“नवरात्री विशेष”
हिंगलाज माता मंदिर: आस्था और मान्यता का अद्भुत केंद्र
छिन्दवाड़ा/29 मार्च 2025/ छिंदवाड़ा शहर के विकासखंड परासिया के गुड़ी-अम्बाड़ा के पास स्थित हिंगलाज माता मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है। मान्यता है कि इस मंदिर में मां के दरबार में लगाई गई हर अर्जी पूरी होती है। भारत में हिंगलाज माता के केवल दो ही मंदिर हैं—एक पाकिस्तान की सीमा के पास और दूसरा छिंदवाड़ा जिले के बर्कुही के निकट अंबारा में स्थित है।

मंदिर का भौगोलिक स्थान और धार्मिक महत्व
यह मंदिर नगर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण दिशा में परासिया रोड के रास्ते पर स्थित है। श्रद्धालु यहां प्रतिदिन दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को यहां पूजा-अर्चना का विशेष महत्व माना जाता है।

नवरात्रि में विशेष व्यवस्था और सुरक्षा प्रबंध
नवरात्रि के दौरान मंदिर परिसर में पुलिस बल तैनात रहता है और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाती है ताकि भक्तजन सुरक्षित रूप से अपनी आस्था प्रकट कर सकें। बच्चों के मनोरंजन के लिए झूला-चकरी और अन्य खिलौनों की व्यवस्था भी की गई है।

विशेष जल कुंड और परंपरा
मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक विशेष सीमेंटेड गड्ढा बनाया गया है, जो करीब एक फीट गहरा, तीन फीट लंबा और 15 फीट चौड़ा है। इसमें निरंतर जल बहता रहता है, जिसमें श्रद्धालु अपने पैर धोकर मंदिर में प्रवेश करते हैं और मां हिंगलाज की पूजा-अर्चना करते हैं।
नवरात्रि में ज्योति कलश की अनोखी परंपरा
नवरात्रि के अवसर पर मंदिर में एक हजार से अधिक ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाते हैं, जिससे मंदिर परिसर का माहौल अत्यंत भक्तिमय हो जाता है।

मंदिर का ऐतिहासिक प्रसंग
मंदिर के इतिहास से जुड़ी एक रोचक किवदंती के अनुसार, कोलमाइन के एक अंग्रेज मालिक ने मंदिर की मूर्ति हटाने का प्रयास किया था। इस दौरान खदान में पत्थर धंस गया और वह अंग्रेज खदान में ही जिंदा दफन हो गया।
राजस्थान के काठियावाड़ राजघराने से संबंध
यह मंदिर राजस्थान के काठियावाड़ के राजा की कुलदेवी के रूप में भी प्रसिद्ध है। हिंगलाज माता का यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होने के साथ-साथ धार्मिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण प्रतीक भी है, जहां भक्तजन अपनी मन्नतें पूरी होने की आशा लेकर आते हैं।