेश को ठेंगा दिखाकर कोर्ट से स्टे ले आए और फिर उसी जगह में पदस्थ हो जायें क्योंकि जिलें में अब ऐसी परंपरा आम बात हो गई है, क्योंकि पहले भी ऐसे मामलों देखने को मिल रहे हे

जनजातीय कार्य विभाग लापरवाही खुद ऐसे अधीक्षक/अधीक्षिकाओं को कोर्ट से स्टे लाने का देता है टाइम…..
छिंदवाड़ा जिले के जनजाति कार्य विभाग में ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं जहां पर अधीक्षक/अधीक्षिकाओं को हटा तो दिया जाता है लेकिन वहां पर जिस अधीक्षक/ अधीक्षिका की पोस्टिंग हुई है उसे जॉइनिंग एवं चार्ज तक नहीं दिल पता विभाग और कई महीने तक जनजाति कार्य विभाग चक्कर काटते दिखते हैं अधीक्षक/अधीक्षिका लेकिन फिर भी उन्हें चार्ज नहीं दिल पता विभाग जिसका फायदा उठाते हुए पहले से पदस्थ अधीक्षक कोर्ट से स्टे लेकर आ जाते है..

छात्रावास में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं होते रहते है परेशान….

जिलें में इन दिनों छात्रावास में अध्यनरत छात्राएं परेशान हो रही है क्योंकि एक ही पद पर दो अधीक्षिकाओं की तैनाती से छात्रावास में भ्रम और टकराव की स्थिति है। विभागीय लापरवाही के कारण शिकवे-शिकायतों और तनाव का माहौल बन रहता है और एक छात्रावास / आश्रम शाला में दो अधीक्षिका कार्यरत रहती है । इससे छात्रावास के संचालन में परेशानियां होते रहती है हैं। जिलें के छात्रावास इन दिनों शिकवे, शिकायत और षड्यंत्र में उलझकर विवादित हो रहा है। खास बात यह है कि इन दिनों एक ही छात्रावास में दो दो अधीक्षक/अधीक्षिकाओं की तैनाती हो रही हैं, जबकि उधर नियुक्त की गई एक अधीक्षिका की मूल शाला में शिक्षक की कमी बन गई है। सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग की मनमानी नीतियों ने एससी/एस टी छात्रावास में सामान्य वर्ग की अधीक्षिका को नियुक्त कर दी जा रही है, जिलें में ऐसे कई अधीक्षक/अधीक्षिका है जिन पर लगे थे आरोप, फिर भी कोर्ट से उनको मिलती है राहत…
दरअसल, छात्र छात्राओं की शिकायत एंव छात्रावास में लापरवाही करने पर जनजातीय विभाग के सहायक आयुक्त ऐसे अधीक्षक /अधीक्षिकाऐं को हटाते है लेकिन से सबंधित अधीक्षक /अधीक्षिका तुरंत ही कोर्ट का सहारा लेकर स्टे लेकर आ जातें है जबकि जनजातीय कार्य विभाग ऐसे अधीक्षक को कार्यमुक्त कर उनकी मूल शाला भेजने के लिए सहायक आयुक्त आदेश जारी कर देते है । लेकिन अधीक्षक /अधीक्षिका सहायक आयुक्त के आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर कर
हाईकोर्ट से स्थगन आदेश जारी करा लेते है जिसके कारण सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ऐसे अधीक्षक /अधीक्षिकाओं को पुन: कार्यभार ग्रहण करने के लिए आदेश जारी करना पडता है । लेकिन इस दौरान यहां भेजी गई अधीक्षिका का क्या होगा यदि उन्हें हटाया गया तो फिर वो भी कोर्ट के दरवाजे खटखटाएंगी जिससे जिलें मे आदिवासी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित होगी, और ऐसे में दो अधीक्षिका होने से लगातार विवाद की स्थितियां बन रही हैं। छात्रावास में झूठी शिकायतें, षडयंत्र के मामले सामने आ रहे हैं।
विभाग के अधूरे आदेश छात्रावास को विवादित बना रहे है। इससे अप्रिय स्थितियां सामने आ रही हैं….?