भाजपा के राज में सुरक्षित नहीं आदिवासी बहन-बेटियां
–आदिवासियों पर आए दिन हो रहे अत्याचार, अनाचार व दुराचार
छिन्दवाड़ा:- केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकार का आदिवासी हितैषी मुखौटा उतर चुका है। आए दिन आदिवासी भाइयों व बहनों पर प्रदेश के किसी ना किसी हिस्से में अत्याचार, अनाचार व दुराचार की वारदातों ने कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। स्वयं मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग है बावजूद इसके प्रदेश की कानून व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। खंडवा जिले के खालवा क्षेत्र में गत दिवास एक 45 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात के उपरांत पीड़ित महिला की मौत भाजपा सरकार के लिए शर्मनाक है। उक्त उदगार आज जिला महिला कांग्रेस आदिवासी विभाग की महिला नेत्रियों ने जिला कलेक्ट्रेट में ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए व्यक्त किए।
जिला महिला कांग्रेस आदिवासी विभाग ने प्रस्तुत ज्ञापन में उल्लेख किया कि आदिवासी महिलाओं, बहन व बेटियों के साथ दिन प्रतिदिन हो रहे दुष्कर्म, हत्या, शोषण व अत्याचार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और भाजपा सरकार कुम्भकर्णी नींद में है। सरकार नींद में है इसीलिये अपराधी बेखौफ वारदातों को अंजाम दे रहे। घटित होते महिला सम्बंधित अपराधों ने बहन-बेटियों के दिलों में खौफ पैदा कर दिया है। हाल ही में खंडवा जिले के खालवा क्षेत्र में आदिवासी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और हत्या कर दी गई। इस वारदात ने सम्पूर्ण आदिवासी समाज को झंकझोर दिया है। उक्त वारदात के विरोध में जिला महिला कांग्रेस आदिवासी विभाग ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए आदिवासी समाज की सुरक्षा हेतु ठोस कदम उठाने की मांग करते हुए महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू के नाम कलेक्ट्रेट में ज्ञापन प्रस्तुत किया।
भाजपा की सरकार में सुरक्षित नहीं आदिवासी समाज
प्रस्तुत ज्ञापन के माध्यम से महिला नेत्रियों एवं कार्यकर्ताओं ने सरकार का ध्यानाकार्षण करते हुए कहा कि भाजपा की सरकार में आदिवासी सुरक्षित नहीं है। भाजपा शासन काल के दौरान आदिवासियों पर सर्वाधिक अत्याचार व अपराध घटित हुए है। यह रिकॉर्ड इस बात का प्रमाण है कि भाजपा सरकार में आदिवासी किसी भी स्तर पर सुरक्षित नहीं है। इसके पूर्व भी प्रदेश के अन्य जिलों में आदिवासी से सम्बंधित जघन्य अपराध घटित हुए किन्तु प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. श्री मोहन यादव जिनके पास ग़ृह विभाग भी है उन्होंने कोई ठोस कार्रवाई के निर्देश नहीं दिए फलस्वरूप आदिवासी शोषित व प्रताडित हो रहे हैं। महिला कांग्रेस आदिवासी विभाग ने प्रस्तुत ज्ञापन में सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के अपराधिकयों को तत्काल फांसी देने की मांग की है।
ज्ञापन प्रस्तुत करते समय रेखा उइके, शिवा रावबतेले, सुनीता धुर्वे, दुर्गा इवनाती, दुर्गा सल्लाम, रेणु डेहरिया, शीला उइके, अरूणा तिलंते, रामनारायण परतेती, दशरथ उइके, शिवकुमार सिरसाम, सुरेश कपाले, वैशाखू भलावी, मनोज धुर्वे व स्नेह सरयाम सहित बड़ी संख्या में महिला कांग्रेस आदिवासी विभाग की पदाधिकारी व कार्यकर्तागण उपस्थित रहीं।