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जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावास के जिला मुख्यालय के छात्रावास में अटैचमेंट के लिए लाखों रुपयें का लेनदेन…?

जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावास के जिला मुख्यालय के
छात्रावास में अटैचमेंट के लिए लाखों रुपयें का लेनदेन…?

आखिर कब तक आदिवासी समाज के बच्चों के साथ होते रहेगा अन्याय…?

पंचायत दिशा समाचार

छिंदवाड़ा / मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिलें के जनजातीय कर विभाग में इन दिनों भ्रष्टाचार का बोलबाला है जिसका फायदा इन दिनों जिला मुख्यालय में आने के लिए शिक्षक /शिक्षिकाएं खूब उठा रही है पैसे के बलबूते पर इन दोनों शिक्षक /शिक्षिका ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल छोड़ रहे है जिसके कारण आदिवासी बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं है , ग्रामीण क्षेत्र की कई शाला तो शिक्षक विहीन है , लेकिन इस ओर जनजातीय विभाग के सहायक आयुक्त का कोई ध्यान नहीं है और शिक्षक/शिक्षिकाओं का अटैचमेंट करते जा रहे हैं ऐसा ही एक मामला देखने को मिला जंहा बिछुआ ब्लाक से हटाकर एक शिक्षिका को जिला मुख्यालय के कान्या शिक्षा परिसर में स्थित आदिवासी कन्या आश्रम में अधीक्षिका बना दिया है , जबकि शिकवा शिकायत के कारण पहले भी इस शिक्षिका को अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास चौरई से हटाया गया था लेकिन जिलें में बैठे सहायक आयुक्त एवं एक बाबू की मिलीभगत (चढ़ावा) लेकर महिला शिक्षिका को दोबारा कन्या आश्रम की अधीक्षिका बना दिया गया …
छिंदवाड़ा जिले में इन दोनों छात्रावास /आश्रम शाला की कुर्सी के लिए ऐसा लग रहा है कि छात्रावास में अधीक्षक के पद के लिए नीलामी शुरू…!

तबादलों के इस दौर में जनजातीय विभाग में अधिकारी एवं विभाग के बाबू मिलकर जमकर वसूली करने में लगे हुए हैं। आलम यह है कि अधीक्षकों को हटाने और उनकी मनपसंद जगह पहुंचाने की कीमत भी तय कर दी गई है। सूत्रों की माने तो पिछले दिनों ऐसे कई आदेश जारी हुआ है, जिसमें अधीक्षक / अधीक्षिकाओं के पद के लिए लाखों की बोली लगी है , जिसमें छिंदवाड़ा मुख्यालय के तीन छात्रावास / दो कन्या आश्रम शाला के लिए लाखों का लेनदेन हुआ है , प्रति आश्रम एवं छात्रावास के लिए दो-दो लाख रुपए की वसूली की गई है, छिंदवाड़ा शहर के छात्रावास एवं कन्या शिक्षा परिसर के आश्रम शाला की मलाईदार कुर्सी में बिठाया गया है। जबकि ये शिक्षक/शिक्षिका पहले भी अधीक्षक/अधीक्षिका रह चुके हैं जिनकी बच्चों के द्वारा घटिया खाना देने सहित कई अनियमिता के आरोप लगा चुके हैं उसके बाद भी पैसों का लेनदेन कर इन्हें फिर अधीक्षक/अधीक्षिका बना दिया गया .जिले में आखिर तक यूं ही भ्रष्टाचार पनपते रहेगा..!

जनजाति कार्य विभाग भोपाल के आयुक्त के आदेश की कर रहे हैं अनदेखी…

कार्यालय आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग के आदेश क्रमांक/शिक्षा स्था. 3/स्था./1026/2025/12745
दिनांक 24.06.2025 को आयुक्त जनजाति कार्बंक भोपाल ने आदेश जारी करते हुए समस्त कलेक्टर को आदेश जारी हुआ है की परिवीक्षा अवधि में जारी स्थानांतरण आदेश निरस्त करने के बिषय में पत्र जारी हुआ है कि मध्यप्रदेश के जिलों में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि 03 वर्ष की परिवीक्षा अवधि समाप्त होने के पूर्व ही प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक का स्थानांतरण जिले में एक स्थान से दूसरे स्थान पर कर दिया गया है। जो विभागीय नीति अनुसार प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के स्थानांतरण सेवा में उपस्थिति दिनांक (Date of Joining) से 03 वर्ष की अवधि अर्थात् परिवीक्षा अवधि के दौरान अनुमन्य नहीं हैं। अतः निर्देशित किया जाता है कि उक्त प्रकार के जिला स्तर पर किए गए समस्त स्थानांतरण तत्काल प्रभाव से निरस्त कि जायें और ऐसे शिक्षक/शिक्षिकाओं को अपनी मूल शाला में ही वापस किया जायें