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सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग के आदेश को ठेंगा दिखा रहे.. छात्रावास अधीक्षक/अधीक्षिका… आखिर क्यों…?….

सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग के आदेश को ठेंगा दिखा रहे.. छात्रावास अधीक्षक/अधीक्षिका… आखिर क्यों…?

छिंदवाड़ा / जिलें में जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावास अधीक्षक इन दिनों सहायक आयुक्त के आदेश को ठेंगा देखते नजर आ रहे है क्योंकि यदि किसी अधीक्षक /अधीक्षिकाओं को लापरवाही एंव शिकायत के आधार पर सहायक आयुक्त किसी छात्रावास आश्रम शाला के अधीक्षक एंव अधीक्षिकाओं के छात्रावास से हटाकर उन्हें मूलशाला स्कूल पढाने के लिए वापस करते है तो छिंदवाड़ा जिलें में देखने को मिला है कि सहायक आयुक्त के आदेश को चैलेंज करने के लिए आज कल ऐसे अधीक्षक कोर्ट का सहारा ले रहे हैं और उन्हें आराम से वकीलों के सहारे स्टे मिल जाता है, इसलिए आज कल जिले में संचालित छात्रावास आश्रम सालों में अधीक्षक भ्रष्टाचार करने से भी नहीं चूक रहे हैं,उनकी कितनी भी शिकायत कर लो उन्हें कुछ नहीं होता क्योंकि जिले में बैठे सहायक आयुक्त के आदेश को भी वह आजकल ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं

जिलें में इन अधीक्षक /अधीक्षिकाओं को कोर्ट से मिला है स्टे..
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कोर्ट के स्टे. के सहारे लगभग दो साल से आज भी अधीक्षक /अधीक्षिका के पद पर पदस्थ …

पहला मामला
जनजाति कर विभाग द्वारा संचालित जिला मुख्यालय में संयुक्त कन्या छात्रावास में एक नाबालिक बच्ची की मौत के बाद अधीक्षिका इंद्राणी बेलवंशी एवं सहायक अधीक्षकों को निलंबित कर दिया गया था लेकिन कुछ दिनों में उन्होंने कोर्ट से स्टे लाकर पुनः उसी जगह में आज भी अधीक्षक के पद पर पदस्थ हैं..?

दुसरा मामला….

चौरई के आदिवासी कन्या छात्रावास में अधीक्षिका करुणा गुप्ता की शिकायत के आधार पर एवं परीवीक्षा अवधि में उन्हें चौरई कान्या छात्रावास की अधीक्षिका बना दिया गया था जिनकी शिकायत 181 एंव छात्रावास मैं अध्यनरत छात्राओं ने अधीक्षिका करुणा गुप्ता पर विभिन्न आरोप लगाए थे और एसडीएम कार्यालय चौरई में ज्ञापन दिया था इसके बाद सहायक आयुक्त ने उन्हें चौरई छात्रावास से हटाकर उनकी मूलशाला में ट्रांसफर कर दिया था लेकिन उन्हें ने दो महिने मूल शाला में जॉइनिंग नही दिया और कोर्ट से स्टे ले लिया,
तीसरा मामला…
उत्कृष्ट बालक छात्रावास हर्रई में पदस्थ काशीराम डेहरिया को भी हटा दिया गया था लेकिन उनके द्वारा भी कोर्ट से स्टे ले लिया गया..
चौथा मामला..
सुरलाखापा में पदस्थ अधीक्षक को भी हटाकर शिक्षक कैलाश सूर्यवंशी को उसी जगह में पदस्थ किया गया है लेकिन सरला खापों में पदस्थ अधीक्षक ने कोर्ट से स्टे लाकर सहायक आयुक्त के आदेश को ठेंगा दिखा दिया ऐसे जिलें में दर्जनों मामले हैं , सूत्रों की जानकारी के अनुसार इन अधीक्षकों को जनजाति कार्यविभाग के एक (शिक्षक ) जो कटकूही हाई स्कूल में पदस्थ है जो सिर्फ नाम के लिए ही कटकुही में इनकी पोस्टिंग की गई है जबकि जो जनजाति कार्यविभाग के जिला मुख्यालय में ही काम करते हैं वह भी रात के अंधेरे में इनका नाम है बाबू जी सुभाष देशपांडे जो इन दिनों ऐसे अधीक्षक जिनको अधीक्षक के पद से हटा दिया जाता है वह उन्हें सलाह देते हैं कि वह कोर्ट से स्टे लेकर आ जाएं… इसलिए कहना गलत नहीं होगा कि इन दिनों जनजाति कार्य विभाग छिंदवाड़ा में भ्रष्टाचार चरम पर है….?

जनजातीय कार्य विभाग ने स्थानांतरण को लेकर दायर की केविएट

भोपाल कार्यालय आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने विभागीय अधिकारी-कर्मचारी और शिक्षकों के विधि संगत स्थानांतरण प्रदेश के विभिन्न कार्यालयों और शिक्षण संस्थाओं में किए हैं। स्थानांतरण को लेकर अधिकारी-कर्मचारी और शिक्षकों द्वारा संभावित न्यायालयीन रिट याचिकाओं को ध्यान में रखते हुए विभाग ने उच्च न्यायालय जबलपुर के साथ खंडपीठ इंदौर और ग्वालियर में शासन के पक्ष में केविएट दायर की है। विभाग ने अधिकारी-कर्मचारी एवं शिक्षकों को इस संदर्भ में विधिवत सूचित किया है कि उनके द्वारा दायर किये जाने वाले संभावित न्यायालयीन प्रकरणों में शासन का पक्ष प्रभावी ढंग से रखा जायेगा।

जनजाति कार्य विभाग छिंदवाड़ा में पहले ट्रांसफर किया अब हो रहे हैं शिक्षकों के संशोधन…

जनजाति कार्य विभाग छिंदवाड़ा में इन दोनों पहले शिक्षकों की भीड़ देखी जाती थी ट्रांसफर के लिए लेकिन अब जिन शिक्षकों के मनचाही जगह में ट्रांसफर नहीं हुए और उन्हें दूसरी जगह पर पहुंचा दिया गया वह अब ऐसे शिक्षक संशोधन के लिए जनजाति कार्य विभाग छिंदवाड़ा के ऑफिस में देखे जा सकते हैं बाकायदा इसके लिए विभाग के कुछ बाबू भी सक्रिय हैं.. जो ऐसे शिक्षक को देख रहे है जो कुछ चढ़ावा दे सके….

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