परिवीक्षा अवधि में जारी स्थानांतरण आदेश निरस्त करने के हुए आदेश….
क्या जनजातीय कार्य विभाग छिंदवाड़ा के सहायक आयुक्त सतेंद्र सिंह मरकाम मध्यप्रदेश सरकार के आदेश का करेंगे पालन…?
सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग छिंदवाड़ा में दर्जनों ऐसे शिक्षक /शिक्षिका जिनका परिवीक्षा अवधि में चल रहे थे और पैसे के बल पर अटैचमेंट कराया था क्या समस्त स्थानांतरण अब तत्काल प्रभाव से निरस्त करेंगे सहायक आयुक्त…..
पंचायत दिशा समाचार
छिंदवाड़ा / कार्यालय आयुक्त जनजाति कार्य विभाग भोपाल ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि परिवीक्षा अवधि में जारी स्थानांतरण आदेश निरस्त करने हेतू विषयांतर्गत लेख है कि कतिपय जिलों में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि 03 वर्ष की परिवीक्षा अवधि समाप्त होने के पूर्व ही प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक का स्थानांतरण जिले में एक स्थान से दूसरे स्थान पर कर दिया गया है।
विभागीय नीति अनुसार प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के स्थानांतरण सेवा में उपस्थिति दिनांक (Date of Joining) से 03 वर्ष की अवधि अर्थात् परिवीक्षा अवधि के दौरान अनुमन्य नहीं हैं। अतः निर्देशित किया जाता है कि उक्त प्रकार के जिला स्तर पर किए गए समस्त स्थानांतरण तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए कृपया यह भी सुनिश्चित करें कि संबंधित शिक्षक को वर्तमान में पदस्थ संस्था से कार्यमुक्त न किया जाए।(प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अनुमोदित) यह आदेश है, लेकिन क्या सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग छिंदवाड़ा इन आदेशों को मानेंगे या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा, क्योंकि जनजातिया कार्य विभाग में नियम कायदें भले ही सरकार बनाती हो, लेकिन इन नियम कायदों को ताक पर रखकर अपने नियम कायदें चलाने का काम इन दिनों छिंदवाड़ा जिलें के जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त खूब सुर्खियों में चल रहे है

परिवीक्षा अवधि में चल रहे शिक्षिका को अधीक्षिका आदिवासी कान्या छात्रावास चौरई को भी राजनेताओं एवं पैसे के बल पर इनको भी परिवीक्षा अवधि में होने के बाद भी चौरई कान्या छात्रावास में अटैचमेंट कर अधीक्षिका बना दिया गया था, जो बाद में सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग के आदेश को न मानते हुए आदेश के चैलेंज करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट से स्टे लाकर आज भी यहां नौकरी कर रही हैं, लेकिन क्या जनजाति कार्य विभाग में ऐसी कई शिक्षिकाएं हैं जो पैसे के बल पर परिवीक्षा अवधि में होने के बाद में अपनी मनपसंद जगह में अटैचमेंट कराकर आज भी नौकरी कर रही हैं, खासकर जब अटैचमेंट की बात हो तब शासन के दिशा-निर्देशों को हमेशा ही नजरअंदाज करते हुए सहायक आयुक्त ने अपने चहेते शिक्षकों को कार्यालयीन काम एंव अधीक्षक /अधीक्षिकाओं को अटैचमेंट करना आम बात है। हाल ही में अटैचमेंट का नया कारनामा बिल्कुल चौंका देने वाला है। आदिवासी कन्या छात्रावास चौरई की अधीक्षिका जो परिवीक्षा अवधि में होने के बाद अधीक्षिका बनाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि फिर सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग छिंदवाड़ा में परिवीक्षा अवधि में चल रही एक और शिक्षिका को अटैचमेंट कर अधीक्षिका बना दिया गया है जिससे इस शिक्षक की मूल पदस्थापना स्थल पर बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी पड़ गई है। लेकिन क्या आयुक्त जनजाति कार्य विभाग भोपाल से जारी आदेश को अब सहायक आयुक्त छिंदवाड़ा इस आदेश को मानेंगे या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा…?
अगली खबर में देखें छिंदवाड़ा के जनजातीय कार्य विभाग में कौन-कौन से शिक्षक शिक्षिकाओं का हुआ है परिवीक्षा अवधि में अटैचमेंट
रिपोर्ट -ठा. रामकुमार राजपूत
मोबाइल -8989115284







